शिवपुरी। जिले की सात वन रेंज में 2500 हेक्टेयर में प्लांटेशन की तैयारी ग्रीष्म काल में ही शुरू कर दी थी,इसलिए गर्मियों में ही नई पौध रोपाई के लिए गड्ढे खुदवाए गए थे। अब मानसून का सत्र शुरू हो चुका है। इसलिए खोदे गए गड्ढे में पौधे रोपने का कार्य भी वन विभाग ने तेज गति से कर दिया है।
जुलाई के पहले सप्ताह में 22 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखकर पौधे रोपने का काम तेजी से चल रहा है। विभाग के अफसरों का मानना है कि बरसात की शुरुआत में ही पौधे रोपने पूरे सीजन में पानी मिलता रहेगा। इस तरह प्लांटेशन में रोपे गए अधिकतर पौधे जिंदा रहने की संभावना अधिक रहेगी।
सामान्य वन मंडल की सातों रेंज में जिन जगहों पर पौधे खत्म होने से मैदान दिखने लगे हैं। वहां हरियाली बढ़ाने के लिए बरसात में प्लांटेशन शुरू हो गया है। विभाग द्वारा पहले ही प्लांटेशन के लिए जगह चुन ली थीं, जहां गर्मियों में गड्ढे खुदवा दिए थे, अब उन प्लांटेशन में बरसात के साथ पौध रोपे जाने लगे हैं।
शिवपुरी रेंज की शहर से लगी लुधावली बीट में ही प्लांटेशन का काम चल रहा है। इसके अलावा भी जिले में दूर दराज क्षेत्रों में प्लांटेशन कराया जा रहा है। यदि बरसात अच्छी रही और पौधे जीवित रहे तो हरियाली पहले से ज्यादा बढ़ जाएगी।
बताया जा रहा है कि जंगल में उगने वाली प्रजातियों के पौधे रोपे जा रहे, ये पौधे कम बरसात में भी पनप जाते हैं प्लांटेशन में सामान्यत जंगल में उगने वाले पौधे रोपे जा रहे हैं। खासकर शीशम, चिरौल, नीम, आंवला, अर्जुन, हर्ररा, बहेड़ा, खैर, सागवान, हमेर, इमली, सिरस, महुआ, प्रजातियों के पौधे लग रहे हैं। कम बरसात में भी यह पौधे पनप जाते हैं।
करधई में वनविभाग का नया प्रयोग शुरू
वन विभाग ने हरियाली बढ़ाने के लिए करधई वाले क्षेत्र में नया प्रयोग किया है। किसी कारण से करधई के पेड़ कट गए हैंए लेकिन वहां रूट स्टॉक बचे हैंए ऐसी जगह चिन्हित की हैं। करीब 500 हेक्टेयर की बाउंड्रीवाल कराई है। यहां खाली जगह में पौधे भी लगाए जाएंगे। सुरक्षित होने से करधई के जंगल फिर से बढ़ सकेंगे।
पिछोर में 8 प्लांटेशन तैयार किए जा रहे है जिसमें 450 हेक्टेयर वन भूमि में 4 लाख पौधारोपण किया जा रहा हैं वही करैरा में पौधे को रोपने का कार्य 15 स्थानों पर किया जा रहा है जिसके लिए 800 हेक्टेयर भूमि का उपयोग कर 6 लाख पौधे रोपे जा रही है। सतनवाड़ा में 8 जगह 450 हेक्टेयर जमीन पर 4.50 लाख पौधे रोपे जा रहे है। पोहरी में 12 जगह 600 हेक्टेयर में 2.5 लाख पौधे लगाए गए है। इसी प्रकार शिवपुरी रेंज में 6 स्थानो पर 400 हेक्टेयर वन भूमि पर 2.50 लाख पौधे रोपे जा रहे है। बदरवास में 2 स्थानों पर 100 हेक्टेयर भूमि पर 50 हजार पौधे,कोलारस में 2 स्थानों पर 100 हेक्टेयर में 50 हजार पौधे रोपने का कार्य किया जा रहा हैै।
इनका कहना है
जुलाई के पहले सप्ताह में ही रोपण पूरा करा रहे हैं, 'जिले की सातों रेंज में इस साल 2500 हेक्टेयर में प्लांटेशन तैयार कराए हैं जहां 22 लाख पौधे रोपे जा रहे हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में ही पौध रोपण का काम पूरा करा रहे हैं, ताकि पूरी बरसात पानी मिलती रहे। करधई के रूट स्टॉक जहां बचे हैं, वहां बाउंड्रीवॉल करवाई है। इससे जंगल में पौधे सुरक्षित रहने से हरियाली स्वतरू बढ़ जाएगी।
सुधांशु यादव, डीएफओ, सामान्य वन मंडल जिला शिवपरी
जुलाई के पहले सप्ताह में 22 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखकर पौधे रोपने का काम तेजी से चल रहा है। विभाग के अफसरों का मानना है कि बरसात की शुरुआत में ही पौधे रोपने पूरे सीजन में पानी मिलता रहेगा। इस तरह प्लांटेशन में रोपे गए अधिकतर पौधे जिंदा रहने की संभावना अधिक रहेगी।
सामान्य वन मंडल की सातों रेंज में जिन जगहों पर पौधे खत्म होने से मैदान दिखने लगे हैं। वहां हरियाली बढ़ाने के लिए बरसात में प्लांटेशन शुरू हो गया है। विभाग द्वारा पहले ही प्लांटेशन के लिए जगह चुन ली थीं, जहां गर्मियों में गड्ढे खुदवा दिए थे, अब उन प्लांटेशन में बरसात के साथ पौध रोपे जाने लगे हैं।
शिवपुरी रेंज की शहर से लगी लुधावली बीट में ही प्लांटेशन का काम चल रहा है। इसके अलावा भी जिले में दूर दराज क्षेत्रों में प्लांटेशन कराया जा रहा है। यदि बरसात अच्छी रही और पौधे जीवित रहे तो हरियाली पहले से ज्यादा बढ़ जाएगी।
बताया जा रहा है कि जंगल में उगने वाली प्रजातियों के पौधे रोपे जा रहे, ये पौधे कम बरसात में भी पनप जाते हैं प्लांटेशन में सामान्यत जंगल में उगने वाले पौधे रोपे जा रहे हैं। खासकर शीशम, चिरौल, नीम, आंवला, अर्जुन, हर्ररा, बहेड़ा, खैर, सागवान, हमेर, इमली, सिरस, महुआ, प्रजातियों के पौधे लग रहे हैं। कम बरसात में भी यह पौधे पनप जाते हैं।
करधई में वनविभाग का नया प्रयोग शुरू
वन विभाग ने हरियाली बढ़ाने के लिए करधई वाले क्षेत्र में नया प्रयोग किया है। किसी कारण से करधई के पेड़ कट गए हैंए लेकिन वहां रूट स्टॉक बचे हैंए ऐसी जगह चिन्हित की हैं। करीब 500 हेक्टेयर की बाउंड्रीवाल कराई है। यहां खाली जगह में पौधे भी लगाए जाएंगे। सुरक्षित होने से करधई के जंगल फिर से बढ़ सकेंगे।
पिछोर में 8 प्लांटेशन तैयार किए जा रहे है जिसमें 450 हेक्टेयर वन भूमि में 4 लाख पौधारोपण किया जा रहा हैं वही करैरा में पौधे को रोपने का कार्य 15 स्थानों पर किया जा रहा है जिसके लिए 800 हेक्टेयर भूमि का उपयोग कर 6 लाख पौधे रोपे जा रही है। सतनवाड़ा में 8 जगह 450 हेक्टेयर जमीन पर 4.50 लाख पौधे रोपे जा रहे है। पोहरी में 12 जगह 600 हेक्टेयर में 2.5 लाख पौधे लगाए गए है। इसी प्रकार शिवपुरी रेंज में 6 स्थानो पर 400 हेक्टेयर वन भूमि पर 2.50 लाख पौधे रोपे जा रहे है। बदरवास में 2 स्थानों पर 100 हेक्टेयर भूमि पर 50 हजार पौधे,कोलारस में 2 स्थानों पर 100 हेक्टेयर में 50 हजार पौधे रोपने का कार्य किया जा रहा हैै।
इनका कहना है
जुलाई के पहले सप्ताह में ही रोपण पूरा करा रहे हैं, 'जिले की सातों रेंज में इस साल 2500 हेक्टेयर में प्लांटेशन तैयार कराए हैं जहां 22 लाख पौधे रोपे जा रहे हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में ही पौध रोपण का काम पूरा करा रहे हैं, ताकि पूरी बरसात पानी मिलती रहे। करधई के रूट स्टॉक जहां बचे हैं, वहां बाउंड्रीवॉल करवाई है। इससे जंगल में पौधे सुरक्षित रहने से हरियाली स्वतरू बढ़ जाएगी।
सुधांशु यादव, डीएफओ, सामान्य वन मंडल जिला शिवपरी