यह SHIVPURI है जनाब: गुरुवार को शहर की सड़कों पर 6 मगरमच्छ, खूंटे से बांध दिए जाते है-खींची जाती है सेल्फी

Bhopal Samachar
शिवपुरी।  पानी का सबसे खतरनाक जीव मगरमच्छ शिवपुरी शहर के निवासियों के लिए फ्रेंडली हो गया है और यह साहस ऐसे ही नही आया है शिवपुरी शहर के वासियो में प्रशासन ने पैदा किया है। प्रशासन पूरे शहर के निवासियों में वीरता भरना चाहता है,इसलिए ही शायद प्रशासन ने मगरमच्छो को शहर भ्रमण करने की लिए द्वार खोल दिए है,और शिवपुरी शहर के हर दिशा में एक ही दिन में आधा दर्जन मगरमच्छ शहर भ्रमण पर निकल आए,जिसमें 5 मगरमच्छ का रेस्क्यू किया गया और एक मगरमच्छ भूमिगत हो गया।

भुजरिया तालाब से माॅर्निंग वाॅक करता हुआ मि मगरमच्छ पहुंचे फिजिकल पर

 सुबह 6 बजे फिजिकल क्षेत्र में जो लोग हेल्थ प्रेमी है और मॉर्निंग वॉक करने निकले थे उन्हें फिजिकल क्षेत्र की एक नाली में मिस्टर मगरमच्छ वॉक करते मिल गए। जब लोगो ने इस मगरमच्छ को देखा तो इससे भयभीत नहीं हुए बल्कि पास जाकर इसकी वीडियो फोटो बनाने लगे और सेल्फी भी लेने का प्रयास करने लगे। फिजिकल चौकी पुलिस केा मिस्टर मगरमच्छ के आने की खबर मिली की साहेब घूमते घूमते थाना क्षेत्र में आ गए तो मिस्टर मगरमच्छ को प्रोटेक्शन देने के लिए थाना पुलिस पहुंच गई। विडियो और सेल्फी ले रहे लोगों को हटाया गया,मामले की सूचना वन विभाग को दी गई।

फिजिकल कॉलेज की रोड पर नाली में मिस्टर मगरमच्छ

जानकारी के अनुसार आज गुरुवार की सुबह 6 बजे फिजिकल कॉलेज के सामने एक नाली में लगभग 20 फुट के लंबे मगरमच्छ को नाली में देखा गया था। मगरमच्छ की सूचना वन विभाग की रेस्क्यू टीम को भी दी गई थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने करीब 25 मिनट में मगरमच्छ को अपने कब्जे में लिया इसके बाद मगरमच्छ का सकुशल रेस्क्यू कर रेस्क्यू टीम अपने साथ ले गई अब मगरमच्छ को सकुशल चांद पाटा झील में छोड़ दिया जाएगा।

भुजरिया तालाब है जिसमें भारी संख्या में मगरमच्छ है संभवत इसी तालाब से निकलकर मगरमच्छ नाली के रास्ते फिजिकल कॉलेज जा पहुंचा था। स्थिति यह रही कि नाली में मगरमच्छ अपने आपको वापस पलट भी नहीं पा रहा था इसी के चलते वह नाली के सहारे सीधा चलता हुआ फिजिकल कॉलेज तक पहुंच गया था।


शिवपुरी शहर में एक.एक कर ऐसे निकलते रहे मगरमच्छ

1. दुबे नर्सरी, फतेहपुर क्षेत्र में दुबे नर्सरी के पास बुधवार की रात 10 बजे 3 फीट
का मगरमच्छ देखा गया। रेस्क्यू टीम 11:30 बजे मगरमच्छ को पकड़कर चांदपाठा में छोड़ आई।

2. मजिस्ट्रेट कॉलोनी,कटमई स्थित मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पास गुरुवार की सुबह 7:30 बजे 3.4 फीट का मगरमच्छ आ गया। नेशनल पार्क से रेस्क्यू टीम पहुंची और मगरमच्छ को पकड़ लिया।

3. फिजिकल कॉलेज के आगे, कटमई से टीम मगरमच्छ लेकर चलती, तभी 8 बजे फिजिकल कॉलेज के आगे मगरमच्छ होने की सूचना आई। टीम पहुंची और एक घंटे की मशक्कत के बाद 9:30 बजे 8 फीट का बड़ा मगरमच्छ पकड़ लिया।

4. बाणगंगा फिल्टर प्लांट रेस्क्यू टीम ने कठमई व फिजिकल कॉलेज से पकड़े दोनों मगरमच्छ चांदपाठा में छोड़ेए तभी 9रू45 बजे कॉल आया कि बाणगंगा फिल्टर प्लांट के पास 4 फीट का मगरमच्छ आ गया है। इसे भी पकड़ा और चांदपाठा में छोड़ा।

5. स्टेडियम शिवपुरी रू स्टेडियम की शूटिंग रेंज हॉल के पास गुरुवार की शाम 6 बजे 3 फीट का मगरमच्छ पहुंच गया। रेस्क्यू टीम पहुंची, तब तक मगरमच्छ स्टेडियम में गायब हो चुका था। मगरमच्छ को काफी तलाश किया।

6. मनियर बस्ती: बीज गोदाम के पीछे नरेश ओझा के मकान के पास गुरुवार रात 8 बजे चार फीट का मगरमच्छ आ गया। पार्क टीम के प्रवेंद्र चौहान, कपिल शर्मा व नरेश ओझा रात 9 बजे के बाद रेस्क्यू किया और संग ले गई।

सड़क पर मगरमच्छ,खूंटे से बांध दिए जाते है

शिवपुरी शहर की सडको पर मगरमच्छ निकलने की घटना आम है, जब यह खबर समाचारों में प्रकाशित होती है दूसरे शहर के लोग थोडे से आश्चर्य चकित होते है। शिवपुरी शहर में मगरमच्छ को लोग आसानी से पकड़ कर खूटे से बांध देते है ऐसा दर्जनों बार शिवपुरी में हुआ है उसके फोटो वीडियो वायरल भी हुए हैएकभी कभी तो हमारे शिवपुरी के शैतानी बच्चों को अगर मगरमच्छ का बच्चा दिख जाए तो सिर पर उठाकर भी घूमने निकल जाते है और फोटो सेशन भी कराते है, ऐसे वीडियो 2 वर्ष पूर्व कमालगंज क्षेत्र से आया था वन विभाग को इस किडस मगरमच्छ को तलाशने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

शिवपुरी के प्रशासन ने ऐसे कई रास्ते खुले रखे है जहा से मगरमच्छ आसानी से सडको पर आ जाते है। शहर के नाले की सफाई के लिए नाले की बाउंड्री तोड़ी थी यह बाउंड्री पिछले साल तोडी गई थी कि इसमें सफाई वाली मशीन आसानी से प्रवेश कर सके, लेकिन फिर बनाने की जहमत नहीं उठाई क्योंकि शिवपुरी प्रशासन को शिवपुरी में पल रहे मगरमच्छ को फ्रेंडली बनाया जा सके वही भी आसानी से शिवपुरी की सडको या नालियो में भ्रमण कर सके आखिर ये शहर भी उनका है।