शिवपुरी में आसमान से बरसी 15 मिनट तक सफेद तबाही, खड़ी फसल खेतों मे-1 दर्जन गांवों में भारी नुकसान- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी जिले के आसमान मे लंदे संकट के बादल शुक्रवार को जिले के 1 दर्जन गांवों मे सफेद तबाही गिराते रहे। तबाही रूपी गिरे चने के आकार के तेज रफ्तार ओलो से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं बताया जा रहा है।

बैराड़ तहसील अंतर्गत ग्राम बबनपुरा, बरौद सहित बैराड़ में तेज बारिश के साथ बड़े आकार के ओले गिरे। इसके अलावा आसपास के करीब दर्जन भर गांवों में चने के आकार के ओले गिरे। इसके अलावा खनियाधाना के लहरों में तो हालात यह हो गए कि सड़कों सहित पूरी जमीन पर बर्फ की चार बिछ गई। वहीं करैरा में भी चने के आकार के ओले कई गांवों में गिरे। यह ओलावृष्टि करीब 10 से 15 मिनट तक होती रही।

इसके अलावा कोलारस, बदरवास व पिछोर के कई गांवों में लगभग आधा घंटे तक तेज बारिश होती रही। शुक्रवार को हुई बेमौसम बारिश के चलते इन क्षेत्रों में बारिश से नाजारा नजर आया। करीब 15 मिनट तक हुई बारिश के कारण ही सड़कों पर और नालियों में पानी बहने लगा जिससे बारिश की तीव्रता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

बेमौसम बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि के कारण किसान हैरान हो गए और इस ओलावृष्टि ने किसान की परेशानी बढ़ा दी । किसाने माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगीं क्योंकि महज 15 मिनट की बारिश ने खेतों में खड़ी फसल को आड़ा बिछा दिया। कई किसानों की आंखों से तो आंसू निकल गए क्योंकि उनकी खेतों में चने की फसल के साथ-साथ देर से बोई गई सरसों, मसूर आदि की फसल तैयार खड़ी हुई थी। इसके अलावा जहां-जहां ओलावृष्टि हुई है वहां-वहां गेहूं सहित अन्य फसलों में नुकसान हुआ है।


किसानों की चिंता इस बात को लेकर भी है कि मौसम अभी भी खराब है और अभी जिले के आसमान में संकट के बादल छाए हुए है अगर आगे भी बारिश हुई तो नुकसान का बडना तय है। एक ओर आसमान से गिरे ओलों ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी तो दूसरी और कृषि विभाग के उपसंचालक को यह तक नहीं पता कि जिले में ओलावृष्टि हुइ है। उप संचालक कृषि यूएस तोमर से जब फसलों के नुकसान के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि मैं अभी पिछोर से आ रहा हूं वहां तेज बारिश हुई है ओले नहीं गिरे।

मेरी जानकारी में कहीं ओले गिरने की सूचना नहीं है। यदि कहीं ओले गिरे हैं तो कृषि, राजस्व और पंचायत विभाग की कर्मचारियों क टीम गठित कर सर्वे करवाएंगे। सरसों की 95 प्रतिशत फसल तो किसान ले चुके हैं और जो बची है वह किसान ने पहले ही ढंक ली है। पिछोर में गेहूं की फसल में कई जगह दाना आ गया था, बारिश और आंधी के कारण गेहूं के रंग पर असर पड़ेगा।

क्षेत्र में जिस तरह से बारिश और ओलावृष्टि हुई है। उससे कई गांवों में गेहूं और सरसों के साथ-साथ अन्य फसलों में भी नुकसान हुआ है। प्रारंभिक तौर पर 40 से 50 प्रतिशत तक नुकसान होने का अनुमान है। किसान काफी परेशान हैं, अगर रात को बारिश और ओलावृष्टि और हो जाती है तो नुकसान बढ़ सकता है।
रमेश यादव, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष

यदि इस समय बारिश के साथ फसल - पर ओलावृष्टि हुई है तो वहां नुकसान होना तय है। नुकसान कितना होगा यह ओलों के आकार और उनकी तीव्रता के साथ-साथ इस बात पर निर्भर करता है कि ओले कितनी देर गिरे हैं।
डा. एमके भार्गव कृषि वैज्ञानिक
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