प्रभारी मंत्री और कलेक्टर के बीच तनाव, कारण तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार, बचा ले गई मूल भाजपा- Shivpuri News

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शिवपुरी।
कोलारस की रिश्वतखोर तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार के कारण शिवपुरी के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के बीच न केवल तनाव उपस्थित हो गया बल्कि मध्य प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का प्रमुख केंद्र भी बन गया। अब यह मामला दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है,वही कोलारस में चर्चा है कि फिर मूल भाजपा इस जंग में जीत गई है सिंधिया सरकार को मुंह की खानी पडी है। बताया जा रहा है कि जिस दिन प्रभारी मंत्री ने कोलारस की प्रभारी तहसीलदार को सस्पेंड करने का बयान मीडिया को दिया था उसी शाम तहसीलदार के समर्थन में कोलारस के भाजपा मूल भाजपा के जनप्रतिनिधि और नेता आ गए थे।

ज्योति लाक्षाकार प्रकरण- फ्लैशबैक

कोलारस में खरई रोड पर रहने वाले विक्रम राजावत ने 21 जनवरी को कोलारस की प्रभारी तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार पर मुरम से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़ने के एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। विक्रम ने इस मामले में पेट्रोल पंप सहित बाजार के CCTV फुटेज भी उपलब्ध कराए थे, जिसमें तहसीलदार का वाहन और मुरुम से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली दोनों दिखाई दे रहे थे। भाजपा नेता हरिओम रघुवंशी ने इस मामले की जानकारी प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया तक पहुंचाई और प्रभारी मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने कोलारस की प्रभारी तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को सस्पेंड कर दिया है। इस बाबत समाचार भी प्रकाशित हो गए थे।

कलेक्टर ने ज्योति लाक्षाकार को निलंबित नहीं किया, अपने ऑफिस में बुला लिया

ज्योति लक्षकार मूल रूप से नायब तहसीलदार हैं। उन्हें कोलारस तहसीलदार पद का प्रभार सौंपा गया था। प्रभारी मंत्री द्वारा निलंबित किए जाने की घोषणा के बाद कलेक्टर ने ज्योति लाक्षाकार को सस्पेंड करने की प्रक्रिया शुरू नहीं की बल्कि उनका प्रभार समाप्त करके लेकर कलेक्टर कार्यालय में वापस बुला लिया। अब यही बात, मुद्दा बन गई है।

प्रभारी मंत्री के आदेशों की इससे पूर्व भी होगी अवेहना

प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया शिवपुरी में हुए ट्रांसफर ओर अवैध उत्खनन सहित नशे के कारोबार को लेकर शिवपुरी के अधिकारियों के प्रति नाराजगी जता चुके है। इसको लेकर मीडिया तक में बयान जारी कर दिए थे,नशे के कारोबार और अवैध उत्खनन का कारोबार तो अभी तक रुका नही है। अवैध उत्खनन के मामले में ही कोलारस की प्रभारी तहसीलदार को रिश्वत वसूलने के आरोप में सस्पेंड किया था लेकिन तहसीलदार सस्पेंड नहीं हुई बल्कि काम करने की जगह को बदल दिया गया है।

अब शिवपुरी की राजनीति में चर्चा है कि मूल भाजपा के द्वारा तहसीलदार को इस रिश्वत के मामले में बचा लिया गया हैं,प्रभारी मंत्री जो सिंधिया सरकार के कोटे से आते है उनके आदेश की अवाना हो गई है। इस मामले में शिकायतकर्ता बने विक्रम राजावत पर दबाव बनाने की प्रक्रिया शुरू करते हुए विक्रम राजावत के पुराने मामलों की खुदाई भी शुरू कर दी हैं।

ट्रैक्टर घर से कौन ले गया-फुटेज में कैद होने के बाद भी कार्यवाही नहीं

इस मामले में तहसीलदार को बचाने का प्रयास किया जा रहा है,इसके बडा कारण स्पष्ट दिख रहा है कि प्रभारी तहसीलदार को सस्पेंड न करते हुए काम करने की जगह को बदल दिया गया है। वही विक्रम राजावत के घर से ट्रैक्टर उठा कर ले जाने वाले लोग कैमरो में कैद हुई है,लेकिन अभी तक इन प्राइवेट लोगों पर मामला दर्ज नहीं किया गया।

सूत्रों के अनुसार विक्रम राजावत इस मामले में पुलिस को आवेदन देने वाले थे कि ट्रैक्टर को घर से उठाकर ले जाने वालो पर लूट का मामला दर्ज हो लेकिन विक्रम राजावत अब कही भी नही दिखाई दे रहा है और आवेदन भी पुलिस के पास नहीं पहुंचा है। बताया जा रहा है कि ट्रेक्टर को घर से उठाने वाले लोग प्रभारी तहसीलदार की प्राइवेट फोर्स थी।
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