कागजी प्रक्रिया में फंस गया नई कलेक्ट्रेट निर्माण का मामला- साथ में SP आफिस ओर तहसील का- Shivpuri News

NEWS ROOM
शिवपुरी।
शहर के प्रवेश द्वार पर फोरलेन बाईपास पर शिवपुरी में बनने वाली कलेक्ट्रेट निर्माण की प्रक्रिया लटक गई हैं। यह मामला कागजी प्रक्रिया में फस गया है शिवपुरी की कई विकास की योजनाएं कागजी प्रक्रिया में फसकर उनकी चाल धीमी हो गई। अब नया मामला सामने शिवपुरी की नई प्रस्तावित कलेक्ट्रेट का आ रहा हैं।

उल्लेखनीय है कि नई कलेक्ट्रेट का निर्माण बजट के अभाव में शुरू नहीं हो पाया था बजट न होने पर प्रशासन ने हाउसिंग बोर्ड को पुराने रोडवेज बस स्टैंड की जमीन देने के बदले कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण का प्रस्ताव रखा। इसके बाद जमीन हाउसिंग बोर्ड को दे दी गई। इसके बाद यहां पर अतिक्रमण का मुद्दा सामने आ गया। प्रशासन ने दुकानदारों को नोटिस देकर कुछ अवैध निर्माण भी हटाए।

इसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने इसकी नीलामी करने की तैयारी कर ली। इससे अनुमानित 70 से 30 करोड़ रुपये की आय होती जिससे नई कलेक्ट्रेट सहित । एसपी ऑफिस, तहसील कार्यालय आदि का निर्माण होना है। हाउसिंग बोर्ड ने नीलामी के बाद टेंडर निकालने की योजना भी बना ली थी, लेकिन अब यह जमीन नीलाम ही नहीं हो पार रही हैं । इससे न सिर्फ कलेक्ट्रेट, बल्कि अन्य शासकीय कार्यालयों का निर्माण भी खटाई में पड़ गया। गौरतलब है कि नए तहसील कार्यालय का भूमिपूजन को कुछ दिनों पूर्व की मंत्री ने किया था।

शहर के मध्य में पुराने रोडवेज बस स्टैंड और वर्कशॉप के नाम 1.46 हेक्टेयर जमीन है, जो वर्तमान में अनुपयोगी पडी हुई है। कोरोना काल में सरकार पर आर्थिक संकट के बाद प्रस्तावित नई कलेक्ट्रेट का बजट राज्य स्तर से न मिल पाने के चलते स्थानीय स्तर पर हाउसिंग बोर्ड को पुराने बस स्टैंड की इस जमीन का उपयोग कर प्राप्त होने वाली राशि से नए कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण का प्रस्ताव तैयार हुआ था।

प्रारंभ में हाउसिंग बोर्ड को खुद इस जमीन पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स विकसित कर प्राप्त राशि से कलेक्ट्रेट का निर्माण कराना था, लेकिन बाद में हाउसिंग बोर्ड को वह जमीन सीधे टेंडर के जरिए एकमुश्त बेचनी है, लेकिन प्रदेश स्तर पर टाउन एंड कंट्री संचालनालय से सार्वजनिक उपयोग में दर्ज इस जमीन का व्यवसायिक डायवर्सन अटका होने के चलते टेंडर नहीं हो पा रहे हैं।

तीन मंजिला कलेक्ट्रेट के तलघर में होगी पार्किंग

तत्कालीन कलेक्टर अनुग्रह पी के कार्यकाल में पीआईयू ने तीन मंजिला कलेक्ट्रेट भवन के लिए करीब 20 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की थी, जिसमें तत्कालीन कलेक्टर ने फर्नीचर और जोड़ने के निर्देश दिए थे, जिस पर यह बजट तत्समय करीब 25 करोड़ हो गया था।

बाद में हाउसिंग बोर्ड को तीन मंजिला भवन के अलावा तलघर के निर्माण के निर्देश भी दिए गए, ताकि इसका उपयोग पार्किंग सहित चुनाव के दौरान काउंटिंग हाल के रूप में किया जा सके। इस संशोधन के बाद वर्तमान में नए कलेक्ट्रेट की लागत 30 से 32 करोड़ बताई जा रही है।

इनका कहना हैं
यह जमीन हम हाउसिंग बोर्ड को दे चुके हैं। इस जमीन पर हाउसिंग बोर्ड कैसे क्या करता है यह उनकी अपनी प्रक्रिया है। अगर जमीन का डायवर्सन नहीं हो पा रहा है तो हम हाउसिंग बोर्ड से परेशानी को समझ कर उसका डायवर्सन करवाने में हाउसिंग बोर्ड की मदद कर देंगे।
अक्षय कुमार सिंह कलेक्टर, शिवपुरी।