बामौरकलां की गौशाला में गोवंश को मिल रहा है फल सब्जी और लड्डू का भोजन: यू ही नही बनी यह आदर्श गौशाला- Shivpuri News

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अतुल जैन@ बमौरकलां।
शिवपुरी जिले की सीमा पर स्थित खनियाधाना जनपद में आने वाली पंचायत बामौर कलां में स्थित मां बगला वाली गौशाला जिले की ऐसी गौशाला है जिसे जिले की नंबर वन गौशाला का दर्जा प्राप्त है। उक्त गौशाला का जब सरकारी हाथों में थी जब भगवान भरोसे थी,लेकिन बामौरकलां के एक युवा ने इस गौशाला को गोद लेकर इसे जिले की एक आदर्श गौशाला बना दिया। आज यह गौशाला स्वावलंबन की दिशा में बड रही हैं और इस गौशाला में आज 150 गौवंश है।

बामौरकला पंचायत में पंचायत ने गौशाला का निर्माण कराया था,सरकारी खर्चे से भवन और शेड बन गया था लेकिन गौशाला संचालित नहीं हो रही थी धीरे धीरे यह गौशाला वीरान हो गई। बामौरकलां के युवा अभिषेक कुमार जैन ने फर्मासिस्ट ने बताया कि मै पिछले 15 सालो से आवारा बीमार और एक्सीडेंट मरीजों का उपचार करता था। कहीं भी हमारे क्षेत्र में आवारा जानवर बीमार होते थे या एक्सीडेंट में घायल होते थे आमजन मुझे फोन कर इसकी सूचना देते थे।

लेकिन किसी जानवर के यहां कीड़े लग जाते है तो उसका लगातार 4 दिन तक इलाज चलता है,में एक दिन जाकर उसका इलाज कर देता था लेकिन जानवर आवारा थे इसलिए मुझे दूसरे दिन नही मिलते थे काफी परेशानी आती थी इलाज करने में। बामौरकलां के सचिव मेरे इस काम को देखते थे तो उन्होने इस गौशाला को संभालने के लिए मुझे चुना।

जनवरी 2022 में इस गौशाला का संचालन मुझे सौंपा गया इस गौशाला में दान आता है अब यह गौशाला जिले की एक आदर्श गौशाला हैं। इस गौशाला में 150 की संख्या में गोवंश हैं,अब बीमार जानवरों को हम यहां लाते है और उसका इलाज करते हैं। इस गौशाला की देख रेख के लिए 2 चौकीदार नियुक्त किए जिनका वेतन 12 हजार है वह जनभागीदारी से आता हैं। वर्तमान में इस गौशाला में 150 फुट लंबा एक शेड था अब जनभागीदारी से दूसरे 150 शेड का निर्माण भी किया जा रहा है इस कारण इसमें गोवंश की संख्या में इजाफा हो जाऐगा।

आत्मनिर्भर होने की दिशा में बढ़ रही है यह गौशाला

बताया जा रहा है कि इस गौशाला को 5 दुधारू गाय दान में मिली हैं जो प्रतिदिन 10 लीटर दूध देती हैं। इन गायों के दूध से 50 गायों के चारे की व्यवस्था हो जाती हैं,इसके अतिरिक्त बाकी गौवंशो के चारे की व्यवस्था जनभागीदारी से होती हैं।

ऑल्टो CAR को काटकर बनाया गया http://गौ रथ, करती है रोटी एकत्रित

ऑल्टो गाड़ी को काटकर गौ रथ बनाया गया है,जिसमें घायल और बीमार गौवंश को उठाकर गौशाला में लाया जाता हैं। वही यह गाड़ी प्रतिदिन घरों से रोटी,फल,सब्जी भी एकत्रित करने का कार्य करती हैं वर्तमान में ठंड अधिक है इसलिए गोवंशों के लिए 56 किलो की लडडू बनाए गए हैं। हमारी गौशाला में गोवंश का प्रतिदिन रोटिया ओर फल सब्जी खाने को मिलती हैं। सब्जी वाले बची हुई सब्जी को प्रतिदिन शाम का यहां दान करते हैं।

गौशाला में लगाए गए फलदार वृक्ष

गौशाला में एक साल में 400 से अधिक फलदार पेड़ पौधे लगाए गए है जिनकी प्रतिदिन देखभाल की जाती हैं। इस गौशाला में हरा चारा उगाने की व्यवस्था भी गए हैं। वही जनभागीदारी समिति के द्वारा मिली रकम से मार्च तक का भूसा गौशाला में रखा गया हैं।
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