शिवपुरी की अशोक विहार कॉलोनी का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, कॉलोनी वासियों ने कहा प्रशासन से उम्मीद नहीं- Shivpuri News

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शिवपुरी।
अशोक विहार कालोनी में मकानों के निर्माण को लेकर प्रशासन और कालोनी वालों में चल रही कानूनी लड़ाई अब न्यायालय पहुंच गई है। प्रशासन कालोनी वालों के आवासों को अवैध घोषित करने के प्रयास में लगा हुआ है और उन्हें नोटिस थमाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कालोनी के रहवासियों ने न्यायालय की शरण ले ली है।

कालोनी वालों द्वारा लगाई गई याचिका पर न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई होगी। इसी के साथ सोमवार को कालोनी के लोग अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए नगर पालिका पहुंचे और उन्होंने लिखित में जवाब प्रस्तुत करते हुए अपने आवासों को विधि सम्मत बताते हुए नगर पालिका पर आरोप लगाया है। कि नगर पालिका ने यह नोटिस जारी कर न्याय प्रक्रिया को दूषित करने का प्रयास किया है।

उल्लेखनीय है कि नगर पालिका ने अशोक बिहार कालोनी में पहले तहसील कार्यालय द्वारा 28 घरों को नोटिस बांट कर उनके निर्माण को अवैध बताया था। इसके बाद नगर पालिका ने उन्हें नोटिस जारी कर उनके आवासों को अवैध दर्शाने का प्रयास किया और नोटिस के माध्यम से उनके आशियानों को ढहाने की चेतावनी दी।

ऐसे में प्रशासन से न्याय की आस खो चुके कालोनी के रहवासियों ने न्याय पाने के लिए न्यायालय की शरण लेते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी है। वहीं दूसरी ओर नगर पालिका द्वारा जारी किए गए नोटिस को जबाब देने के लिए कालोनीवासी सोमवार को अपने अधिवक्ता संजीव बिलगैया के साथ नगर पालिका पहुंचे और उन्होंने अपने.अपने जबाब नगर पालिका को प्रस्तुत किए।

कालोनी वालों द्वारा नगर पालिका को प्रस्तुत किए गए जवाब में उल्लेख किया है कि उन्होंने मकान निर्माण के संबंध में तत्समय आवेदन प्रस्तुत किए थे तथा डीम्ड परमीशन के आधार पर निर्माण विधि अनुसार किया गया है। इसके अलावा उनके द्वारा नपा को संपत्ति कर जमा किया गया है,जो अभिलेख का भाग है तथा उनके मकानों मे विधिवत नल एवं बिजली कनेक्शन भी संबंधित विभाग द्वारा जांच एवं सर्वे के बाद प्रदाय किए गए हैं। संबंधित कालोनी में समस्त शासकीय सुविधा स्वीकृत होने के साथ ही सड़क और सीवर आदि प्रदाय किया गया है ।

कालोनी वालों ने निर्माण विधि विरुद्ध नहीं किया है। ऐसे में उन्हें भेजे गए सूचना पत्र अर्थहीन और निरस्त करने योग्य हैं। इसके अलावा कालोनी वालों ने अपने जबाब में इस बात का भी उल्लेख किया है कि उनके द्वारा उच्च न्यायालय ग्वालियर के समक्ष याचिका प्रस्तुत की गई है। जो न्यायालय में विचाराधीन है। याचिका में नगर पालिका शिवपुरी रेस्पो डेंट क्रमांक. तीन है।

इस संबंध में प्रार्थियों के अभिभाषक द्वारा शासन को एडवांस नोटिस प्रदान किया गया और इसके बाद याचिका प्रस्तुत की गई जो न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसी परिस्थिति में याचिका प्रस्तुत होने के बाद पत्र प्रस्तुत जारी किया जाना न्यायिक प्रक्रिया को दूषित करने की श्रेणी में आता है।