शिवपुरी के इस गांव में 6 माह रहते है गांव में कैद, रास्ता नहीं: अब भोपाल तक पैदल यात्रा- Shivpuri News

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खनियाधाना।
खबर जिले के पिछोर अनुविभाग में आने वाले गांव ग्राम पंचायत अमरपुरा मजरा कमलपुरा से आ रही हैं कि यह गांव विकास से कोसों दूर हैं। ग्रामीणों का कहना है आजाद भारत को 70 साल से अधिक हो गए,लेकिन फिर भी हमें साल में आधे दिन अपने घर और गांव में ही कैद रहना पडता हैं।

खनियाधाना से 20 किमी दूर थाना मायापुर क्षेत्र में आने वाला गांव पंचायत अमरपुर देवरा में आने वाले गांव कमलपुरा में कुल जनसंख्या 250 लोगों की है लगभग 80 परिवार इसमें निवास करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव बसाबट 100 साल पुरानी है आजाद भारत की उम्र 70 साल से अधिक हो चुकी हैं लेकिन गांव में आज तक सड़क नहीं हैं। इस कारण प्रतिदिन हमारे ग्रामीणों का किसी जंग लड़ने जैसा हैं।

वर्षा काल में गांव में कैद हम, हमारे बच्चे कट जाता है संपर्क

ग्रामीणों ने बताया कि वर्षाकाल में हम गांव में ही कैद होकर रह जाते हैं। क्योंकि हमारे गांव तक आने का जो रास्ता है वह कच्चा हैं खेतों से काली मिट्टी है इस कारण निकलने में परेशानी होती हैं। सैकड़ों आवेदन आफिसो के चक्कर लेकिन हमारे गांव तक की सड़क नहीं बनी हैं। वर्तमान में दिसंबर माह शुरू हो चुका है बडी ही मुश्किल से हम निकल पाते हैं सोचकर देखे कि वर्षाकाल में हमारा क्या होता होगा। हमारा संपर्क कट जाता हैं।

बच्चों का स्कूल बंद,महिलाओं के प्रसव में परेशानी

अपने गांव तक सड़क डलवाने के लिए अपनी गुहार लेकर भोपाल तक पदयात्रा पर निकले दीपक लोधी ने बताया कि हमारे गावं में 5वीं क्लास तक स्कूल हैं उसके बाद हमें हमारे बच्चे पड़ोसी गांव में जाते हैं लेकिन रास्ता न होने के कारण शिक्षक हमारे गांव तक आने में कतराते हैं। बच्चो इस युग मे बिना पढे लिखे रह रहे हैं

जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष

सबसे अधिक समस्या जब आती है जब हमारे गांव में कोई बीमार हो जाता है बीमारी में तत्काल चिकित्सा सुविधा मिलना हमारे गांव के निवासियों को नसीब नहीं हैं। महिलाएं क प्रसव वाले मामले में हमारे दुख और कष्ट की कोई सीमा नहीं हैं हमें प्रसुताओं को पैदल ही कीचड़ वाला रास्ता पार करना पड़ता हैं। अगर बरसात का समय है तो जिंदगी में इससे बड़ा कोई कष्ट नहीं हैं।

गांव की सड़क डलवाने के लिए दीपक लोधी निकला भोपाल

दीपक लोधी ने बताया कि हम ग्रामीण लोग पूरी तरह से परेशान हो चुके हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं। इस कारण अब में अपनी परेशानी लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पैदल जाएंगे और जब तक मेरे गांव में सड़क नहीं बनेगी में तब तक वापस नहीं लौटूंगा।

इनका कहना है
ग्रामीण लोगों से बोला है कि कुछ समय बाद हम रास्ता सही करवा देंगे अभी अभी काम खुले हैं
सरपंच राजकुमारी आदिवासीsh

वह तो पट्टे वाली जमीन है वहां पर हम लोग रास्ता कहां से बनवा दें किसी का का पट्टा है।
पंचायत सचिव प्रियंका गुप्ता
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