शिवपुरी के ऐसवाया गांव में तैयार होगा स्पेशल ''सहराना''-05 करोड़ होगी लागत: आप स्टे कर सकते हैं- Shivpuri News

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शिवपुरी।
कूनो पालपुर नेशनल पार्क पयर्टक अफ्रीकी चीतों के साथ सहरिया जनजाति को करीब से महसूस कर सकेंगें। इसके लिए सरकार 5 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा हैं पार्क में चीते आने के बाद आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या बढ़ना तय हैं।

ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को सहरिया जनजाति के जीवन से रूबरू कराया जाएगा। इसके लिए शिवपुरी के पोहरी ब्लॉक में बने कूनो के अहेरा गेट के पास एक विशेष सहराना बसाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

इसे पर्यटन विभाग के सचिव ने मौखिक स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। इस सहराना का संचालन पर्यटक केन्द्र के रूप में किया जा सकेगा। शिवपुरी में कूनो अभ्यारण्य है और इस अभ्यारण्य को देखने के लिए देश.विदेश के पर्यटक आते रहते हैं। इन पर्यटकों की इच्छा में सहरिया जनजाति के बारे में जानने की उत्सुकता प्रकट की जाती हैं। प्रस्तावित यह सहराना सहरिया जनजाति की जातियां

विशिष्टता, कुशलता और समृद्ध कला परंपरा को अभिव्यक्त करने के केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा। सहरिया जनजाति में शोध करने वाले शोधार्थियों, देशी.विदेशी पर्यटकों तथा ग्रामीण पर्यटन में उत्सुक पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हो सकेगा। इसकी लागत करीब 5 करोड़ रुपये होगी।

50 घरों का होगा सहराना

सहराना की स्थापना कूनो अभ्यारण्य के पास पूर्व में एडवेंचर पार्क के लिए चिन्हित की गई शासकीय भूमि किया जा सकता है। प्रारंभिक रूप से 50 घरों का निर्माण किया जाएगा। इसमें जनजाति की शिल्पगत विशेषता दिखेगी। इसके लिए इन 50 घरों में सहरिया जाति के कलाकारों को रखा जाएगा और यही लोग इसकी आंतरिक और बाह्य कलात्मक साज सज्जा के कार्य से संबंध रहेंगे।

इससे सहराना की जातीय विशिष्टता हमेशा बनी रहेगी। वहीं इसके अंदर आधुनिक सुविधाओं को भी शामिल किया जाएगा जिससे बाहर से यह जनजातीय विशिष्टता दिखाएंगे तो अंदर से रहने के लिए उपयुक्त होंगे। यह सहरिया जनजाति पर शोध करने वालों के लिए एक केंद्र के रूप में भी काम करेगा।

यह होता है सहराना

सहराना सहरिया जनजाति की सामुदायिक बसाहट को कहा जाता है, जो जाता है। यू के खुले भाग से आने.जाने की व्यवस्था सुनिश्चित रहती है और इसके मध्य भाग में एक चबूतरा निर्मित किया जाता है, जहां सहराने के वृद्ध एवं अन्य अनुभवीजन प्रायः बैठे रहते हैं जो एक तरह सहराने में आने.जाने वालों पर अपनी तीखी दृष्टि रखते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से उसकी जांच.परख भी सुनिश्चित करते हैं।

अहेरा गेट पोहरी मुख्यालय से 16 किमी की दूरी पर है। यहां ऐसवाया गांव में सहराना बनाना प्रस्तावित है। यह योजना पर्यटन के प्रमुख सचिव के सामने रखी गई है और उन्हें पसंद भी आई है। जल्द ही इसके लिए टेंडर भी बुलाए जाएंगे।
अरिवंद सिंह तोमर, अध्यक्ष म प्र राज्य
सहाकारी पर्यटन संघ

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