आखिर ऐसा क्या था इस जांच में जो जेल प्रबंधन छुपा रहा है: मामला रिश्वत काण्ड का- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शेखर यादव@ शिवपुरी। कैदियों की सांसो पर टैक्स लगाने वाली शिवपुरी की सर्किल जेल प्रबंधन ने एक जांच पर भी पहरा बिठा दिया हैं। शिवपुरी जेल में पदस्थ मुख्य प्रहरी अशोक शर्मा के रिश्वत से भरे वीडियो की जांच के मामले में लगाई गई आरटीआई को नियमों में कैद कर दिया है,आवेदक को दिए सूचना पत्र में महीना और साल अंकित हैं लेकिन तारीख प्रिंट करते समय जेल के प्रिंटर की स्याही सूख गई उस पर तारिख अंकित नही है।

इलाज के एवज में रिश्वत की वसूली का बने वीडियो के मामले की जांच पूरी हो चुकी हैं सस्पेंड प्रहरी को बहाल भी कर दिया हैं अब इस जांच की डिमांड आरटीआई से गई तो उसे जेल प्रबंधन छुपाने का प्रयास कर रहा हैं।

जैसा कि विदित हैं मुख्य जेल प्रहरी अशोक शर्मा का एक रिश्वत से भरा वीडियो वायरल हुआ था,इस वीडियो में अशोक शर्मा शिवपुरी सर्किल जेल में बंद बंदी योगेन्द्र शर्मा उर्फ बल्लू बोहरे को इलाज की सुविधा देने के एवज में रिश्वत वसूल रहे थे।

बंदी शिवपुरी अस्पताल में इलाज करा रहा था,अशोक शर्मा ने उस पर प्रेशर बनाया कि अपनी छुटटी करा लो,बंदी योगेन्द्र शर्मा का कहना था कि तबीयत में सुधार नहीं है और इलाज की आवश्यकता है,आगे इलाज देने की सुविधा के लिए यह रिश्वत वसूली गई थी यह घटनाक्रम सोशल पर वायरल हुआ था। इस मामले में अशोक शर्मा को सस्पेंड कर विभागीय जांच की गई थी।

इसी प्रकरण को लेकर योगेन्द्र शर्मा ने आरटीआई लगाई थी। इस आरटीआई के माध्यम से योगेन्द्र शर्मा ने 11 बिंदुओं की जानकारी मांगी थी। यह जानकारी मांगी गई थी कि जेल के मुख्य प्रहरी अशोक शर्मा के वायरल वीडियो के मामले में शिकायतकर्ता मनीषा शर्मा ने शिकायत की थी,शिकायत कर्ता के क्या कथन लिए गए,जांच अधिकारी ने किन किन बिंदुओ पर जांच जांच की। एवं इस मामले में अशोक शर्मा ने क्या कथन दिए और क्या कार्रवाई की गइ। इस सभी बिंदुओं सहित 11 बिंदुओं की प्रमाणित प्रतिलिपि मांगी गइ।

जेल प्रबंधन ने RTI पर पहरा लगा दिया

इस आरटीआई के जवाब में सर्किल जेल प्रबंधन शिवपुरी ने आरटीआई की जानकारी न देते हुए आरटीआई आवेदक को एक पत्र थमा दिया जिसमें उल्लेख किया गया कि सूचना आयुक्त का ओदश दिनांक 28-12-2020 के अनुक्रम में एवं सूचना का अधिकार धारा 08 में विनिर्दिष्ट कारणों के अंतर्गत जानकारी नहीं दिए जाने से आपका आवेदन निरस्त किया जाता है। कुल मिलाकर धारा 08 का उल्लेख कर आवेदन को निरस्त कर दिया गया।

यह है सूचना का अधिकार की धारा 8

सूचना का अधिकार की धारा 8 में ऐसी जानकारी नहीं दी सकती जिस जानकारी से भारत की प्रभुता और अखंडता,राज्य की सुरक्षा,रणनीति,वैज्ञानिक या आर्थिक हित और विदेश संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव पडता हो या किसी अपराध को करने का उद्दीपन होता हो,या ऐसे मामले जिसे न्यायालय ने किसी भी रूप से निषिद्ध किया हो।

धारा 8 में यह सब उल्लेखित है अगर कोई व्यक्ति ऐसी कोई जानकारी मांगता है उसे यह जानकारी नहीं दी जा सकती है। मामला रिश्वत से भरे एक वीडियो की जांच का था,एक शासकीय कर्मचारी की जांच का था जिस प्रकरण मे उसे सस्पेंड कर दिया हो। जब न्यायालय से सुनाए गए रिश्वत की सुनवाई के मामले फैसले के बाद सार्वजनिक हो जातेे है,तो यह तो एक अधिकारी द्वारा जांच किए प्रकरण की नकल की मांग थी,कुछ ना कुछ ऐसा अवश्य हुआ है इस जांच में जिसमें शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं हुआ था इस कारण वह इस जांच पर सवाल उठाते हुए जांच की नकल की मांग कर रहा था।

हालांकि इस मामले में जेल प्रशासन की विभागीय जांच में जेल प्रहरी अशोक शर्मा को मेजंर दंड मिला है अशोक शर्मा का अब कभी भी प्रमोशन नहीं होगा। अशोक शर्मा अब बहाल होकर शिवपुरी जेल में ही नौकरी कर रहा हैं।

इनका कहना हैं
हमने अगर इस आरटीआई को निरस्त कर दिया हैं और वह संतुष्ट नही है तो वह अपील में जा सकता हैं।
मनोज कुमार साहू जेल अधीक्षक सर्किल जेल शिवपुरी
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