कोलारस में कलह: टेंडर वोट को लेकर MLA वीरेंद्र और EX-MLA महेन्द्र SDM के सामने भिड़ गए

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा में भाजपा में अंदरूनी कलह चल रही है,अब यह कलह सोशल पर भी वायरल हो रही है। कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी एक टेंडर वोट के विवाद के चलते पूर्व विधायक महेंद्र यादव आमने-सामने हो गए,विधायक महोदय ने एसडीएम से यहां तक कह दिया,स्थिति संभाल नही पाओगें।

गुरुवार को कोलारस नगर परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन के दौरान विधायक वीरेंद्र रघुवंशी बिफर गए। उन्होंने पहले तो टेंडर वोट के लिए एसडीएम बृजबिहारी श्रीवास्तव की क्लास लगाई और उन्हें स्पष्ट चेतावनी दी कि टेंडर वोट हुए तो शांति भंग होने के जिम्मेदार वे होंगे। इसी दौरान वहां पर पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव भी आ गए। उन्होंने कहा कि यदि नियम है टेंडर वोट का और सब कुछ नियमानुसार हो रहा है तो टेंडर वोट में क्या परेशानी है।

कोलारस के टेंडर वोट से शुरू हुई इस कलह में फिर रन्नाौद और बदरवास नगर परिषद के चुनाव की बात भी बीच में आ गई। पूरा घमासान सिया बाई के टेंडर वोट को लेकर हुआ।

यह बोले कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी
मेरे विधानसभा कोलारस में वरिष्ठ नवनियुक्त लोग आए हैं उनके दबाव में टेंडर वोट डालने के अलग.अलग नियम बनाए जा रहे हैं। एक दिन पहले बदरवास में और रन्नाौद में टेंडर वोट डलवाए गए हैं। जो निरक्षर हैं उनके टेंडर वोट नहीं डलवाए जा रहे हैं और जो पढ़े लिखे एमए किए हुए हैं वे टेंडर डाल रहे हैं।

विधायक ने यहां तक कह दिया कि यदि शांति व्यवस्था बनाए रखना है तो जो फार्म के अंदर भरा गया है उस पर अमल होगा। यदि आज उधम यहां होता है तो उसका जिम्मेदार पुलिस प्रशासन, निर्वाचन अधिकारी शिवपुरी कलेक्टर होंगे। मैं फोन के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से भी बात करूंगा।

नए भाजपाइयों से लंबे समय से चल रहा मनमुटाव
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद कोलारस में बड़ी संख्या में कई नेता उनके साथ भाजपा में आए। समय के साथ भाजपा में उन्होंने अपनी स्थिति ऐसी बना ली कि पुराने कार्यकर्ता खुद को ठगा महसूस करने लगे। इसे लेकर विधायक कई बार पहले भी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं।

कोलारस के अलावा रन्नाौद और बदरवास में भी विधायक की इच्छा के विपरीत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए। जो कलह अब चुनाव में सामने आई है वह आज की नहीं बल्कि करीब डेढ़ साल पुरानी है। कुछ ऐसा ही दर्द गुना.शिवपुरी सांसद केपी यादव भी व्यक्त कर चुके हैं।
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