शिवुपरी। खनियाधाना थाना अंतर्गत गुरुवार को एकीकृत विद्यालय के हेडमास्टर और उनकी समधन के बीच सड़क पर विवाद का मामला सामने आया था। इसमें पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार हेड मास्टर श्यामलाल जाटव और उनके बेटे रामप्रकाश ने अपनी समधन सावो वाई जाटव को पीटा था। लेकिन शुक्रवार को इस मामले में हेडमास्टर ने एसपी से शिकायत की है।
इसमें से उसके स्कूल के ही एक शिक्षक द्वारा रंजिशन सावो वाई को भड़काकर उसकी छवि खराब करने का प्रयास बताया है। इसे लेकर श्यामलाल ने एक वीडियो भी पुलिस अधीक्षक को उपलब्ध कराया है जिसमें वह नहीं, बल्कि उनकी समधन सावो वाई उनसे खींचतान करते हुए दिखाई दे रही हैं। यानी पुलिस की दर्ज की गई एफआईआर की कहानी और सच्चाई अलग-अलग नजर आ रही है।
श्यामलाल जाटव ने बताया कि उन्हें एकीकृत शामावि का प्रभार मिला था, लेकिन वर्ग-तीन शिक्षक अरविंद वर्मा ने डीईओ के आदेश के बाद भी उन्हें प्रभार नहीं दिया। अरविंद वर्मा की राजनीतिक पहुंच ऊपर तक हैं और स्थानीय विधायक के करीबी हैं इसलिए प्रशासन के आदेश के बाद भी डटे रहे। यह मामला फरवरी में कोर्ट में गया और वहां से शयामलाल को प्रभार मिल गया।
तब से ही अरविंद दुशमनी पाले हुए हैं। करीब छह महीने पहले उनकी बहू की मौत हो गई थी जिसे लेकर सावो वाई ने ससुरालियों को दोषी ठहराया था। श्यामलाल के अनुसार इस बात का अरविंद ने फायदा उठाया और जब वह बैंक पर थे वहां सावो बाई को भेज दिया साबो बाई ने सरेराह उनसे झूमाझपटी करने के साथ चप्पलों से पीटा। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और उन्हें बचाया। लेकिन बाद में टीआई ने उनके ही खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है। एसपी ने मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
प्रथम दृष्टया मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध हैं क्यो कि मौके पर पहुचने के बाद मामला सिर्फ श्यामलाल पर दर्ज किया गया जबकि सावो बाई ने सरेराह उनसे झूमाझटकी करने के साथ चप्पलों से पीटा। दूसरी और जब श्यामलाल ने सावो बाई की शिकायत की तो पुलिस ने इस प्रकरण को अपने हस्तक्षेप योग्य नहीं माना और अदम चेक काटकर चलता कर दिया।