शिवपुरी। शिवपुरी जिले के कोलारस अनुविभाग मे आने वाले गांव बेरखेडी में प्रसूता की मौत का मामला मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया हैं। एक माह पूर्व बेरखेडी गांव में एंबुलेंस समय पर न पहुचने के कारण प्रसूता की मौत हो गई थी,सफाई दी गई कि कॉल करने वाले ने जब गांव का नाम गलत बताया इस कारण एंबुलेंस को पहुंचाया था बेरखेडी और एंबुलेंस पहुंच गई बरखेडी,इस मामले को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था। बेहरे हुए सिस्टम सिर्फ सफाई देता रह गया। सीएमएचओ ने अपने स्तर पर इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
अब यह मामला मानवधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया हैं,इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने प्रसूता की मौत को मानव अधिकार हनन से जुड़ा माना है और इसे संज्ञान में लेकर 30 दिन में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और सीएमएचओ डॉ पवन जैन से जवाब मांगा है।
आयोग ने कहा कि जिले के कोलारस अनुविभाग के बेरखेड़ी गांव में बीते माह समय पर 108 एंबुलेंस न पहुंचने के कारण एक प्रसूता की दर्दनाक मौत हो गयी। बेरखेड़ी गांव के बलवंत आदिवासी की पत्नी सोमवती गर्भवती थी। उसको सुबह ही प्रसव पीड़ा होने लगी तो उसने अपने पति बलवंत को यह बात बताई।
बलवंत ने एंबुलेंस के लिए 108 नंबर पर कई बार काॅल किया, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची, इसके बाद बलवंत ने डायल 100 को काॅल किया, लेकिन वह भी गांव में नहीं आई। दोनों प्रकार की तत्पर सहायता न मिलने के चलते प्रसूता की गांव में ही तड़प-तड़पकर दर्दनाक मौत हो गई।
CMHO की सफाई
दूसरे गांव की बरखेड़ी में पहुंच गई थी एंबुलेंस, चालक को नोटिस दिया है मामले में सीएमएचओ, शिवपुरी का कहना था कि मृतका के पति द्वारा 108 एंबुलेंस को फोन पर सूचना दी गई थी, लेकिन एंबुलेंस बेरखेड़ी की जगह किसी दूसरे गांव बरखेड़ी पहुंच गयी। संबंधित 108 एंबुलेंस के चालक को नोटिस जारी कर दिया है। इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर और सीएमएचओ से एक माह में जवाब तलब कर पूछा है कि ऐसा क्यूं और कैसे हुआ।