शिवपुरी। स्टेट कालीन 18 तालाबों में शामिल जाधव सागर की दुर्दशा अब बदलने जा रही है। पूरे शहर की गंदगी समेटने वाले जाधव सागर के जीर्णोद्धार के लिए अमृत सरोवरों में शामिल कर लिया है। खास बात यह है कि शहर के मुख्य नाले का गंदा पानी जाने से रोकने के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी लगने जा रहा है। नगर पालिका ने सर्वे करके जाधव सागर को स्टेट एक्शन प्लान में भेजा था।
नगर पालिका शिवपुरी द्वारा एक्शन प्लान बनाकर भेजा था, जिस पर 2.50 करोड़ से अधिक खर्च होंगे। चार-पांच दिन के अंदर प्रधानमंत्री अमृत सरोवरों के कार्य का शुभारंभ करेंगे। उसी के साथ जाधव सागर में कार्य कराने डीपीआर बनाकर टेंडर लगाए जाएंगे। बरसात बाद जाधव सागर में कार्य शुरू किया जाएगा। अमृत-2 में मिलने वाले बजट से जाधव सागर में कार्य कराया जाएगा। नगर पालिका एई सचिन चौहान ने बताया कि जाधव सागर में जहां मुख्य नाला मिलता है, वहां सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होगा।
शहर की सारी गंदगी पहले जाधव सागर,फिर चांदपाठा झील में पहुंचती हैं। नेशनल पार्क में टाइगर सफारी लाने की प्रक्रिया चल रही हैं। टाइगर को किसी भी तरह का नुकसान न हो,इसलिए चांदपाठा को स्वच्छ रखना भी जरूरी हैं। वहीं स्टेट कालीन तालाब को लेकर एनजीटी के आदेश का भी पालन हो जाऐगा। बरसात का पानी भी सीधे जा सकेगा,लेकिन साल भर बहने वाले गंदे पानी की ट्रीट करके जाधव सागर में छोडा जाऐगा।
माधवराव प्रथम के नाना शंकरराव के नाम पर है नाम
जाधव सागर 1899 में महाराजा माधव राव सिंधिया ने शिवपुरी को ग्वालियर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने शिवपुरी का भूजल सर्वेक्षण कराया। रिपोर्ट के आधार पर शिवपुरी की तत्कालीन फ्लोरिंग जोन को स्टोरेज जोन में बदलने कुल छोटे-बड़े 18 तालाबों का निर्माण कराया।
नगर पालिका शिवपुरी द्वारा एक्शन प्लान बनाकर भेजा था, जिस पर 2.50 करोड़ से अधिक खर्च होंगे। चार-पांच दिन के अंदर प्रधानमंत्री अमृत सरोवरों के कार्य का शुभारंभ करेंगे। उसी के साथ जाधव सागर में कार्य कराने डीपीआर बनाकर टेंडर लगाए जाएंगे। बरसात बाद जाधव सागर में कार्य शुरू किया जाएगा। अमृत-2 में मिलने वाले बजट से जाधव सागर में कार्य कराया जाएगा। नगर पालिका एई सचिन चौहान ने बताया कि जाधव सागर में जहां मुख्य नाला मिलता है, वहां सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होगा।
शहर की सारी गंदगी पहले जाधव सागर,फिर चांदपाठा झील में पहुंचती हैं। नेशनल पार्क में टाइगर सफारी लाने की प्रक्रिया चल रही हैं। टाइगर को किसी भी तरह का नुकसान न हो,इसलिए चांदपाठा को स्वच्छ रखना भी जरूरी हैं। वहीं स्टेट कालीन तालाब को लेकर एनजीटी के आदेश का भी पालन हो जाऐगा। बरसात का पानी भी सीधे जा सकेगा,लेकिन साल भर बहने वाले गंदे पानी की ट्रीट करके जाधव सागर में छोडा जाऐगा।
माधवराव प्रथम के नाना शंकरराव के नाम पर है नाम
जाधव सागर 1899 में महाराजा माधव राव सिंधिया ने शिवपुरी को ग्वालियर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने शिवपुरी का भूजल सर्वेक्षण कराया। रिपोर्ट के आधार पर शिवपुरी की तत्कालीन फ्लोरिंग जोन को स्टोरेज जोन में बदलने कुल छोटे-बड़े 18 तालाबों का निर्माण कराया।
यह कार्य 1915 में पूरा हुआ और इन 18 तालाबों में जाधव सागर भी शामिल है। माधवराव सिंधिया प्रथम के नाना शंकरराव जाधव के नाम पर इस तालाब का नाम जाधव सागर रखा। 1915 में जाधव सागर के पास गणेश मंडप का निर्माण कराया जिसका उपयोग गणेश विसर्जन के समय किया जाता था।