शिवपुरी। शिवपुरी चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रामविलास गुप्ता ने एसडीएम की फर्जी सील व चेक बनाकर लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को 7-7 साल के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक बीडी राठौर ने की।
अभियोजन के अनुसार 10 अप्रैल 2012 को सुनीत सिंह चौहान शाखा प्रबंधक मध्य भारत ग्रामीण बैंक द्वारा शिकायत की कि अशोक शाक्य द्वारा घनश्याम व गुड्डी मेहतर निवासी बुडोनी के नाम से स्वयं का एवं एक अन्य महिला का फोटो लगाकर फर्जी खाता क्रमांक 80000888996 खोला गया है और इसी खाते पर जारी चेक फर्जी तरीके से भुगतान हेतु शाखा को प्राप्त हुआ है।
इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो पता चला कि अशोक पुत्र देवीलाल निवासी बैराड़, मातादीन पुत्र छोटे लाल जाटव, बाबूलाल पुत्र तुलसीराम निवासी लुधावली,सीमा पत्नी सूरज जाटव निवासी लालमाटी गरीब लोगों को सरकारी सहायता दिलाने के नाम पर उनसे हजारों रुपए लिए थे।
इसके लिए उन्होंने अशोक शाक्य द्वारा घनश्याम व गुड्डी मेहतर निवासी बुडोनी के नाम से स्वयं का एवं एक अन्य महिला का फोटो लगाकर फर्जी खाता खुलवा कर बैंक से चैक बुक निकलवाई हैं। उस समय कोतवाली टीआई दिलीप सिंह यादव ने आरोपी अशोक शाक्य पुत्र देवीलाल शाक्य निवासी बुडोनी व आरोपी अशोक का बहनोई मातादीन शाक्य पुत्र छोटे शाक्य निवासी खजूरी को मनियर स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तब पूछताछ पर आरोपीगण द्वारा स्वीकार किया कि वह शासकीय योजनाओं से मुफ्त में 50 हजार रुपए आम जनता को दिलाने के नाम से आरोपी अशोक शाक्य द्वारा घनश्याम के नाम से खोले गए फर्जी खाते पर उठाई चेक बुक में से फर्जी चैक जारी किए जाते थे।
आरोपी बाबूलाल शाक्य निवासी लुधावली फर्जी चेक को शासन से मंजूर कराने के नाम से नकली अनुविभागीय अधिकारी पोहरी की सील लगाकर बताता था कि प्रकरण शासन से मंजूर होकर आ गया तब फर्जी चेक देकर बदले में 10-15 हजार रुपए ऐठ लेता था।
इस रकम को आरोपीगण आपस में बांट लेते थे। पुलिस ने आरोपित अशोक, मातादीन, बाबूलाल व सीमा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का प्रकरण कायम कर विवेचना उपरांत न्यायालय में पेश किया। न्यायाधीश ने मामले में आए समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचारण उपरांत आरोपितों को सात-सात साल के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।