शिवपुरी। आज कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के कार्यक्रम में रिटायर सहकारिता बैंक समिति प्रबंधक अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। बैंक अधिकारी का कहना था कि वह काफी समय से बीमार चल रहे हैं। जो कुछ जीवन भर कमाया था वह इलाज में खर्च हो गया। अब आगे जिंदा रहने के लिए इलाज की आवश्यकता हैं।
सहकारिता बैंक में समिति प्रबंधक के पद पर रहे महेश शर्मा का कहना था कि उनके द्वारा गेहूं की खरीदी की गई थी, जो कि सड़ गया था। जिसकी भरपाई के लिए मुझे मिलने वाली सभी प्रकार की राशि पर रोक लगा दी थी। कोर्ट के माध्यम से अब तक सभी प्रकार की मिलने वाली राशि मिल चुकी है, लेकिन बैंक प्रबंधन के द्वारा अब बैंक में जमा डिपॉजिट राशि को देने में आनाकानी की जा रही है।
उनके बैंक खाते में 1 लाख 19 हजार 600 रुपये जमा हैं। इसके बाद भी वे घुट-घुट कर जीने को मजबूर हैं। अगर वह राशि उन्हें मिल जाए तो उन्हें काफी राहत मिलेगी। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि या तो पैसा दिलवाया जाए,नहीं तो मुझे जान देने पर मजबूर होना पड़ेगा।