शिवपुरी। कभी तारा पेटू की चर्चित लव स्टोरी को जन्म देने वाले माधव नेशनल पार्क के जंगल पिछले 20 साल से शेरो की दहाड़ सुनने को तरस गए हैं,लेकिन 20 साल बाद स्वागत के लिए तैयार हो रही है वनराज के लिए शिवपुरी। अब टाइगर की सुरक्षा के लिए और तैयारियों के क्रम में 2 हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
जमीन को नेशनल पार्क की सीमा में शामिल करते हुए इस जमीन पर 2 हेक्टेयर जमीन पर 14 किमी लंबी तार फेंसिंग कराई जाना है। इसके लिए शासन ने 1.30 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं। यानी कोरीडोर वाले हिस्से में जाली लगने से कोई भी नेशनल पार्क सीमा में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
बाघ पुनर्वास के लिए माधव नेशनल पार्क बीते साल के आखिरी दिनों में पार्क प्रबंधन ने दो हजार हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित कर कब्जामुक्त करा ली थी। अब उस हिस्से को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए तार फेसिंग का प्रोजेक्ट बनाकर भेजा था। शासन ने 1.30 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं, जिससे 14 किमी में तार फेसिंग का काम शुरू किया जाएगा। दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र चारागाह के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी में फलदार पौधे भी रोपे जा रहे हैं।
वहीं नेशनल पार्क शिवपुरी के डायरेक्टर सीएस निनामा टाइगर सफारी को लेकर ट्रेनिंग लेने सतना गए। टाइगर सफारी में रहने वाले बाघों की देखभाल, खानपान आदि को लेकर विस्तार से जानकारी हासिल करके शिवपुरी लौट आए हैं। माधव नेशनल पार्क के असिस्टेंट डायरेक्ट अनिल सोनी ने बताया कि माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में महिला पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिवपुरी की 25 महिलाओं को गाइड के रूप में ट्रेनिंग दी जा रही है।
टाइगर सफारी पर 16 करोड़ से अधिक खर्च होंगे माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में टाइगर सफारी शुरू करने के लिए प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भेजा है। दिल्ली के अफसरों ने सारी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए टाइगर सफारी प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है, अब सिर्फ बजट मिलने का इंतजार है। नए वित्तीय साल 2022-23 में राशि मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। बजट मिलने के बाद टाइगर सफारी शुरू करने में छह महीने का वक्त लगेगा।
समझा है कि टाइगर को किस तरह रखना है, कब और क्या खिलाना है
माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में टाइगर सफारी शुरू करने पार्क डायरेक्टर निनामा ने सतना में टाइगर सफारी को लेकर ट्रेनिंग ली है। एक दिन रहकर बारीकी से समझा है कि टाइगर को किस तरह रखना है, कब और क्या खिलाना है। सफारी के बाघों को खाने के लिए भैंस का मास खिलाया जाता है। स्टाफ को भी ट्रेनिंग दिलवाएंगे। टाइगर सफारी का बजट मिलते ही काम शुरू कर देंगे।
इनका कहना है
टाइगर सफारी से पहले फ्री रेंज में बाघ छोड़े जाएंगे माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में टाइगर सफारी शुरू होने से पहले ही बाघ आ जाएंगे, जो फ्री रेंज में लाकर छोड़े जाएंगे। बाघ आने के साथ ही नेशनल पार्क शिवपुरी में फिर से दहाड़ गूंजने लगेगी। हर किसी को बाघ आने का इंतजार है। बाघ आने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
सीएस निनामा, डायरेक्टर, माधव नेशनल पार्क शिवपुरी