नेताओं के वादे-अधिकारियों के आश्वासन: लेकिन खाते खाली, कैसे होंगे अब बेटियों के हाथ पीले - Shivpuri News

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भानु प्रताप सिंह यादव, शिवपुरी।
कहते है कि खेतों में लहराती फसलें किसानों के सपनों को पूरी करती हैं,लेकिन इस वर्ष लहराती फसलों पर पड़े ओले फसलों पर नही उनके सपनो और उम्मीद पर गिरे है। मदद की महरम लगाने आए शासन और प्रशासन की कार्यप्रणाली से जख्म भरे नही बल्कि हरे हो गए। सर्वे के नाम पर किसानों को गुमराह किया गया। किसान परेशान हैं और किसानों की बेटियों के हाथ पीले होने है अब उसे चिंता सता रही हैं कि फसल खेत में खडे खडे मर गई,मुआवजा कागजों में उलझ गया अब कहां से आएगा पैसा और कैसे होंगे उनके बेटे बेटियों के हाथ पीले......सवाल बडा हैं और सबके सामने खडा हैं।

बीते माह में मौसम ने करवट ली और जिले के कई स्थानों पर ओलावृष्टि हो गई। किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ। ओले गिरने की घटना के बाद तमाम नेता और अधिकारी एंव कर्मचारी खेतों की ओर दोडे। किसानों को उचित मुआवजा देने के आश्वासन के साथ खेतो में फोटो सेशन करा कर सोशल पर वायरल भी कर दिया गया।

किसानों को आश्वासन दिया गया कि जल्द से जल्द फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कराकर सर्वे की लिस्ट ग्राम पंचायत के मुख्यालय पर चस्पा की जाएगी तथा बीमा कंपनियों के कर्मचारी भी तहसील स्थल पर बैठकर किसानों के नुकसान हुए खेतो के फोटो सहित फार्म भरवाए एवं आश्वासन दिया कि 10 दिन के अंदर बीमा कंपनी भी बीमा की कुछ आंशिक राशि किसानों के खातों में तुरंत डाल देगी एवं बाकी की राशि क्रॉप कटिंग के पश्चात दी जाएगी लेकिन आज दिनांक तक किसानों के खातों में ना तो आंशिक राशि डाली गई और ना ही सर्वे में हुए नुकसान की लिस्ट ग्राम पंचायत मुख्यालय पर चस्पा की गई।

जिले में अनुमान है कि 25 हजार हेक्टेयर फसल ओलावृष्टि में बर्बाद हो गई। समय पर मदद नही मिलने के कारण किसानों को अंदेशा है कि लिस्ट में कुछ हेरा फेरी कर सर्वे गलत किया जा रहा है।

कर्ज में किसान: कैसे होंगे बेटियों के हाथ पीले

जिले भर के किसानों जब मीडिया द्वारा बातचीत की गई तो सामने आया कि फसलों में हुए नुकसान के चलते आज जिले का किसान कर्ज में डूबा हुआ है साथ ही कुछ किसानों की बच्चियों की शादी भी तय हो गयी थी लेकिन कर्ज के मारे किसान आज फसलों का मुआवजा ना मिलने के कारण बेबस और लाचार बना हुआ हैं।

जिसमे कई किसानों को अपने बिजली के बिल के साथ साथ टैक्टरों की क़िस्त एवं किसान क्रेडिट कार्ड का भी भुगतान नही कर पाएंगे जिसके चलते आज जिले के किसानों अपनी किस्त समय पर जमा ना होने के कारण उन्हें डिफाल्टर होने का भी भय सता रहा हैं।

तीन विभागों की टीम को सर्वे करने के आदेश दिए थे कलेक्टर ने जिसमे राजस्व ,जनपद, और कृषि विभाग की टीम को कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने मौके पर जाकर निर्देश दिए थे परंतु इन विभागों के अधिकारियों ने कलेक्टर के आदेश को ही खूंटी पर टांग दिया है।
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