नेताओं की सिफारिशों पर भ्रष्टाचार: पहली ही बारिश में वह रहे हैं पंचायतों के स्टाफ और चेक डैम - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी जिले की 8 जनपद पंचायतें हैं और यह जनपद पंचायतें भ्रष्टाचार की गढ बन गई है। यहां चैक डैम का निर्माण हो या फिर स्टॉप डैम या गौशालाओं के निर्माण से लेकर गांव में सीसी सडक के निर्माण की बात करें तो यहां निर्माण इतना घटिया स्तर का किया जा रहा है कि वह पहली ही बारिश ही नहीं झेल पा रहा है और निर्माण धराशायी हो रहा है।

लागत 15 से 20 लाख खर्च होते 4 से 5 लाख

एक चैक डैम और स्टॉप डैम बनाने के लिए जिला पंचायत स्तर से 15 से 20 और बडे निर्माण पर 40 से 50 लाख रूपए तक की राशि दी जाती हैं लेकिन पंचायतों में भ्रष्टाचार की बानगी ऐसी है कि इनके निर्माण में महज 5 से 7 लाख रूपए ही खर्च किया जाता है बाकी कमीशन और भ्रष्टाचार की भेंट चढ जाता है।

पैसा लेकर इंजीनियर करते हैं वेरीफाई

निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर इंजीनियरों को मौके पर जाकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता को चैक करना हेाता है लेकिन जनपदों में तैनात इंजीनियरों के द्वारा घर बैठे ही मूल्यांकन कर दिया जाता है वह भी हरे हरे नोटों की खनक के चलते ऐसे में निर्माण की गुणवत्ता का क्या आंकलन होता होगा इसका अंदाजा लगया जा सकता है।

नेताओं की सिफारिशों पर होते हैं स्वीकृत

विधायक से लेकर मंत्री की सिफारिश पर चैक डैम और स्टॉप डैम स्वीक्रत किए जाते हैं इसकी तकनीकि स्वीक्रति से लेकर इसे पास कराने के लिए पैसा दिया जाता है। इतना ही नहीं कई नेताओं के चमचे इनमें ठेकेदारी कर लाखों रूपए तक कमा रहे हैं।

ढह गया लाखों से बना चेक डैम

एक पंचायत में हाल ही में लाखों रूपए की लागत से बना चैक डैम पहली ही बारिश नहीं झेल पाया और ढह गया। इससे पता चलता है कि पंचायतों में निर्माण कार्य को किस तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढाया जा रहा है।

जांच तक सीमित विभाग

आरईएस के इंजीनियरों की तैनाती जनपद पंचायतों में हैं और उनके द्वारा ही कार्य का मूल्यांकन किया जाता है। ऐसे में भ्रष्टाचार की भेंट चढे निर्माण कार्यों के ढह जाने पर जांच करने की बात तक अधिकारी सीमित रहते हैं जबकि वह जांच तक नहीं करते है क्योंकि उनके द्वारा ही भ्रष्टाचार को सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया जा रहा है।
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