Shivpuri News- शहर में बारिश के पानी को सहेजने की जरूरत, पुराने तालाबों का हो जीर्णोद्धार

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शहर में बारिश का पानी व्यर्थ बह रहा है। इतना ही नहीं इस पानी को यदि सहेजा जाए तो यह पानी लोगों के काम आएगा। इतना ही नहीं जो शहर में पानी की किल्लत है उससे भी बचा जा सकेगा। शहर में कई पुराने तालाब हैं जिनमें कीचड और काई जमा हैं।

ऐसे में उन तालाबों को यदि कुछ दिन के लिए ही सही उनमें सफाई कर दी जाए जेसीबी या हिटैची तो उनमें बारिश का पानी सहेजा जा सकता है। इतना ही नहीं लोग अपने घरों पर वाटर हार्वेस्टिंग को अपनाकर भी बारिश के पानी को सहेज सकते हैं।

नवीन भवन की अनुमति में शर्त तो लेकिन पालन नहीं

नपा से नीवन भवन बनाने की अनुमति में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाने की अनुमति तो दी जाती है लेकिन कई कालोनियों में बन रहे नवीन भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग तकनीक को अपनाया ही नहीं जा रहा है। इतना ही नहीं कई लोग तो बिना अनुमति के ही मकान बनाने में जुटे हुए हैं।

नई कालोनियों में कोई गाइड लाइन का पालन नहीं

शहर में इन दिनों कई नवीन कालोनियों काटी जा रही है। जिसमें उपभोक्ताओं से पैसा लेकर प्लॉट और मकान की रजिस्ट्री तो कराई जा रही हैं लेकिन उनमें बारिश के पानी को सहेजने के कोई इंतजाम तक नहीं हैं।

पुराने कुंडों को सहेजा जाएं

शहर के भदैया कुंड सहित बाणगंगा पर कई कुंड ऐसे हैं जिनमें बारिश के पानी को सहेजा जा सकता है लेकिन इन कुंडों की कई सालों से सफाई नहीं हुई है। ऐसे में यदि बारिश के जल को सहेजने के लिए अभियान चलाया जाए और इन कुंडों की सफाई का जिम्मा समाजसेवी संस्थाएं ले तो इन कुंडों में बारिश के पानी को सहेजा जा सकता है।

मीटिंगों में बातें तो अमल नहीं

मीटिंगों में जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी वाटर हार्वेस्टिंग और बारिश के पानी को सहेजने के लिए चर्चा तो करते हैं लेकिन जमीनी धरातल पर कोई काम नहीं किया जाता है। जिससे हर साल बारिश का पानी व्यर्थ बह जाता है।
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