जिनके न आने की तिथि तय न जाने की, उन अतिथि की तरह होते हैं संत - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जिनका ना आने का समय तय होता है, और ना ही जाने का, वही तो अतिथि कहलाते हैं। और इन अतिथियों की ही तरह संत होते हैं, जो शहर में जितने समय रहते हैं उतने समय धर्म प्रभावना करते हैं और उसके बाद उनसे जुड़ कर श्रावक अपने जीवन को बेहतर बनाते हैं। पिछले 15 दिनों से शिवपुरी में प्रवास कर रहे आचार्य निर्भय सागर महाराज के शिष्य क्षुल्लक सूर्य दत्त सागर का गुरुवार शाम शिवपुरी से बिहार हो गया।

छत्री जैन मंदिर पर विहार से पूर्व धर्म सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में हमेशा आदर्शों का पालन करें और उच्च आदर्श स्थापित करें। यदि अध्यात्म मार्ग की ऊंचाई को प्राप्त करना है, तो हमें संसार मार्ग से वैराग्य धारण कर जीवन की सर्वोच्चता को प्राप्त करना चाहिए।

यही मानव पर्याय को सार्थक करने का सर्वोत्तम उपाय है। समाजसेवी अखिलेश और दिलीप जैन ने बताया कि शिवपुरी से सेसई के लिए बिहार संत कर गए हैं और उनका प्रवास अशोकनगर के लिए चल रहा है।
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