शिवपुरी के पूर्व ADM शेख को रिश्वतखोरी के मामले में 5 साल की जेल - Shivpuri News

Bhopal Samachar
सत्येंद्र उपाध्याय।
शिवपुरी जिले के इतिहास में अब तक के सबसे चर्चित मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा के 1988 बैच के वरिष्ठ अधिकारी जेडयू शेख को कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में 5 साल जेल की सजा सुनाई है। आज से करीब 5 साल पहले लोकायुक्त पुलिस ने एक छापामार कार्रवाई के दौरान कलेक्टर कार्यालय में एडीएम खान को गिरफ्तार किया था। उस समय इसे एक अलग ही रंग देने की कोशिश की गई थी। कोर्ट में लोकायुक्त पुलिस की तरफ से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी जगदीश बैरवा ने की।

भ्रष्टाचार के किस मामले में लोकायुक्त ने ADM जेडयू खान को गिरफ्तार किया था

दिवाकर अग्रवाल ने शिवपुरी कलेक्ट्रेट में एक खदान की लीज के लिए आवेदन किया था। इसके लिए खनिज सेक्शन के क्लर्क गोपाल राठौर ने रिश्वत मांगी थी। दिवाकर को बताया गया था कि इसके लिए ADM जेडयू खान को भी हिस्सा देना होगा। गोपाल ने दिवाकर की बात भी ADM खान से करा दी। दिवाकर ने मामले की शिकायत लोकायुक्त को कर दी। शिकायत की तस्दीक के लिए लोकायुक्त की टीम ने दिवाकर से ADM और क्लर्क की टेलीफोनिक बातचीत रिकार्ड कराई। शिकायत सच पाई गई तो, लोकायुक्त टीम ने सारी रणनीति बना कर रिश्वत की पहली किस्त 15 हजार रुपए के केमिकल युक्त नोट दिवाकर के जरिए ADM खान को भेजे। ADM खान ने जैसे ही रकम हाथ में ली, इशारा पाकर लोगायुक्त टीम ने उन्हें रंगे हातों पकड़ कर मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद क्लर्क गोपाल को भी हिरासत में ले लिया गया।

ADM ने पहले सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की फिर माफिया का नाम लेने लगे

दिवाकर अग्रवाल से तीन बार मोबाइल पर बातचीत में क्लर्क रामगोपाल राठौर ने रिश्वत मांगी। इसमें सौदेबाजी भी हुई। रिश्वत में दिए गए नोट में फिनोटील पावडर था, इसलिए जब बाबू व एडीशनल कलेक्टर के हाथ सोडियम कार्बोनेट में धुलवाए गए तो वे रंग गए। पकड़े गए तो बोले- किसी ने रख दिए होंगे दराज में रुपए। लोकायुक्त पुलिस ने जब एडीशनल कलेक्टर जेड यू शेख को रंगे हाथों दबोच लिया तो उनकी पहली प्रतिक्रया थी कि किसी ने मेरी दराज में दस हजार रुपए रख दिए होंगे। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। ADM खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर दावा किया था कि लोकायुक्त पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई प्रमाण नहीं है। माफिया के दबाव में उनके विरुद्ध प्रकरण बनाया गया है।

IAS अवार्ड मिलने से पहले ही भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हो गया था 

1988 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जेडयू शेख को 5 साल पहले IAS अवार्ड होने वाला था। शिवपुरी ADM खान का नाम DPC के लिए प्रस्तावित था। जिस समय उन्हें रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया सीनियर अफसर का वेतनमान उन्हें मिल रहा था। पद, प्रतिष्ठा और वेतन में कोई कमी नहीं थी।

ADM के लिए रिश्वत की डील करने वाले क्लर्क को 4 साल की जेल 

शिवपुरी। तत्कालीन एडीएम जेडीयू शेख के लिए रिश्वत की डील करने वाले क्लर्क राम गोपाल राठौर को भी 4 साल की सजा सुनाई गई है। राम गोपाल राठौर ने खदान संचालक दिवाकर अग्रवाल से कुल ₹20000 की मांग की थी। इसमें से ₹10000 एडीएम को दिए गए, ₹5000 राम गोपाल राठौर ने रख लिए और शेष ₹5000 ऑफिस के बाकी स्टाफ में बांटने के लिए बोल दिया था। 
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