जन्म से ही गुंगे और बहरे है पलक और प्रियांशः ऑपरेशन के लिए 13 लाख मंजूर,सुन सकेगें अपनो की आवाज - kolaras News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कोलारस विधानसभा की तहसील बदरवास के दूरस्थ ग्राम पीरोंठ में रहने वाली 4 बर्ष की मासूम पलक और शिवपुरी शहर के निवासी ढाई बर्षीय प्रियांश अब अपनों की आवाज सुन सकेंगे। यह दोंनों जन्म जात गूंगे व बहरे हैं। यह अपनों की आवाज सुन और बोल सकें इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन ने 13 लाख रूपए की राशि स्वीकृत कर सर्जरी कराने की अनुमति प्रदान की है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. संजय ऋषीश्वर ने जानकारी देते हुए बताया कि शिवपुरी जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत प्रति वर्ष 300 से अधिक सर्जरी कराकर बच्चों को विभिन्न रोगों से मुक्त किया जा रहा है।

इसके लिए जिले के आठों विकासखण्डों में आयुष चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है जो प्रतिदिन बच्चों की गांव-गांव जाकर स्क्रीनिंग कर रहे हैं। पलक के पिता भरत सिंह जाटव ने बताया कि उनके तीन संतान है और तीनों ही पुत्री है सबसे बडी और छोटी बेटी ने पूर्ण रूप से स्वस्थ्य जन्म लिया लेकिन मझली बेटी पलक बचपन से ही बोल और सुन नही पाती है।

इसका पहले दो साल तक तो पता ही नही चला, पर जैसे-जैसे पलक बडी होने लगी और वह आवाज देने पर भी किसी की नही सुनती तो चिंता होने लगी तब उसे लेकर बदरवास सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे। जहाँ आरबीएसके चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना की जानकारी प्रदान कर आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण कराई।

जिले के नवागत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन ने 6 लाख 50 हजार रूपए सर्जरी हेतु स्वीकृत कर दिए हैं जिससे अब पलक की सर्जरी हो सकेगी और वह अपने परिजनों की आवाज सुन सकेंगी, इतना ही नही पलक को एक विशेष थैरेपी दी जाएगी जिससे पलक शीघ्र ही बोल भी पाएगी।

यही स्थिति प्रियांश की है उसके पिता मजदूर है जो अपने दो बच्चे का पालन-पोषण बडी मुश्किल कर पा रहे है। ऐसे में बोल और सुन न पाने वाले बच्चे का इलाज कराना बहुत ही मुश्किल है।

उन्हें भी आज मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के अन्तर्गत 6 लाख 50 हजार रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई जिससे प्रियांश का उपचार स्वास्थ्य विभाग से अनुबंधित निजी चिकित्सालय में किया जा सकेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत अधिक से अधिक बच्चों का उपचार करा पाना उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी।
G-W2F7VGPV5M