मौतो के बाद अपने काम पर लौटा आबकारी विभाग का बल किसके लिए था, पब्लिक या मौतो के सौदागरो के लिए - Shivpuri News

Bhopal Samachar
Ex-Rey ललित मुदगल @ शिवपुरी। मुरैना में जलरीली शराब के बाद पूरे प्रदेश में प्रशासन जहरीली शराव के कारोबार को मिटाने के लिए कमर कस ली हैं। शिवपुरी जिले में कार्रवाही की जा रही हैं,इस कार्यवाही में एक सवाल बडा खडा हो रहा हैं कि मौतो के बाद अपने काम पर लौटा हें आबकारी विभाग अगर ऐसा है तो इससे पहले क्या कर रहा था। मौतो के बाद अपने बल की पहचान करने वाले विभाग के इस बल का एक्सरे करते हैं कि यह बल किसके लिए काम कर रहा था पब्लिक के लिए या मौतो के सौदागरो के लिए। 

जैसा कि विदित हैं कि मुरैना में कच्ची और जहरीली शराब के कारण मौतो के मुददा प्रदेश स्तर तक गूंज उठा। नेता लॉबी सक्रिय हो गई,कांग्रेस का सरकार पर हमला,भाजपा के नेताओ का शोक संवेदना शुरू हो गए। अब आवकारी विभाग के द्धारा जहरीली शराब के कारोबारियो को दिया गया अभय वरदान के फलस्वरूप हुई यमराज का मिलन कर चुके लोगो के घर जाकर नेताओ का शोक संवेदना देने का क्रम शुरू हो चुका हैं,दूसरा आवकारी विभाग अपना अभय दान वापस लेते हुए जहरीली शराब के निर्माणकर्ताओ पर धडाधडा आक्रमण कर रहा हैं। 

शिवपुरी में भी कार्यवाही की जा रही हैं। आबकारी विभाग ने शनिवार को पिछोर वृत के मायापुर गांव में कंजरों के डेरों पर छापामार कार्रवाई की है। बड़ी मात्रा में अवैध शराब बनाने का जखीरा बरामद किया है। मौके पर जेसीबी ले जाकर 4500 लीटर लहान को नष्ट कराया। कुल 400 लीटर कच्ची शराब जब्त की है।

जिला आबकारी अधिकारी वीरेंद्र सिंह धाकड़ ने बताया कि कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के नेतृत्व में जिले भर में कच्ची शराब को लेकर छापामार कार्रवाई की जा रही है। पिछोर वृत्त प्रभारी एसआई तीर्थराज भारद्वाज ने टीम के साथ ग्राम मायापुर में कंजरों के डेरे पर दबिश देकर शराब बनाने वाले 2 लोगों को पकड़ा है। मौके से कुल 400 लीटर हाथ भट्टी शराब जब्त की है। 

लगभग 2500 किग्रा गुड़ लहान एवं सीमेंट की 2 बड़ी टंकियों में 2000 किलो गुड़ लहान और शराब बनाने की 2 भट्टियां और अन्य सामान मौके पर नष्ट किया गया। जब्त समान की कुल कीमत लगभग 3 लाख रुपए आंकी गई है। मामले में आबकारी अधिनियम के तहत केस दर्ज कर दाेनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया है।

इससे पूर्व पूरे जिले मेें कई जगह बडी संख्या में जहरीली शराब बनाने का समान और करोबारी पकडे हैं। सवाल यही खडा होता हैं मौतो के बाद आवकारी विभाग को अपनी शक्ति की पहचान हुई कि वह जहरीली शराब क नेटवर्क को ध्वस्त कर सकता हैं,उसमें इतनी शक्ति है कि वह कार्यवाही कर सकता हैं। 

इससे पूर्व आवकारी विभाग को अपनी शक्ति का ज्ञान नही था। पूरे जिले में जहरीली शराब बिक रही थी। ऐसा तो हो नही हो सकता कि मुरैना काण्ड के बाद ही अचानक ही जिले में जहरीली शराब का कारोबार शुरू किया गया हो। यह तो बहुत दिना से चल रहा हैं करैरा के एक कच्ची शराब के व्यापारी ने अपना विजिटिंग कार्ड तक छपवा कर पब्लिक में बांट दिया था। इस पूरे घटनाक्रम से यही सिद्ध होता हैं कि जो आवकारी विभाग के पास जहरीली शराब बेचने और बनाने वाले के खिलाफ कार्यवाही करने की शक्तिया थी वह रिश्वत के दम पर क्षीण हो रही थी। अब प्रेशर हुआ तो कार्रवाही जारी हैं।

अगर मुरैना काण्ड नही होता तो आवकारी विभाग के आर्शीवाद से जिले में जहरीली शराब बन रही होती। अभी जिले में कई स्थानो पर जहरीली शराब बन रही हैं,जिले सबसे अधिक जहरीली शराब के कारोबार आदिवासी जनसंख्या बहुल क्षेत्रो में होता हैं। पोहरी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले गांव धौलागढ में बडी मात्रा में जहरीली शराब का निर्माण हो रहा हैं। कोलारस के अनुविभाग में झांसी कोटा फोरलेन क्षेत्र में शराब बन रही है।
G-W2F7VGPV5M