नरेन्द्र बिरथरे के घर रामनिवास रावत की चाय से राजनितिक प्याली में तूफान / Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आज हुई एक चाय पर चर्चा पूरे शहर की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया। पोहरी के पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे के निजनिवास पर आज कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत की मुलाकात हुई। मीडिया से इस मुलाकात को एक आपचारिक चाय पर चर्चा बताया। इस चाय की चर्चा के दो अर्थ पहला नरेन्द्र बिरथरे कांग्रेस में जा सकते हैं दूसरा रामनिवास रावत पोहरी से चुनाव लड सकते हैं।

इस आपचारिक मुलाकात की चर्चा अब पूरे जिले के राजनीतिक फिजाओं में होने लगी। मप्र में 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिले में पोहरी और करैरा विधानसभा में उपचुनाव हैं। यह उपचुनाव सत्ता का फायनल है। भाजपा को अपनी सत्ता बचानी है और कांगेेस को सत्ता में वापसी करनी हैं। इस कारण यह चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।

चाय की चर्चा इस कारण भी महत्वपूर्ण हैं कि पोहरी से पूर्व विधायक भाजपा नेता नरेन्द्र बिरथरे पोहरी से राजनीति करते हैं पोहरी में उपचुनाव होना हैं। पोहरी के राजनीतिक समीरकण की बात करे तो ब्राह्मण और धाकड होता हैं हांलाकि पिछली बार ऐसा नही हुआ था।

भाजपा और कांग्रेस ने 2018 के आम चुनावों में दोनों ओर से धाकड़ प्रत्याशी को उतारा था, लेकिन माना जा रहा हैं कि अब ऐसा नही होगा इस बार धाकड के खिलाफ ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा जाऐगा।

2018 का चुनाव जीते सुरेश राठखेडा ने ज्योतिरादित्य सिंधिंया का साथ देते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया। माना जा रहा हैं कि भाजपा से सुरेश राठखेडा का टिकिट फायनल होगा कांग्रेस में टिकिट का मंथन हैं।

विजयपुर के पूर्व विधायक और रामनिवास रावत, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बड़े समर्थक और सबसे खास नेता माने जाते थे लेकिन उन्होने कांग्रेस से अपना त्यागपत्र नही दिया। रामनिवास रावत की निष्ठाऐं ज्योतिरादित्य से अधिक कांग्रेेस में रही। इस कारण वह कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हैं।

आज की चाय की चर्चा के कई मायने आ रहे हैं लेकिन अर्थ एक ही जगह जाकर खड़े हो रहे हैं पोहरी चुनाव। अभी तक जो गणित लग रहे हैं हरिबल्लभ शुक्ला का टिकिट फायनल माना जा रहा हैं। लाइन में कई धाकड बंधुओ के साथ पूर्व मंडी अध्यक्ष एनपी शर्मा भी हैं लेकिन आज से नया समीकरण बन गया हैं।

अब बात भाजपा नेता नरेन्द्र बिरथरे की करते हैं। नरेन्द्र बिरथरे फायर ब्रांड नेता उमाभारती के समर्थक हैं, और जब उमाभारती ने जनशक्ति पार्टी बनाई थी नरेन्द्र बिरथरे उनके साथ गए थे। जनशक्ति का विलय भाजपा में हो गया, लेकिन उमाभारती को मप्र की सक्रिय राजनीति से दूर रखा गया हैं।

अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल हो जाने से भाजपा में तगडा कॉम्पिटशन हो गया। 2018 में भी नरेन्द्र बिरथरे को टिकिट नही दिया। भाजपा ने प्रहलाद भारती को टिकिट दिया था। वर्तमान में भी भाजपा का टिकिट लॉक माना जा रहा हैं।

नेताओ की आस केवल कांग्रेस के टिकिट की ओर हैं। भाजपा के जबाब में कांग्रेस भी तोड़फोड़ करना चाहती हैं किसी भी तरह भाजपा के नेता टूटे और कांग्रेस में शामिल हों। कांग्रेस कोई भी सपना दिखा सकती है। उमाभारती के मप्र की राजनीति मेंं सक्रिय नही हैं हो सकता हैं नरेन्द्र बिरथरे को अब भाजपा में अपना भविष्य नही दिख रहा हो।

चाय पर राजनीति क्या चटकारे लिए गए क्या राजनीति की शतरंज दिखाई जाए यह तो 100 प्रतिशत किसी को जानकारी नही हैं लेकिन इस बात को भी नही नाकार सकते कि कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत भी पोहरी से अपनी जमीन टटोल रहे हो।

प्रदेश की राजधानी में जो हवा चल रही थी कि रामनिवास रावत पोहरी से कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड सकते हैं वह हवा शिवपुरी के धरा पर सत्य होती प्रतीत हो रही हैं। विजयपुर विधानसभा ओर पोहरी पोहरी विधानसभा की समीए आपस में टकराती हैं रामनिवास रावत इस क्षेत्र की राजनीति में बडा नाम है। इस चाय की चर्चा पर कई गणित निकाले जा रहे है। राजनीति में कई तरह के कयास लगाए जाते हैं। कभी कभी कयास भी सत्य हो जाते हैंं लेकिन यह मुलाकात आपचारिक नही हो सकती है।

राम निवास रावत ने क्या कहा

नरेन्द्र बिरथरे मेरे मित्र हैं। मेरी पढाई लिखाई शिवपुरी मे हुई है। यह शुद्ध् रूप से पर्सनल चाय की मुलाकात है। भोपाल से लौट रहा था सिर्फ चाय पीने आया था। 
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