इस खत से मिट जाऐंगी सैनिटाईजर की भ्रांतियां, यह कैमिकल मिलाए जाते हैं इसमे | Shivpuri News

Bhopal Samachar
खुला-खत @उमेश श्रीवास्तव। शहर में इस समय कोरोना का कहर हैं  सोशल डिस्टेंस और सैनिटाईजर दो अस्त्रो के साथ इस कोवेड-19  वायरस से आप युद्ध कर इससे विजय पा सकते हैं। शहर में नपा ओर समाज सेवी सैनिटाईजर कर रहे है। वही कुछ लोग सैनिटाईजर को लेकर सोशल पर पोस्ट डाल रहे हैं कि केवल ब्लीचिंग ही पावडर इसमें इस्तेमाल किया जा रहा हैं।

मैं उमेश श्रीवास्तव शिक्षक रसायन विज्ञान संस्थान सक्सैस पॉईट पूरे शहर को इस खुले खत के माध्यम से बताना चाहता हूं कि हम और हमारी एक पूरी टीम शहर के गली मोहल्लो को सैनिटाईज कर रहे हैं। चूकि मैं रसायन विज्ञान का ही शिक्षक हूं तो आपकी सैनिटाईजर को लेकर भ्रतिंया दूर करना भी मेरा परम कर्तव्य हैं।

हम जिस कैमिकल से सैनिटाईज कर रहे है उस कैमिकल को बनाने की विधि और उसमें प्रयोग होने वाले कैमिकल और इन कैमिकलो से कोवेड-19 वायरस कैसे मरता हैं उसके बारे में पूरी जानकारी दे रहा हूं।

इस सैनिटाइजर में इन रसायनों का प्रयोग किया जाता है

सोडियम हाइपोक्लोराइट एवं कैलशियम हाइपोक्लोराइट जो सामान्यत ब्लीचिंग पाउडर की तरह उपयोग किए जाते हैं का प्रयोग सैनिटाइजर के रूप में किया जा रहा है विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं सेंटर फौर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन हेल्थ केयर ने भी इन्हीं रसायनों के प्रयोग करने की सलाह दी है।

सैनिटाइजर विलयन किस प्रकार तैयार किया जाता है कि यह प्रभावशाली रहे

सामान्यता सोडियम हाइपोक्लोराइट का 0.5-0.6% विलयन डिसइनफेक्टेंट की तरह कार्य करता है सामान्यता इस विलयन का प्रयोग पीने के पानी के उपचार में भी किया जाता है कोरोनावायरस को नष्ट करने के लिए 0.5-0.6% विलयन से संक्रमित सतह कम से कम 10 मिनट तक भीगा रहना चाहिए क्योंकि हमें जो विलयन बाजार में उपलब्ध है उसकी शुद्धता प्रतिशत भिन्न भिन्न हो सकती है अतःइसका 2-12%विलयन अधिक प्रभावशाली है।

इस बिलयन के प्रयोग से पहले इन बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है

विलयन हर रोज ताजा बनाया जाना चाहिए क्योंकि अधिक देर तक पराबैगनी किरणों अर्थात सूर्य के प्रकाश के सीधे संपर्क में आने पर यह खराब हो जाता है।

इसका स्प्रे करने से पहले कूड़ा करकट, धूल और अन्य कार्बनिक पदार्थ सतह से साफ करना आवश्यक है,संक्रमित सतह कम से कम 10 मिनट तक इससे भीगा रहना चाहिए,कम सांद्रता वाले विलयन का भी कोई प्रभाव वायरस पर नहीं पड़ता है।

यदि यह सांस के साथ अंदर प्रवेश कर जाए तो नाक, गले और सांस नली में दिक्कत हो सकती है। आंखों में जाने पर तेज जलन हो सकती है। त्वचा के लिए भी हानिकारक है इसका स्प्रे करते समय हाथों में दस्तानेआदि का प्रयोग करना चाहिए। यह 48 घंटे तक वायरस संक्रमण को सतह पर रोकता है जिस पर इसका प्रयोग किया गया है।

सबसे बडा और महत्वपूर्ण बात यह कैमिकल  कोवेड-19 वायरस कैसे लडता हैं और उसे खत्म करता हैं इसके विज्ञानिक भाषा 
बताए गए सभी रसायनो का विधि अनुसार बनाया गया मिश्रण सैनिटाईजर कहलता हैं। यह क्लोरीन मुक्त करता है अर्थात् यह है एक शक्तिशाली ऑक्सीकारक पदार्थ है। यह मुख्यतः  कोवेड-19 वायरस के प्रोटीन पर क्रिया कर उसे नष्ट करता हैं।
नोट:पूरी जानकारी उमश श्रीवास्तव द्वारा बताई गई हैं।
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