बूंद में सागर भर दिया शिवपुरी के जनमानस ने: बाजार हुए गुलजार, महिलाओं ने घेरी कलेक्ट्रेट / Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आज 11 बजे तक पूरे शहर के बुद्धिजिवियो ने पत्रकारता की हैं किसी ने सडक पर उतरकर तो किसी ने सोशल पर,एक आवाज सिर्फ कलेकटर शिवपुरी के आदेश का विरोध, पुलिस लठठ के जोर पर मामला संभालने का प्रयास किया। वही शहर के जागरूक लोग ग्वालियर के कलेक्टर की प्रशंसा करते नजर आए। वहां किसी भी प्रकार की राहत नही दी हैं।

जैसा कि विदित हैं कि पिछले 25 दिनो में शिवपुरी में एक भी मरीज कॉरोना पॉजीटिव नही मिलने के कारण इस मेडिकली कफ्यू में सिर्फ बूंद भर राहत प्रशासन ने दी,लेकिन शहर के जनमानस में सागर जितना भर लिया। प्रशासन ने आदेश किया की अब आवश्यक वस्तुओ की दुकाने 5 बजे शाम तक खुली रहेंगी।

सड़क निर्माण,सरकारी बिल्डिंग आदि के काम शुरू हो सकेंगे। स्वरोजगार से जुड़ी सेवाएं जैसे इलेक्ट्रीशियन,आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक और कारपेंटर को काम की छूट रहेगी। इसके लिए एसडीएम से अनुमति जरूरी है। कृषि क्षेत्र के काम व मोटर पार्ट्स की दुकानें खुलेंगी। मनरेगा के काम शुरू होंगें।

आज पूरा शहर खुल गया


लेकिन आज पूरा शहर खुल गया, किराना,दूध,सब्जी के अतिरिक्त कपडा,जूते और अन्य दुकाने भी खुल गई। राहत एक बूंद की थी,लेकिन धैर्य टूटा एक बूंद में ही सागर भरने का प्रयास आज शिवपुरी के जनमानस ने कर दिया। पुलिस लठठ के बल पर स्थिती सुधारने का प्रयास करती नजर आई,लेकिन जब घोषणा हो गई कि 5 बजे तक दुकाने खुलेगी तो पुलिस और आम आदमी के बीच तकरार होती नजर आई।

इसी बीच कलेक्ट्रेट से खबर आई कि अलग-अलग जगह की करीब 100 महिलाओे ने कलेक्ट्रेट को घेर ली,उन्है राशन नही मिला। यहां का दृश्य एक आंदोलन जैसा था। प्रशासन ने इन महिलाओ के नाम पते नोट किए और इन्है राशन दिलाने का भरोसा दिया। यहां शहर की पीडीएस सिस्टम फैल होता नजर आया।

कुल मिलाकर कहने का सीधा सा अर्थ था कि आज महामारी में लोकडाउन डाउन हो गया। बाजारो सोशल सिस्टम की धज्जिया उडती नजर आई। पुलिस ने संभालने का प्रयास किया लेकिन वह भी फैल हो गई।

इस राहत का प्रशासन ने समय पर प्रेस नोट रिजीज नही किया। क्या खुलना हैं कब खुलना हैं यह किसी को पता नही था। लोग सोशल पर अपने हिसाब से राहत दे रहे थे। अफवाह का बाजार गर्म हो गया। और आज लॉकडाउन में शहर सडक पर उतर गया। 
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