हार्दिक गुप्ता कोलारस। कोरोना के संक्रमण के कारण देश में लॉकडाउन करना पडा। इस लोकडाउन में सबसे ज्यादा कष्ट मजदूर वर्ग को झेलना पडा। अपने घरो बहार मजदूरी की जुगाड में महानगरो को निकले मजदूर दाने—दाने को मोहताज हो गए। कोलारस क्षेत्र के ऐसे ही कुछ मजदूर जयपुर से पैदल चलकर वापस लौटे हैं।
कोलारस अनुविभाग के रन्नौद, ढेकुआं के लगभग एक दर्जन से अधिक मजदूर जयपुर से अपने घरो को पैदल ही निकल दिए। रामचरण,ओमी और प्रकाश ने बताया कि जयपुर की एक कंस्ट्रक्शन साईड पर लॉकडाउन का पहला चरण तो काट लिया और 21 दिनो का संघर्ष कर लिया,लेकिन जैसे ही दूसरे लॉकडाउन की घोषणा हुई हमारी हिम्मत जबाव दे गई।
हमने विचार किया कि यहां भूखो मरने से अच्छा है कि रास्ते में ही मर जाए। हमने हिम्मत की और जयपुर से पैदल ही कोलारस के लिए चल दिए। मजदूरो ने बताया कि हम 6 दिन में कोलारस पहुंचे हैं। रास्तो की बाधाओ के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि कही तो पुलिस हमे लठठ मार रही थीं,कुछ भले पुलिस वाले भी थे उन्होने हमे खाना खिलाया।
प्रकाश ने बताया कि रास्ते में मिले गांवो में हम सो जाते थे और दिन में हम पैदल चलते थे। रास्ते में लोगो ने हमारी मदद की कुछ लोगो ने हमे खाना खिलाया तो कुछ लोगो ने हमे धिक्कारा भी। पैदल चलते—चलते हमारे पैरो में छाले पड गए।
मजदूर जैसे ही कोलारस नगर में प्रेवश किया तो सबसे पहले कोलारस थाने पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। कोलारस थाने ने स्वास्थय विभाग को इनके जयपुर से लौटने की जानकारी दी। स्वास्थय विभाग ने इन सभी मजदूरो का स्वास्थय परिक्षण किया और इन सभी को होम क्वाराटाईन जाने का कहा। वही सभी मजदूर स्वास्थय बताए जा रहे हैं।
कोलारस अनुविभाग के रन्नौद, ढेकुआं के लगभग एक दर्जन से अधिक मजदूर जयपुर से अपने घरो को पैदल ही निकल दिए। रामचरण,ओमी और प्रकाश ने बताया कि जयपुर की एक कंस्ट्रक्शन साईड पर लॉकडाउन का पहला चरण तो काट लिया और 21 दिनो का संघर्ष कर लिया,लेकिन जैसे ही दूसरे लॉकडाउन की घोषणा हुई हमारी हिम्मत जबाव दे गई।
हमने विचार किया कि यहां भूखो मरने से अच्छा है कि रास्ते में ही मर जाए। हमने हिम्मत की और जयपुर से पैदल ही कोलारस के लिए चल दिए। मजदूरो ने बताया कि हम 6 दिन में कोलारस पहुंचे हैं। रास्तो की बाधाओ के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि कही तो पुलिस हमे लठठ मार रही थीं,कुछ भले पुलिस वाले भी थे उन्होने हमे खाना खिलाया।
प्रकाश ने बताया कि रास्ते में मिले गांवो में हम सो जाते थे और दिन में हम पैदल चलते थे। रास्ते में लोगो ने हमारी मदद की कुछ लोगो ने हमे खाना खिलाया तो कुछ लोगो ने हमे धिक्कारा भी। पैदल चलते—चलते हमारे पैरो में छाले पड गए।
मजदूर जैसे ही कोलारस नगर में प्रेवश किया तो सबसे पहले कोलारस थाने पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। कोलारस थाने ने स्वास्थय विभाग को इनके जयपुर से लौटने की जानकारी दी। स्वास्थय विभाग ने इन सभी मजदूरो का स्वास्थय परिक्षण किया और इन सभी को होम क्वाराटाईन जाने का कहा। वही सभी मजदूर स्वास्थय बताए जा रहे हैं।