तेरा चेहरा खुली आँखों का सुंदर सपना लगता है, तेरा पागलपन अब मुझको मेरा अपना लगता है

Bhopal Samachar

शिवपुरी। युग युग का संकल्प अटल था,मुझ में मेरा राम प्रबल था,पग पग पर जिसकी मर्यादा,देकर थोड़ा ले गयी ज्यादा,भोर नयन भर लायी आंसू,पीड़ा लायी शाम,सिया तेरा अभिशापित है राम । ऑनलाइन कवि सम्मेलन के 19 वे दिन जैसे ही बाराबंकी के प्रियांशु गजेंद्र ने सुनाई पूरा पटल प्रफुल्लित हो उठा और उसके बाद भारत के श्रेष्ठ कवि प्रियांशु गजेंद्र ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति श्रोताओं को सुना मंत्र मुग्ध किया।

लगातार 19 दिन से घर रहकर घर रहने का आग्रह करते हुए अखिल भारतीय साहित्य परिषद शिवपुरी द्वारा प्रारम्भ की गई परम्परा ने अखिल भारतीय स्वरूप ले लिया है और देश भर के ख्यातिनाम कवि ऑनलाइन कवि सम्मेलन में अपना काव्य पाठ प्रस्तुत कर घर बैठे ही सभी का मनोरंजन और विचार प्रेषित् कर रहे है।

उन्नीसवें दिन माँ सरस्वती की आराधना झांसी की कवियित्री पुष्पा तोमर पूजा ने प्रस्तुत की,ऑनलाइन कवि सम्मेलन के संयोजक संचालक आशुतोष ओज ने उसके बाद ललितपुर के पुलिस कर्मी कवि अमित दुबे को आमंत्रित किया जिनने तेरा चेहरा खुली आँखों का सुंदर सपना लगता है,तेरा पागलपन अब मुझको मेरा अपना लगता है।

सुनाकर सभी की तारीफ पाई,शिवपुरी की कवियित्री रिया माथुर ने ये जो इतना इतरा रही है,कई रंग दिखा रही है की जिन्दगी से जुड़ी प्रस्तुति प्रस्तुत की।विदिशा के युवा वीर रस के कवि ध्रुव बेचैन ने भारत माता की जय बोल रहा हु,राष्ट्रभक्ति के पन्ने खोल रहा हु,राष्ट्र भक्ति सबसे बड़ा धर्म है,धर्म मे भी सबसे बड़ा कर्म है सुना सभी की तालिया बटोरी।

झाँसी की श्रृंगार की कवियित्री पुष्पा तोमर पूजा ने मुझे खोई हुई गलियों में हरदम छोड़ जाती है,तसव्वुर में वह एक तस्वीर हंसती मुस्कुराती है,मुझे जब जब माँ कहकर बुलाती है मेरी बेटी,मुझे और ज्यादा नही मेरी माँ याद आती है सुना माँ की ममता को प्रस्तुत किया।

मुख्य कवि प्रियांशु गजेंद्र श्रोताओं की मांग पर एक के बाद एक प्रस्तुति दी,कोरोना काल मे लोगो के द्वारा तोड़ी जा रही मर्यादा पर उनने सुनायान पेट भी तो पशु भर लेते है,साथ ही जीते मर लेते है,धरती पर्वत चांद सितारे,सब चलते है राम सहारे,तेरा कुछ ईमान नही क्या,नयन हुए है पानी,मानव तेरी कठिन कहानी सुनाकर लोगो को घर रहने की समझाइश दी,निर्देशो का पालन का आग्रह किया।

कवि सम्मेलन के संयोजक संचालक आशुतोष ओज ने सभी के उन्नीस दिन से जारी प्रेम के लिए आभार माना,अगले दिन यानी रविवार को इंदौर से आने वाले भारत के श्रेष्ठ कवि अमन अक्षर मुख्य कवि के रूप में रहेंगे।
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