खनियांधाना में नसबंदी के बाद महिलाओं को जमींन पर लिटाया | khaniyadhana News

Bhopal Samachar
खनियाधाना। खबर मानवता को शर्मसार करने बाली जिले के खनियांधाना क्षेत्र से आ रही है। जहां आज फिर शासन और मानवाधिकार को ठेंगा दिखाते हुए अस्पताल प्रबंधन ने नसबंदी के बाद महिलाओं को जमींन पर लिटा दिया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। अपितु आज जो कृत्य किया है वह शिवपुरी जिला चिकित्सालय में महिलाओं को नीचे लिटाने के बाद मानवाधिकार द्धारा संज्ञान लेने के बाद किया है। जिससे प्रशासन की मंशा सोचनीय है।

जानकारी के अनुसार जिले के खनियाधाना अंतर्गत मोहरीकलां के शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रविवार को तीसरा महिला नसबंदी शिविर आयोजित किया गया। जिसमें रविवार को 35 महिलाओं की सुरक्षित नसबंदी की गई। लेकिन नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटा दिया गया।

शिविर आयोजित कर स्वास्थ्य केंद्र पर पलंगों की कोई व्यवस्था नहीं की गई। हालत  को देकते हुए इस समय तेज सर्दी का मौसम चल रहा है और ऐसे में महिला को जमीन पर लिटाने से उसके स्वास्थ्य बिगड़ने का भी खतरा था।

बात काफी उल्लेखनीय है कि अभी कुछ दिन ही पूर्व जिला अस्पताल में नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटा दिया गया था, जिसके बाद इस मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान भी दिया। लेकिन संज्ञान भी एक मुफ्त का ज्ञान ही बना रहे गया और आयोजकों के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी। और आखिरकार नसबंदी  के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटा दिया गया।        

बता दें कि मोहरीकला स्वास्थ्य केंद्र तीसरा शिविर आयोजित हुआ, जिसमें 35 महिलाओं की नसबंदी की गई। यहां अभी तक लगे 3 शिविरों में 160 नसबंदी हो चुकी है। इस केंद्र पर हुई सभी नसबंदी सर्जन डॉक्टर बृजेश शर्मा ने की और उनका सहयोग डॉ हेमंत कुमार ने किया।

मामला सामने आने के बाद डॉक्टर बृजेश शर्मा ने बताया कि गद्दों पर महिलाओं को लिटाया गया था। क्योंकि हर अस्पताल में पलंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती। बाकी जिले में जितने भी सीएचसी केंद्र हैं उसमें मुहारीकलां सबसे बेहतर है। जो बेहतर हो सकता था, उन सुविधाओं के साथ यह ऑपरेशन किए गए है।

मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान भी इस तरह की लापरवाही दर्शाती है कि सुवास्थ शिविरों में आए मरीजों की हालत कितनी बत्तर तरीके है। इसके बाद देखना बाकी है कि आयोजकों की नींद अब खुलती है या फिर मानव अधिकार आयोग और भी संज्ञान आना बाकी है।  
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