शिवपुरी। अभी तक भाजपा में मण्डल अध्यक्षो का चुनाव चल रहा था,अब भाजपा के जिला अध्यक्ष के चुनाव पर नजरे केंद्रित हो गई हैं। बताया जा रहा हैं कि पार्टी का जिला अध्यक्ष का चुनाव 30 नवम्बर को होगा और पार्टी की गाइडलाईन के अनुसार जिलाध्यक्ष पद की लिए आयु सीमा 50 वर्ष निर्धारित की गई हैं।
हालांकि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अपवादस्वरूप स्थिति में 55 वर्ष के कार्यकर्ता को भी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
उम्र सीमा के कारण पार्टी के मौजूदा जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी दौड़ से बाहर हो गए हैं और जिलाध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार पूर्व विधायक प्रहलाद भारती भी रेस से बाहर माने जा रहे हैं, लेकिन इसके पश्चात भी पार्टी में जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों की संख्या कम नहीं है।
भाजपा की जिला कार्यकारिणी में महामंत्री राजकुमार खटीक, जिला उपाध्यक्ष हेमंत ओझा और जिला कोषाध्यक्ष दिलीप मुदगल भी दावेदार के रूप में उभर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष पद के चयन में मुख्य दिलचस्पी इस बात की रहेगी कि पार्टी के किस खेमे के हाथ बाजी लगती है।
स्थानीय भाजपा में मुख्य रूप से यशोधरा राजे समर्थक और विरोधी खेमा कार्यरत है। दोनों खेमे जिलाध्यक्ष के चुनाव के एक दूसरे को पटकनी देने के प्रयास में लगे हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि यशोधरा खेमे के कार्यकर्ता की ताजपोशी रोकने के लिए उनके सभी विरोधियों ने हाथ मिला लिया है।
वहीं अध्यक्ष पद के दावेदार कुछ कार्यकर्ता ऐसे हैं जो दोनों खेमों से समन्वय बनाए हुए हैं। इनमें मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष हेमंत ओझा, मछुआ कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष राजू बाथम, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष धैर्यवद्र्धन शर्मा, जिला महामंत्री राजकुमार खटीक प्रमुख हैं।
जिलाध्यक्ष पद के चयन में मुख्य रूप से यशोधरा राजे खेमे के जिन उम्मीदवारों की दावेदारी या तो सामने आई है या उन्होंने स्वयं जिलाध्यक्ष बनने की इच्छा व्यक्त की है वे हैं भाजपा नगर अध्यक्ष भानु दुबे, नगर महामंत्री हरिओम राठौर और पार्टी के कोषाध्यक्ष दिलीप मुदगल।
जिलाध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए संघ की पसंद राजू बाथम बताई जाती है। श्री बाथम 52 वर्ष के हैं और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के अनुसार उम्र सीमा में छूट दी जाने के कारण वह अध्यक्ष पद की रेस में हैं। श्री बाथम पूर्व विधायक प्रहलाद भारती के नजदीकी हैं। श्री भारती को यशोधरा राजे सिंधिया का विश्वास पात्र माना जाता है और इस एंगल से वह जिलाध्यक्ष पद के चुनाव में यशोधरा राजे की एनओसी लेने का प्रयास करेंगे।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष हेमंत ओझा आश्चर्यजनक रूप से पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के साथ साथ यशोधरा राजे सिंधिया के भी नजदीकी हैं। इस कारण उन्हें भरोसा है कि जिलाध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर सहमति हो जाएगी। भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष सोनू बिरथरे को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर खेमे का माना जाता है और जोड़ तोड़ की राजनीति में वह प्रवीण हैं।
यह माना जाता है कि श्री बिरथरे प्रदेश महामंत्री और सांसद बीडी शर्मा, पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद केपी यादव और विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थन के प्रति भी आश्वस्त हैं। श्री बिरथरे के चाचा ओमप्रकाश शर्मा गुरू भाजपा के जिला महामंत्री हैं और यशोधरा राजे सिंधिया के नजदीकी हैं।
इस कारण यशोधरा राजे की एनओसी लेने का प्रयास भी इस माध्यम से किया जा सकता है। भाजपा के जिला महामंत्री राजकुमार खटीक साधन संपन्न राजनेता है और वह पूर्व विधायक ओमप्रकाश खटीक के सुपुत्र हैं। पिछले संगठन चुनाव में छुपे रूस्तम की तरह वह जिला महामंत्री बनने में सफल रहे थे।
पूर्व विधायक खटीक का पार्टी के सभी नेताओं से गुटबाजी से ऊपर उठकर अच्छा समन्वय है। इस कारण जिलाध्यक्ष पद के चुनाव में राजकुमार खटीक भी गुल खिला सकते हैं। भाजपा में महत्वाकांक्षी नेता के रूप में प्रसिद्ध धैर्यवद्र्धन शर्मा वर्तमान में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और मीडिया पैनलिस्ट हैं।
वह भाजयुमो के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं और पार्टी की गतिविधियों में लगातार सक्रिय रहते हैं। भाजपा में वह किसी गुट विशेष से भी सम्बद्ध नहीं है और यहीं शायद उनकी ताकत है अथवा कमजोरी। लेकिन जिलाध्यक्ष पद के लिए उन्हें कमजोर उम्मीदवार नहीं माना जा सकता।
जिलाध्यक्ष पद की महत्वाकांक्षा कोलारस के मंडल अध्यक्ष विपिन खेमरिया भी पाले मे हैं, लेकिन सावधानी बतौर गुपचुप रूप में गोटियां बिठाने में व्यस्त हैं और फ्रंट में आकर खेलने का उनका भरौसा नहीं है। पिछोर जनपद पंचायत अध्यक्ष लोकपाल लोधी भी जिलाध्यक्ष पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं।
उनके नाम की पैरवी वर्तमान जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी कर रहे हैं। जहां तक यशोधरा राजे खेमे का सवाल है तो इस खेमे की ओर से भानु दुबे, दिलीप मुदगल और हरिओम राठौर की दावेदारी अभी तक सामने आई है।