अधिकारियो की गले का फांस बन रहा हैं चना घोटाला, नीलामी कैंसिल होने की खबर, रण छोड भागे अधिकारी | Shivpuri News

Bhopal Samachar
हार्दिक गुप्ता /शिवपुरी। जिले में हुआ चना घोटाला अभी-भी अधिकारियो की गले का फांस बन रहा हैं। इस घोटाले से पिंड छुडाने के लिए बीते 10 अक्टूबर को श्रीजी बेयर हाउस में रखे अमानक चने की नीलामी कराई गई थी,लेकिन खरीद और नीलामी की रेटो में अधिक अंतर होने के कारण इस चने की नीलामी के कैंसिल होने की खबर आ रही हैं।

जैसा कि विदित हैं कि जिले में किसानो की उपज खरीदी में अधिकाारियो और सोसायटी ने मिलकर एक बडा घोटाला पका दिया। इस घोटाले की लपटो को जब मिडिया ने हवा दी तो इसकी गर्मी पूरे प्रदेश में पहुंची। कोलारस एसडीएम ने चने में सिंध की रेत मिलाते हुए स्वयं ने पकडा था।

इस चने घोटाले को एक नही चार विभागो ने मिलकर पकाया जाने की खबर आ रही हैं,बताया जा रहा हैं कि खरीदी के कुछ केंद्र उन सोसायटीओं को दिए गए जो कि पहले से डिफॉल्टर थी नियमों को ताक पर रखकर सहकारी बैंक, नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य विभाग एवं सहकारिता विभाग के आला अधिकारियों द्वारा नियमो को ताक पर रखकर अनुबंध कर लिया। कुल मिलाकर जिले में ऐसे सोसायटीयो को चना खरीदी के अधिकार दे दिए जो पूर्व से ही डिफाल्टर रही हैं।

इस पकाए घोटाले में चने में मिलावट की लपटे उठती हुए मिडिया तक पहुंची। इस घोटाले में सबसे बडी लपटे जब उठी जब नेफेड की टीम ने जांच कर 27156 क्विंटल चना अमानक घोषित करते हुए किसानो का पेमेंट रोकने के निर्देश दिए थे।

नाफेड ने इन गोदामो का चना किया था अमानक घोषित

रायश्री गोदाम शिवपुरी 3056 क्विटल चना,बालाजी गोदाम शिवपुरी 3160 क्विंटल क्विटल चना,महादेव गोदाम शिवपुरी  190 क्विंटल क्विटल चना,श्री गणेश गोदाम बदरवास 9320 क्विंटल चना,लुकवासा मंडी गोदाम 1540 क्विंटल चना,बालाजी गोदाम बदरवास 8120 क्विंटल चना,गिर्राज गोदाम कोलारस 1770 क्विंटल चना अमानक घोषित किया हैं।

कलेक्टर के निर्देश पर 4 गोदाम सील, नहीं हुई जांच

नाफेड ने अपने पत्र में चार गोदामों का जिक्र किया है, जिन्हें कलेक्टर ने शिकायत मिलने पर सील करा दिया था। नाफेड का जांच दल चारों गोदामों में रखे चने की जांच नहीं करा सका है। इन गाेदामों में श्रीजी गोदाम क्रमांक,2 महावीर गोदाम क्रमांक,3 बाबा देवपुरी गोदाम और पोहरी के सभी गोदाम शामिल हैं।

इसी क्रम में बीते 10 अक्टूबर को श्रीजी बेयर हाउस में रखे 3386 क्विटंल अमानक चने की नीलामी कराई गई थी। सरकार ने 4620 में चना खरीदा गया था एवं चने की बोली 3525 लगाई गई 1095 रुपए का अंतर खरिद और नीलामी में आया। 40 लाख रूपए का अंतर आ रहा हैं। बताया गया हैं कि इस चने को बेचकर किसानो का पेमेंट किया जाऐगा। लेकिन खरीद और नीलामी की रेट के अंतर 40 लाख रू कहां से आऐंगें,और इन्है कौन भुगतेगा।

इस पूरे मामले में एक बात देखने में आई हैं कि अब यह चना खरीद घोटाला स्वंय सिद्ध् हो गया हैं,अमानक चना भी गोदामो में रखा हैं,लेकिन इस काण्ड में किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही नही होना एक सवालिया निशान लगा रहा हैं कि कही-कही इस काण्ड में अधिकारियो के साथ-साथ बडे स्तर पर भ्रष्टाचार का पैसा पहुंचा हैं। इस कारण ही यहां किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही नही हुई है। और अधिकारियो के तत्काल जिले बदलवा दिए गए यह सवाल बडा हैं विपक्ष को उठाने के लिए,लेकिन अफसोस विप़क्ष ने इस मामले में एक शब्द तक नही बोला हैं।
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