नगर पालिका के कारण शहर के 1030 परिवारो की दीपावली पर टूटा सपना, नही हो पाया ग्रह प्रवेश

Bhopal Samachar
शिवपुरी। एक आदमी का सपना स्वंय का मकान होता हैं। भारत के प्रधानमंत्री ने आम आदमी के इस सपने को पूरा करने के लिए ही प्रधानमंत्री आवास योजना को धरातल पर उतारा था,लेकिन शिवपुरी में यह सपना अभी भी सपना बनकर रह गया हैं। शिवपुरी में प्रधानमंत्री आवास योजना के काम का क्रियान्वयन प्लानिंग न होने के कारण शहर के 1030 परिवारो का इस दिपावली पर सपना टूट गया हैं। उनका अपने मकानो में ग्रहप्रवेश नही हो पाऐगा।

जैसा विदित हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना के काम का क्रियान्वयन ठीक से नहीं होने से शिवपुरी शहर में 1030 आवास अधूरे पड़े हैं। हितग्राहियों को पिछले साल दीपावली तक गृह प्रवेश करवाना था लेकिन लैंडयूज परिवर्तन का पेंच फंस जाने से प्रोजेक्ट का काम ठप सा है। केंद्र और प्रदेश सरकार से मिली सब्सिडी से प्रोजेक्ट 70% तक पहुंच पाया है।

अब नगर पालिका के पास उतना बजट नहीं है जिससे आवास प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके। यदि लैंडयूज परिवर्तन समय रहते हो जाता तो हितग्राहियों को लोन मिल जाएगा। इसके सहारे नपा प्रोजेक्ट पूरा कराने का इंतजार कर रही है।

जानकारी के मुताबिक नगर पालिका शिवपुरी ने आठ महीने पहले लैंडयूज परिवर्तन के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएनसीपी) में आवेदन किया था। टीएनसीपी डायरेक्टर स्तर से लैंडयूज परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव स्तर पर मामला अटका हुआ है।

नगर पालिका अध्यक्ष्, सीएमओ से लेकर प्रभारी मंत्री तक ने आवास योजना को पूरा कराने के लिए ध्यान नहीं दिया है, जबकि नगर पालिका शिवपुरी के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता है। लोगों के जेहन में यही सवाल उठता है कि कांग्रेस सरकार हितग्राहियों से जुड़े प्रोजेक्ट में इतनी देर क्यों लगा रही है।

बता दें कि लैंडयूज परिवर्तन होने के बाद ही 1030 हितग्राहियों के बैंक से 1.80-1.80 लाख के ऋण भी स्वीकृत कराए जाना है। साथ ही 252 फ्लैट और 102 प्लॉट भी लैंडयूज परिवर्तन मिलने के बाद ही बिक पाएंगे।

आवास प्रोजेक्ट 90 करोड़ का, अभी 30% काम अधूरा

आवास प्रोजेक्ट 90 करोड़ रुपए लागत का है। जिसमें से सरकार सब्सिडी के रूप में 3-3 लाख के मान से 80% फीसदी राशि यानी 24.72 करोड़ रुपए नगर पालिका को जारी कर चुकी है। इसी राशि से प्रोजेक्ट आकार ले सका है लेकिन सब्सिडी की राशि खत्म होने तक नगर पालिका शेष फंड नहीं जुटा पाई।

जिससे प्रोजेक्ट अटक गया। बाद में पता चला कि लैंडयूज परिवर्तन भी होना है। प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले प्रदेश सरकार ने भी ध्यान नहीं दिया। बाद में सारे जिलों में लैंडयूज परिवर्तन की प्रक्रिया अपनाई गई।

हितग्राही अंशदान 2-2 लाख, बुकिंग के दौरान 20-20 हजार पहले ही ले चुकी नपा

आवस प्रोजेक्ट में हितग्राही अंशदान 2-2 लाख रुपए है। जिसमें से नगर पालिका 20-20 हजार रुपए पहले ही बुकिंग के नाम पर लोगों से ले चुकी है। अब 1 लाख 80 हजार रुपए बैंक से फायनेंस कराना है। यह प्रक्रिया लैंडयूज परिवर्तन के बाद ही हो पाएगी।

अलग से फ्लैट व प्लॉट बेचकर शेष राशि की व्यवस्था नगर पालिका को करना है

प्रति आवास लागत 6 लाख रुपए आ रही है। सरकार से 80% सब्सिडी मिल चुकी है। हितग्राही अंशदान के बाद प्रति आवास 1 लाख रुपए की और जरूरत है। इसकी व्यवस्था नगर पालिका को करना है। इसके लिए 252 फ्लैट व 102 प्लॉट बेचना है, तब प्रोजेक्ट पूरा हो पाएगा।

फ्लैट, प्लॉट के रेट ज्यादा होने पर किसी ने रुचि नहीं ली थी

आवास प्रोजेक्ट के पास ही नगर पालिका को सरकारी जमीन मिली है जिसे बेचकर प्रोजेक्ट पूरा कराना है। तीन मंजिला के 252 फ्लैटों की कीमत क्रमश: 15, 16 और 17 लाख थी, जबकि प्लॉट 11 लाख रुपए रेट रखी। नपा ने इसकी विज्ञप्ति जारी की लेकिन ज्यादा रेट बताकर किसी ने रुचि नहीं ली। अब रिवाइज एस्टीमेट बनाकर रेट कम की गई है। लैंडयूज परिवर्तन के बाद ही विज्ञप्ति जारी होगी।

बजट मिल जाए तो दो महीने में आवास उपलब्ध करा देंगे

लैंडयूज परिवर्तन में देरी की वजह से प्रोजेक्ट काम पूरा नहीं हो पाया है। यदि बजट की व्यवस्था हो जाए तो हम दो महीने में प्रोजेक्ट खत्म कर देंगे। अभी तक 70% तक काम हो चुका है। सोनू भदौरिया, प्रोजेक्ट इंचार्ज, जेआरजे इंदौर

लैंडयूज परिवर्तन के बारे में कल तक पता चल जाएगा

सब इंजीनियर को भोपाल भेजा है। लैंडयूज परिवर्तन के बारे में कल पता चल जाएगा। इस संबंध में प्रभारी मंत्री से भी चर्चा कराएंगे। लैंडयूज परिवर्तन की खामी तत्कालीन अधिकारी छोड़ गए। इसलिए प्रोजेक्ट में देरी हो गई। मुन्नालाल कुशवाह, अध्यक्ष, नगर पालिका शिवपुरी

प्रमुख सचिव स्तर से अनुमति मिलना बाकी

शिवपुरी का लैंडयूज परिवर्तन टीएनसीपी डायरेक्टर स्तर से हो गया है। प्रमुख सचिव स्तर से अनुमति मिलना बाकी है। वीके शर्मा, ज्वाइंट डायरेक्टर, टीएनसीपी ग्वालियर
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