सूचना के अधिकार की जानकारी समय-सीमा में दे: सूचना आयुक्त श्री सिंह | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। म.प्र. राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम में आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने में प्रथम लोकसूचना अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। लोक सूचना अधिकारी आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी का परीक्षण कर ऐसे प्रकरण जिनमें तत्काल जानकारी दी जा सकती है। उन प्रकरणो में त्वरित जानकारी प्रदाय करें।

राहुल सिंह ने आज जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में शिवपुरी जिले में नियुक्त लोक सूचना अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी, पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एच.पी.वर्मा, अपर कलेक्टर आर.एस.बालोदिया सहित लोक सूचना अधिकारी आदि उपस्थित थे।

सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम सबसे पहले 1766 में स्वीडन में लागू किया गया था। 200 वर्ष पश्चात अमरिका में और वर्ष 2005 में भारत में सूचना के अधिकार अधिनियम को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार लागू करने का मुख्य मकसद प्रशासनिक व्यवस्था एवं लोकतंत्र में पारदर्शिता रखना है। जिससे आम व्यक्ति भी सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हासिल कर सके।

उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम में आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने में प्रथम लोकसूचना अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। लोक सूचना अधिकारी, अधिनियम की भावना को समझते हुए प्राप्त होने वाले आवेदनों का परीक्षण कर ऐसे आवेदन जिसमें तत्काल जानकारी दी जा सकती है। उन प्रकरणों में आवेदक को तत्काल जानकारी उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी जो देने योग्य नहीं है, उन प्रकरणों में निरस्तीकरण की कार्यवाही करें।

श्री राहुल सिंह ने कहा कि शासकीय सेवकों के वेतन, भत्ते, पेंशन एवं क्लेमों के संबंध में प्राप्त होने वाले आवेदनों को अधिकारी पूरी संवेदनशीलता एवं मानवीय दृष्टिकोण को रखते हुए अपने कार्यालयों में ऐसी व्यवस्था करें कि प्रकरणों का निराकरण तत्परता के साथ हो। उन्होंने बताया कि म.प्र.राज्य सूचना आयोग द्वारा वर्ष 2015 से 2018 तक के लंबित 15 हजार प्रकरणों में से तीन माह में सा?े आठ हजार प्रकरणों का निराकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि लंबित प्रकरण रहने का मुख्य कारण लोक सूचना अधिकारियों द्वारा समय पर आवेदकों को जानकारी न देना भी है।

आयुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले आवेदनों का जवाब 30 दिवस के अंदर प्राप्त हो। जिससे आयोग के पास अनावश्यक रूप से प्रकरण न पहुंचे। श्री सिंह ने कहा कि आयोग ने कई प्रकरणों में आवेदकों को समय-सीमा में जानकारी उपलब्ध न कराने एवं अपीलीय अधिकारी द्वारा भी कार्यवाही न करने पर अधिकारियों पर अधिकतम 25 हजार रूपए की राशि का अर्थदण्ड किया गया है। 
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