शिवपुरी के वकील की याचिका पर एससी कोर्ट का फैसला: कैब में बलात्कार, कंपनी जिम्मेदार | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। महानगरों में ओला और उबर कंपनी के माध्यम से कैब (टैक्सी) चलाई जा रही हैं लेकिन इन टैक्सियों में महिलाओं के साथ अक्सर होने वाले अपराधों को लेकर ओला, उबर कंपनी ड्राइवरों को ही जिम्मेदार ठहराकर पल्ला झाड़ लेती हैं। मामले को लेकर दिल्ली में वकालत कर रहे शिवपुरी निवासी एडवोकेट निपुण सक्सेना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है।

एडवोकेट सक्सेना का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ग्राहक संबंधित कंपनी के एप के जरिए टैक्सी सेवा प्राप्त करता है। इसलिए कंपनियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि पता करे कि टैक्सी ड्राइवर पर कोई आपराधिक प्रकरण तो नहीं है।

साथ ही गाड़ी का बीमा, परमिट है या नहीं, इसका सारा डिजिटल रिकाॅर्ड रखना चाहिए। एडवोकेट निपुण सक्सेना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सरकार को ऐसे नियम बनाने के लिए कहा है।

साथ ही उन्हें इस संबंध में संबंधित मंत्रालय से समन्वय बनाने के लिए कहा है जिससे टैक्सियों में महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं पर पाबंदी लग सके। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट निपुण सक्सेना ने बलात्कार पीड़िताओं के नाम उजागर न करने की याचिका दायर की थी।

इस पर पूरे देश में बलात्कार पीड़िताओं के नाम आदेशों के साथ-साथ अखबारों में भी प्रतिबंधित हो गए हैं। महिलाओं को ही लेकर दूसरी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हर जिले में वन स्टेप सेंटर खोलने के निर्देश जारी किए हैं।