वन विभाग ने पकड़ा रेत का भरा डम्पर, लेन-देन करके छोडा | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। खनिज एवं वन संपदा की सुरक्षा के लिए शासन द्वारा वन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया हैं। जो खनिज एवं वन संपदा की सुरक्षा न करते हुए इसके विपरीत लूट खसोट करने में लगे हुए हैं। जबकि शासन द्वारा पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।

विश्व पर्यावरण व हरियाली महोत्सव जैसे कार्यक्रम आयोजित पर्यावरण को देश प्रदेश ही नहीं बल्कि विश्व में इस ओर सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। नागरिकों को जागरूक करने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा जगह-जगह पर कार्यशालाओं का आयोजन, सेमीनार तथा पर्यावरण विदों इस ओर गहन चिंतन व मनन किया जा रहा हैं कि पर्यावरण को किस तरह  से संतुलित रखा जा सके।

लेकिन इसके विपरीत जिस खनिज एवं वन संपदा की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं वे ही पर्यावरण को असंतुलित करने पर अमादा हैं। जिस रेंजर की शिवुपरी में पदस्थापना हुए जुम्मे-जुम्मे आठ दिन भी नहीं हुए कि उन्होंने अपना गिरगिट जैसा रंग दिखा शुरू कर दिया हैं। उनके द्वारा गत दिवस एक रेत से भरा डम्फर झांसी रोड़  से रेंजर के उडऩदस्ते के माध्यम से पकड़ा गया। जिसे पकडक़र रेंज ऑफिस तक लाया गया। महज आधा घंटे के अंदर सरपंच के सहयोग से बटौना बांट कर हरे डम्फर को छुड़ा लिया गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत दिवस झांसी रोड़ से एक रेत से भरे डम्फर क्रमांक 4068 को वन विभाग के उडऩ दस्ते द्वारा पकड़ा गया। डम्फर चालक को उडऩ दस्ते के कर्मचारी रेंज ऑफिस पर लेकर आए। उक्त डम्फर किसी सरपंच का बताया गया हैं। रेंज ऑफिस शिवपुरी में डम्फर के आने के आधे घंटे बाद ही डम्फर को रेंजर द्वारा सेंटलमेंट बिठाकर छोड़ दिया गया।

ऐसा बताया गया है कि पांच हजार रूपए का वितरण उडऩदस्ते के कर्मचारियों को तथा 25 हजार बड़े साहब को भेंट चढ़ाया गया। ऐसी परिस्थिति में पर्यावरण को संतुलित कैसे रखा जा सकता हैं। जब बागड़ ही खेत को खाने लगे तो ऐसे खेत की सुरक्षा कौन कर सकता हैं?

डम्फर छोडऩा ही था तो रेंज ऑफिस तक क्यों लाए?

सरपंच के डम्फर को रेंजर द्वारा छोड़े जाने की खबर जब शहर भर में आग की तरह फैली तो उस पर पानी डालने के उद्देश्य वन विभाग के उडऩ दस्ते को डम्फरों पर कार्यवाही करने निर्देश दिए गए। अगले दिन ही उडऩ दस्ते द्वारा रेत से भरे तीन डम्फरों को पकड़ कर उन पर कार्यवाही की जा रही हैं।

लेकिन सवाल यह उठता हैं कि यदि पूर्व में पकड़ा गया डम्फर राजनीति से संबंध रखने वाले व्यक्ति का है तो उसे क्या राजनेताओं के दवाब में छोड़ा गया? क्या राजनीति में आने के उपरांत अवैध करोबार करने का लायसेंस मिल जाता हैं? जिससे इनके द्वारा रेत, पत्थर, मुरम, लकड़ी जैसे अवैध करोबार किए जाते हैं। यदि रेंजर साहब को पैसे लेकर डम्फर को छोडऩा ही था तो झांसी रोड़ पर कहीं भी लेनदेन करके छोड़ देते, उसे रेंज ऑफिस तक लाने की जरूरत ही क्या थी?

अवैध रेत से भरा डंपर गोपालपुर पुलिस ने पकड़ा

बैराड़। पुलिस थाना क्षेत्र गोपालपुर अंतर्गत आने वाले शिकारी पुरा चौराहे परअवैध रेत से भरा एक डंपर गोपालपुर पुलिस ने पकड़ कर कार्यवाही की है। थाना प्रभारी अमित चतुर्वेदी ने बताया कि गश्त के दौरान शिकारी पुरा चौराहे पर रेत लेकरजा रहे डंपर क्रमांक एमपी 07 जीए 3897 के चालक संजय पुत्र फूल सिंह परिहार निवासी ररुआ थाना चीनोर से रेत परिवहन के कागज मांगने पर वह कोई कागज एवं रायल्टी पासनहीं दिखा पाया। जिस कारण रेत का अवैध परिवहन करते हुए पकडक़र पुलिस ने कार्यवाही की है।
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