पिछोर। जिले के पिछोर के भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से एक खाताधारक केे खाते से 1 लाख 65 हजार रूपए गायब हो गए। जिसका पता जब पीडि़त किसान को लगा तो उसने थाने पहुंचकर रूपए गायब होने की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने आवेदन लेने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की जिससे किसान काफी परेशान है।
पीडि़त किसान अजय उर्फ रामरतन लोधी निवासी मानकपुर का कहना है कि उसका खाता भारतीय स्टेट बैंक की पिछोर शाखा में है। जिसमें उसने फसल बेचने के बाद आए रूपए 2 लाख 68 हजार रूपए खाते में जमा करा दिए थे। इसके बाद उसने जरूरत पडऩे पर 1 लाख 2 हजार रूपए 8 मई को निकाल लिए। इसके बाद उसके खाते में 1 लाख 66 हजार रूपए की राशि जमा थी।
11 मई को जब वह रूपयों की जरूरत होनेे पर एटीएम से रूपए निकालने पहुंचा तो उसके खाते में सिर्फ 958 रूपए बैलेंसे ही बचा। जिसकी जानकारी उसे एटीएम की निकली पर्ची से मिली। बैलेंस न होने के कारण वह काफी घबरा गया और सीधा बैंक पहुंचा जहां उसने बैंक की डिटैल निकलवाई तो पता चला कि खाते से 8 मई 2019 से 10 मई 2019 के बीच 10-10 हजार रूपए करके 80 हजार रूपए एटीएम से निकाल लिए गए और 10 मई को ही 40 हजार रूपए दतिया के ग्राम रिछाई सिरोन निवासी नीता मूलचंद्र के खाता क्रमांक 36206898822 में 40 हजार रूपए ट्रांसफर किए गए हैं और 11 मई को फिर 10-10 हजार करके 40 हजार रूपए एटीएम से निकले और 11 मई को ही 5 हजार रूपए जिला दमोह निवासी दुर्गा राजपूत खाता क्रमांक 11625820922 में ट्रांसफर किए गए हैं।
खाते से रूपए गायब होने के बाद पीडि़त किसान और उसके परिवारजन सदमें में आ गए और अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी की शिकायत लेकर थाने पहुंचे जहां पुलिस ने पीडि़त किसान अजब सिंह से शिकायती आवेदन लेकर उसे वापस भेज दिया, लेकिन अभी तक पुलिस ने इस मामले में कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया जिस कारण पीडि़त बैंक और थाने के चक्कर काटने को मजबूर है।
पीडि़त किसान ने उसके साथ हुई ठगी में भारतीय स्टेट बैंक को जिम्मेदार मानते हुए आरोप लगाया है कि उसने कई बार बैंक को अपना मोबाइल नम्बर खाते में दर्ज करने के लिए दिया, लेकिन बैंक ने उसका मोबाइल नम्बर दर्ज नहीं किया और ऐसी स्थिति में उसके खाते से रूपए निकलते गए जिसकी जानकारी तक उसे नहीं लगी। पीडि़त का कहना है कि अगर उसका मोबाइल नम्बर दर्ज हो जाता तो उसके साथ इतनी बड़ी ठगी नहीं होती, क्योंकि पैसे निकलने का मैसेज उसे मिलता और वह तुरंत ही सक्रिय हो जाता जिससे वह लुटने से बच सकता था।