निशांत प्रजापति @ नरवर। नरवर क्षेत्र में स्थित मोहनी डेम से निकली हाई लेवल नहर पीपलखाडी गांव में फूटने के कारण खेतो में पानी घुस गया। किसानो की धान की फसल डूबने की खबर मिल रही है। बताया जा रहा है कि यह नहर मोहनी से हरसी डेम जाती है। इस नहर का पानी किसानो के साथ साथ हरसी डेम को भरने का काम भी करती है।
जानकारी के अनुसार मोहनी डेम से हरसी के लिए निकली फिडर कैनल बीते गुरूवार को शाम के समय पीपलखेडी गांव के समीप फूट गई। नहर के फूटने के कारण खेतो में पक कर तैयार खडी धान की फसल डूब गई। किसानो का कहना था कि कुछ धान की फसल खेतो मे कटी रखी थी वह नहर के तेज बहाव में वह गई।
पीपलखाडी गांव के किसान करन सिंह,भरत सिंह,धनश्याम,नंद किशोर,छोटू राकेश,हरिसिंह,श्रीराम,जीतेन्द्र,नवल सिंह,कमल सिंह और कुंदन राज आज दोपहर लगभग 3 बजे नरवर तहसील आए थे और अपनी मांगो को लेकर एसडीएम के नाम ज्ञापन दिया है।
किसानो की मांग थी कि मोहनी सागर डेम से निकली फिडर नहर दिनांक 06 नबंवर को फूट जाने से संपूर्ण फसल चौपट हो गई है जिससे हम किसानों को 10,00,000/- दस लाख रूप्ये का नुकसान हो गया है जिससे हम कृषकगणों का काफी नुकसान हो गया है एवं पूरी खड़ी धान कि फसल नष्ट हो गई है।
किसानो के पास खेती के अतिरिक्त जीविका का कोई अन्य साधन नहीं है। इसी धान कि फसल से हम अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते है इसमें सिंचाई विभाग के अधिकारियों कि लापरवाही से हम कृषकगणों का यह नुकसान हुआ है। यह कि हम आवेदकगणों के फसल कि माँके कि जांच कराई जाकर उचित मुआवजा दिलाये जावे जिससे हम अपनी दूसरी फसल की बुवाई कर सके ।
जानकारी के अनुसार मोहनी डेम से हरसी के लिए निकली फिडर कैनल बीते गुरूवार को शाम के समय पीपलखेडी गांव के समीप फूट गई। नहर के फूटने के कारण खेतो में पक कर तैयार खडी धान की फसल डूब गई। किसानो का कहना था कि कुछ धान की फसल खेतो मे कटी रखी थी वह नहर के तेज बहाव में वह गई।
पीपलखाडी गांव के किसान करन सिंह,भरत सिंह,धनश्याम,नंद किशोर,छोटू राकेश,हरिसिंह,श्रीराम,जीतेन्द्र,नवल सिंह,कमल सिंह और कुंदन राज आज दोपहर लगभग 3 बजे नरवर तहसील आए थे और अपनी मांगो को लेकर एसडीएम के नाम ज्ञापन दिया है।
किसानो की मांग थी कि मोहनी सागर डेम से निकली फिडर नहर दिनांक 06 नबंवर को फूट जाने से संपूर्ण फसल चौपट हो गई है जिससे हम किसानों को 10,00,000/- दस लाख रूप्ये का नुकसान हो गया है जिससे हम कृषकगणों का काफी नुकसान हो गया है एवं पूरी खड़ी धान कि फसल नष्ट हो गई है।
किसानो के पास खेती के अतिरिक्त जीविका का कोई अन्य साधन नहीं है। इसी धान कि फसल से हम अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते है इसमें सिंचाई विभाग के अधिकारियों कि लापरवाही से हम कृषकगणों का यह नुकसान हुआ है। यह कि हम आवेदकगणों के फसल कि माँके कि जांच कराई जाकर उचित मुआवजा दिलाये जावे जिससे हम अपनी दूसरी फसल की बुवाई कर सके ।