शिवपुरी। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार चौधरी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए संपूर्ण जिला शिवपुरी के राजस्व सीमा क्षेत्र हेतु आवश्यक आदेश पारित किया है। जिसके तहत खेतों में धान/गेहूं की कटाई के पश्चात् बचने वाले ठूंट एवं डंटल (नरवाई) को जलाना तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है।
जारी आदेश के तहत शिवपुरी जिलांतर्गत फसल कटाई के पश्चात् बचने बाले अवशेष ठूंट एवं डंटल (नरवाई) को जलाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, हार्वेस्टर मशीन संचालकों को यह अनिवार्य होगा कि वह हार्वेस्टर मशीन के साथ-साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाकर फसल कटाई के उपरांत अवशेष से स्थल पर ही भूसा बनाकर अवशेष का निपटान करेंगे।
प्रत्येक कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक फसल कटाई प्रारम्भ करने के पूर्व कृषि विभाग में सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी शिवपुरी के कार्यालय में अपना पंजीयन करायेंगे, ऑपरेटर एवं मशीन के संचालन हेतु कार्यरत स्टाफ की जानकारी देंगे। सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी शिवपुरी उक्त से संबंधित रिकॉर्ड संधारित करेंगे एवं समय-समय पर उसे राजस्व/कृषि/पुलिस विभाग को पंजीयन के संबंध में अवगत कराते रहेंगे।
स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किये बिना यदि कोई कृषक फसल कटाने हेतु दबाव बनाता है तो संबंधित कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक इसकी सूचना तत्काल संबंधित ग्राम पंचायत निगरानी अधिकारी, पंचायत सचिव या संबंधित पुलिस थाने, नायब तहसीलदार/ तहसीलदार एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी को देना सुनिश्चित करेगा। हार्वेस्टर मशीन एवं स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के उपयोग के दौरान मशीन से निकलने वाली चिंगारी से आगजनी की घटना को रोकने हेतु मशीन संचालक अग्निसुरक्षा संयंत्र के साथ-साथ आग बुझाने के लिये रेत एवं पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगा।
इसी प्रकार राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेशानुसार किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था से उपरोक्त निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर आवश्यक पर्यावरण मुआवजा (Environmental Compensation) अदा करना होगा। जिसके तहत छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 2 एकड़ से कम है, उनको पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 2,500/- रुपये प्रति घटना (incident) देना होंगे।
छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 2 एकड़ से अधिक व 5 एकड़ से कम है, उनको पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 5,000/- रुपये प्रति घटना (incident) देना होंगे। छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 5 एकड़ से अधिक है, उनको पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 15,000/- रुपये प्रति घटना (incident) देना होंगे।
यह भी देखने में आया है कि खेतों के आस-पास लगे ट्रांसफार्मर से कभी-कभी चिंगारी/शॉर्ट सर्किट से भी आगजनी की घटनाएं घटित हो जाती हैं। अतः अधीक्षण यंत्री, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, शिवपुरी पर्याप्त संख्या में दल गठित कर यह सुनिश्चित करेंगे कि ट्रांसफॉर्मर से फसल नष्ट होने का खतरा तो नहीं है। खतरा होने की दशा में कृषक की सहमति से ट्रांसफॉर्मर के आस-पास 10X10 फिट क्षेत्र को खुला रखा जाए, जिससे कि शॉर्ट सर्किट के कारण होने वाली फसल हानि की घटनाओं की रोकथाम की जा सके।
यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 एवं वायु (प्रदूषण, निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के अंतर्गत तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशानुसार उक्त आदेश में वर्णित अनुसार पर्यावरण मुआवजा (Environmental Compensation) अदा करना अनिवार्य होगा। पर्यावरण मुआवजा (Environmental Compensation) निर्धारण तथा अर्थ-दण्ड हेतु संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी अधिकृत होंगे।
जारी आदेश के तहत शिवपुरी जिलांतर्गत फसल कटाई के पश्चात् बचने बाले अवशेष ठूंट एवं डंटल (नरवाई) को जलाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, हार्वेस्टर मशीन संचालकों को यह अनिवार्य होगा कि वह हार्वेस्टर मशीन के साथ-साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाकर फसल कटाई के उपरांत अवशेष से स्थल पर ही भूसा बनाकर अवशेष का निपटान करेंगे।
प्रत्येक कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक फसल कटाई प्रारम्भ करने के पूर्व कृषि विभाग में सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी शिवपुरी के कार्यालय में अपना पंजीयन करायेंगे, ऑपरेटर एवं मशीन के संचालन हेतु कार्यरत स्टाफ की जानकारी देंगे। सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी शिवपुरी उक्त से संबंधित रिकॉर्ड संधारित करेंगे एवं समय-समय पर उसे राजस्व/कृषि/पुलिस विभाग को पंजीयन के संबंध में अवगत कराते रहेंगे।
स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किये बिना यदि कोई कृषक फसल कटाने हेतु दबाव बनाता है तो संबंधित कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक इसकी सूचना तत्काल संबंधित ग्राम पंचायत निगरानी अधिकारी, पंचायत सचिव या संबंधित पुलिस थाने, नायब तहसीलदार/ तहसीलदार एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी को देना सुनिश्चित करेगा। हार्वेस्टर मशीन एवं स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के उपयोग के दौरान मशीन से निकलने वाली चिंगारी से आगजनी की घटना को रोकने हेतु मशीन संचालक अग्निसुरक्षा संयंत्र के साथ-साथ आग बुझाने के लिये रेत एवं पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगा।
इसी प्रकार राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेशानुसार किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था से उपरोक्त निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर आवश्यक पर्यावरण मुआवजा (Environmental Compensation) अदा करना होगा। जिसके तहत छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 2 एकड़ से कम है, उनको पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 2,500/- रुपये प्रति घटना (incident) देना होंगे।
छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 2 एकड़ से अधिक व 5 एकड़ से कम है, उनको पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 5,000/- रुपये प्रति घटना (incident) देना होंगे। छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 5 एकड़ से अधिक है, उनको पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 15,000/- रुपये प्रति घटना (incident) देना होंगे।
यह भी देखने में आया है कि खेतों के आस-पास लगे ट्रांसफार्मर से कभी-कभी चिंगारी/शॉर्ट सर्किट से भी आगजनी की घटनाएं घटित हो जाती हैं। अतः अधीक्षण यंत्री, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, शिवपुरी पर्याप्त संख्या में दल गठित कर यह सुनिश्चित करेंगे कि ट्रांसफॉर्मर से फसल नष्ट होने का खतरा तो नहीं है। खतरा होने की दशा में कृषक की सहमति से ट्रांसफॉर्मर के आस-पास 10X10 फिट क्षेत्र को खुला रखा जाए, जिससे कि शॉर्ट सर्किट के कारण होने वाली फसल हानि की घटनाओं की रोकथाम की जा सके।
यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 एवं वायु (प्रदूषण, निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के अंतर्गत तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशानुसार उक्त आदेश में वर्णित अनुसार पर्यावरण मुआवजा (Environmental Compensation) अदा करना अनिवार्य होगा। पर्यावरण मुआवजा (Environmental Compensation) निर्धारण तथा अर्थ-दण्ड हेतु संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी अधिकृत होंगे।