पोहरी। पोहरी क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। ग्राम पंचायत बमरा पंचायत के बिलपुरा आंगनवाड़ी केंद्र से संबंधित भर्ती में अभ्यर्थी श्रीमती अंजली शाक्य पत्नी श्री सतीश, निवासी ग्राम बमरा, ने गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए फर्जी अंकसूची लगाने की जांच की मांग की है।
अंजली शाक्य के अनुसार भर्ती की प्रारंभिक सूची में उनका नाम सरल क्रमांक 1 पर दर्ज था, जबकि सपना आदिवासी का नाम क्रमांक 2 पर था। उन्होंने आरोप लगाया कि सपना आदिवासी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर आवेदन किया है।
अंजली शाक्य का कहना है कि उनके 70.3 अंक हैं, जबकि सपना आदिवासी के केवल 63.2 अंक हैं। इसके बावजूद चयन सूची में संशोधन कर सपना आदिवासी का नाम आगे कर दिया गया। इस पर उन्होंने लिखित आपत्ति दर्ज कर जांच की मांग की है।
फर्जी अंकसूची की जांच की मांग
अभ्यर्थी अंजली शाक्य ने आरोप लगाया कि सपना आदिवासी ने कक्षा 12वीं की फर्जी एवं कूटरचित अंकसूची प्रस्तुत की है। उन्होंने कहा कि यदि सपना आदिवासी की 8वीं, 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा की अंकसूची मंगाई जाएँ, तो स्पष्ट हो जाएगा कि उसने वास्तव में अध्ययन नहीं किया है। अंजली शाक्य ने कहा कि उन्होंने पहले भी ऑनलाइन आपत्ति आवेदन और जनसुनवाई में शिकायत दी थी, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की जांच नहीं की गई है। उन्होंने मांग की है कि संबंधित बोर्ड से अंकसूचियों का सत्यापन कर वास्तविक स्थिति स्पष्ट की जाए।
सपना आदिवासी की माँ पर भी दस्तावेजों को लेकर संदेह
अंजली शाक्य ने यह भी उल्लेख किया है कि सपना आदिवासी की माँ स्वयं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं, और उनकी शैक्षणिक योग्यता से जुड़े दस्तावेज़ भी संदिग्ध बताए जा रहे हैं। अंजली शाक्य ने कहा कि यदि माता-पुत्री दोनों के दस्तावेजों की जांच की जाए तो यह एक संगठित फर्जीवाड़े का मामला साबित हो सकता है।
अंक सूची की जांच की मांग की गई
अभ्यर्थी ने स्पष्ट किया है कि सपना आदिवासी ने , चयन प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों के उपयोग की ** आशंका के चलते उन्होंने जांच की मांग की है
उन्होंने श्रीमान कलेक्टर महोदय को आवेदन सौंपकर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने और अंकसूचियों का सत्यापन करवाने की मांग की है।
अंजली शाक्य का बयान
सपना आदिवासी ने 12वीं की फर्जी अंकसूची लगाई है। यदि 8वीं से 11वीं की मार्कशीट मंगाई जाए, तो सच्चाई सामने आ जाएगी इसलिए मैं केवल निष्पक्ष जांच की मांग कर रही हूँ।
अंजली शाक्य के अनुसार भर्ती की प्रारंभिक सूची में उनका नाम सरल क्रमांक 1 पर दर्ज था, जबकि सपना आदिवासी का नाम क्रमांक 2 पर था। उन्होंने आरोप लगाया कि सपना आदिवासी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर आवेदन किया है।
अंजली शाक्य का कहना है कि उनके 70.3 अंक हैं, जबकि सपना आदिवासी के केवल 63.2 अंक हैं। इसके बावजूद चयन सूची में संशोधन कर सपना आदिवासी का नाम आगे कर दिया गया। इस पर उन्होंने लिखित आपत्ति दर्ज कर जांच की मांग की है।
फर्जी अंकसूची की जांच की मांग
अभ्यर्थी अंजली शाक्य ने आरोप लगाया कि सपना आदिवासी ने कक्षा 12वीं की फर्जी एवं कूटरचित अंकसूची प्रस्तुत की है। उन्होंने कहा कि यदि सपना आदिवासी की 8वीं, 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा की अंकसूची मंगाई जाएँ, तो स्पष्ट हो जाएगा कि उसने वास्तव में अध्ययन नहीं किया है। अंजली शाक्य ने कहा कि उन्होंने पहले भी ऑनलाइन आपत्ति आवेदन और जनसुनवाई में शिकायत दी थी, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की जांच नहीं की गई है। उन्होंने मांग की है कि संबंधित बोर्ड से अंकसूचियों का सत्यापन कर वास्तविक स्थिति स्पष्ट की जाए।
सपना आदिवासी की माँ पर भी दस्तावेजों को लेकर संदेह
अंजली शाक्य ने यह भी उल्लेख किया है कि सपना आदिवासी की माँ स्वयं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं, और उनकी शैक्षणिक योग्यता से जुड़े दस्तावेज़ भी संदिग्ध बताए जा रहे हैं। अंजली शाक्य ने कहा कि यदि माता-पुत्री दोनों के दस्तावेजों की जांच की जाए तो यह एक संगठित फर्जीवाड़े का मामला साबित हो सकता है।
अंक सूची की जांच की मांग की गई
अभ्यर्थी ने स्पष्ट किया है कि सपना आदिवासी ने , चयन प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों के उपयोग की ** आशंका के चलते उन्होंने जांच की मांग की है
उन्होंने श्रीमान कलेक्टर महोदय को आवेदन सौंपकर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने और अंकसूचियों का सत्यापन करवाने की मांग की है।
अंजली शाक्य का बयान
सपना आदिवासी ने 12वीं की फर्जी अंकसूची लगाई है। यदि 8वीं से 11वीं की मार्कशीट मंगाई जाए, तो सच्चाई सामने आ जाएगी इसलिए मैं केवल निष्पक्ष जांच की मांग कर रही हूँ।