शिवपरी। शिवपुरी मायके से पत्नी को संग नहीं भेजा तो नाराज बहनोई परिवार सहित आ धमका। साले की मारपीट कर बंधक बनाकर गाड़ी में ले गए। रस्सी से बांधकर जंगल में रखा और फिर बैराड़ छोड़कर चले गए। पुलिस ने साले की रिपोर्ट पर बहनोई व उसके परिजन के दर्ज कर लिया है।
राजस्थान के बारां जिला स्थित ग्राम भंवरगढ़ निवासी विक्रम चंदेल का कहना है कि मेरी बड़ी बहन ज्योति चंदेल की शादी श्योपुर के ग्राम चिलमानी निवासी गीतम चंदेल से हुई है। बहन ज्योति मार्च से मेरे पास ही रह रही है। ऑपरेशन से बेटी हुई है। बहनोई गीतम लेने आए थे। लेकिन स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से घर वालों ने बहन को ससुराल नहीं भेजा। इसी बात से नाराज बहनोई घर चला गया।
8 अक्टूबर को बड़ी बहन पूजा चंदेल निवासी सुमेढ़ के घर गया था। शाम 7:30 बजे खाना खाकर बाहर बैठा था। इसी दौरान छोटा जीजा गीतम, उसके पिता कल्याण, चाचा महेंद्र, ताऊ का बेटा अरविंद, जीजा का बड़ा भाई पोसू, चचेरा भाई जलवा, छोटा भाई केपी लाठियां लेकर आए। गालियां देकर कहा कि अपने घर भंवरगढ़ चल, ज्योति को मेरे साथ भेज। मैंने कहा कि अभी नहीं जा रहा।
इसी बात पर जीजा गीतम ने बाल पकड़कर चाटे मारे। कल्याण ने लाठी से हमला कर दिया। बहन पूजा बचाने आई तो महेंद्र ने लाठी मार दी। मुझे जबरदस्ती पकड़कर गाड़ी में बिठाकर चिलमानी गांव ले गए। कमरे में बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद सभी मुझे पास के जंगल में ले गए और रस्सी से बांधकर रखा।
राजस्थान के बारां जिला स्थित ग्राम भंवरगढ़ निवासी विक्रम चंदेल का कहना है कि मेरी बड़ी बहन ज्योति चंदेल की शादी श्योपुर के ग्राम चिलमानी निवासी गीतम चंदेल से हुई है। बहन ज्योति मार्च से मेरे पास ही रह रही है। ऑपरेशन से बेटी हुई है। बहनोई गीतम लेने आए थे। लेकिन स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से घर वालों ने बहन को ससुराल नहीं भेजा। इसी बात से नाराज बहनोई घर चला गया।
8 अक्टूबर को बड़ी बहन पूजा चंदेल निवासी सुमेढ़ के घर गया था। शाम 7:30 बजे खाना खाकर बाहर बैठा था। इसी दौरान छोटा जीजा गीतम, उसके पिता कल्याण, चाचा महेंद्र, ताऊ का बेटा अरविंद, जीजा का बड़ा भाई पोसू, चचेरा भाई जलवा, छोटा भाई केपी लाठियां लेकर आए। गालियां देकर कहा कि अपने घर भंवरगढ़ चल, ज्योति को मेरे साथ भेज। मैंने कहा कि अभी नहीं जा रहा।
इसी बात पर जीजा गीतम ने बाल पकड़कर चाटे मारे। कल्याण ने लाठी से हमला कर दिया। बहन पूजा बचाने आई तो महेंद्र ने लाठी मार दी। मुझे जबरदस्ती पकड़कर गाड़ी में बिठाकर चिलमानी गांव ले गए। कमरे में बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद सभी मुझे पास के जंगल में ले गए और रस्सी से बांधकर रखा।