SHIVPURI NEWS - मुआवजे को लेकर ग्रामीणों ने शुरू किया जल सत्याग्रह, महिलाएं बैठी रही घंटो पानी में, पढ़िए मामला

Bhopal Samachar

अतुल जैन @ बामौकलां। शिवपुरी जिले के बामौरकलां थाना सीमा मे आने वाले दिदावली गांव में नागा होरी डैम के मुआवजे को लेकर ग्रामीणों ने अब उग्र आंदोलन शुरू कर दिया है। मुआवजा ना मिलने के कारण आज ग्रामीणों ने महिलाओ और बच्चो सहित जल सत्याग्रह किया। ग्रामीणों के साथ महिलाएं भी घंटो जल में आधी डूबी खडी रही। मौके पर पहुंचे अधिकारी भी फिलहाल कोई रास्ता नहीं निकाल सके है। ग्रामीणों का आरोप है कि 60 प्रतिशत मुआवजा मिल चुका है लेकिन 40 प्रतिशत मुआवजा अभी बाकी है। जिसे देने में प्रशासन आनाकानी कर रहा है।

पिछोर विधानसभा क्षेत्र समेत दतिया क्षेत्र के हजारों किसानों की फसलों को सिंचित करने वाली 2200 करोड़ रुपए लागत की उर नदी वृहद सिंचाई परियोजना का काम वर्ष 2018 में शुरू हुआ था और काम शुरू होते ही इस पूरे मामले में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। मुआवजा वितरण को लेकर जो घोटाला हुआ था, उस मामले में जो रिकॉर्ड कलेक्टर कार्यालय में रखे थे, उन रिकॉर्ड को कुछ महीने पहले कलेक्टर कार्यालय में घुसकर कुछ लोगों ने जला दिया था। इसी परियोजना के तहत नागा होरी डेम का निर्माण किया जा रहा है।


आज दिदावली गांव के सैकड़ों की संख्या मे महिला पुरुष और बच्चे नागा होरी डैम के कैचमेंट एरिया में जा पहुंचे और घंटो पानी में खडे रहे। ग्रामीणों ने एक शुरू मे कहा कि हमारा मुआवजा नहीं दिया जा रहा है,2 साल से जिले के अधिकारियों के चक्कर लगा चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है इसलिए हम सभी ग्रामीणों ने जल सत्याग्रह करने का निर्णय लिया है।


यशपाल सिंह परमार का कहना है कि इस पूरी समस्या के लिए प्रशासन और जल विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। "हम पिछले कई महीनों से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है," एक ग्रामीण ने बताया। "हमने कई बार जिला कलेक्टर और एसडीएम को अपनी परेशानी बताई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जल विभाग भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।"

राजा बुंदेला ने कहा कि  प्रशासन की अनदेखी और जल विभाग की लापरवाही ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। "जब हमें हमारा हक नहीं मिल रहा, तो हमारे पास और कोई रास्ता नहीं बचा है,जबरिया हमारे घरो के पास से नहर निकली जा रही है। इस स्थिति में हमारे मकान खतरे मे आ चुके है वह कभी भी टूट कर गिर सकते है।

अधिकारियों की मौजूदगी में भी ग्रामीण अपने फैसले पर अडिग
जब ग्रामीण जल सत्याग्रह कर रहे थे तो मौके पर एसडीएम पिछोर ममता शाक्य, तहसीलदार, और जल परियोजना के अधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण अपने फैसले पर अडिग रहे।

ग्रामीणों ने अधिकारियों से साफ कह दिया कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता और उनका मुआवजा नहीं दिया जाता, वे अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा भी उन्हें धमकाया जा रहा है और उनके अधिकारों के लिए लड़ने से रोका जा रहा है। यह खबर क्षेत्र में तनाव का माहौल बनाए हुए है, और सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन इस गंभीर समस्या का समाधान कैसे करता है और क्या ग्रामीणों को उनका हक मिलता है।