शिवपुरी। शिवपुरी जिले के करैरा अनुविभाग के अमोला थाना सीमा में स्थित सिंध नदी के अमोला पुल के नीचे एक युवक और युवती की लाश 22 अगस्त को मिली थी। दोनो के पैर आपस मे दुपट्टे से बंधे हुए थे। अमोला पुलिस ने युवक की पहचान तो कर ली थी,लेकिन युवती की पहचान नहीं हो सकी थी। बताया जा रहा है कि पुलिस ने युवती की पहचान भी कर ली है और इन दोनो के प्यार मे तीसरे की एंट्री होने के कारण इन दोनो ने सुसाइड का रास्ता चुन लिया और जीवन समाप्त कर लिया।
जैसा कि विदित है कि 22 अगस्त को अमोला पुल के नीचे सिंध नदी में एक युवक-युवती के शव पानी में मिले थे। दोनों के पैर आपस में दुपट्टे से बंधे हुए थे। युवक की पहचान अमन पुत्र नंदराम प्रजापति उम्र 18 साल निवासी झांसी के रूप में की गई। वहीं युवती की पहचान स्वाती उम्र 18 साल निवासी दिल्ली के रूप में की गई थी। दोनों युवक-युवती 20 अगस्त को झांसी से सुबह 5 बजे भागे थे।
अमोला पुल पर लावारिश बाइक खड़ी मिली थी
इसी क्रम में 20 अगस्त को ही पुलिस को अमोला पुल पर लावारिश बाइक खड़ी मिली थी। उक्त बाइक के बारे में पता कर पुलिस वाहन मालिक तक झांसी पहुंची तो पुलिस को जानकारी मिली कि उनका बेटा अमन घर से गायब है। अमन के स्वजन तो अमन के शव को अपने साथ उसी समय ले गए थे, परंतु स्वाती के परिजन के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में पुलिस ने मर्ग कायम करने के उपरांत स्वाती के मृतका स्वाती जाटव शव को दफना दिया।
एसआई का आनलाइन फार्म भरने के बहाने घर से निकली थी
4 सितम्बर को युवती की पहचान उसके कपड़ों, फोटो व अन्य सामान के आधार पर मृतका के ताऊ कैलाश जाटव, उप्र पुलिस में एएसआई के पद पर पदस्थ उसके मौसा चंद्रसेन और भाई ने की। मृतका स्वाती पुत्री चोखे लाल जाटव, दिल्ली की नहीं बल्कि उप्र के अमरोहा की रहने वाली थी। वह 18 अगस्त को एस आई का आनलाइन फार्म भरने के बहाने घर से निकली थी, लेकिन वापस घर नहीं पहुंची तो 19 अगस्त को स्वजन ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई। 20 अगस्त को अमन और स्वाती झांसी से भाग कर अमोला आए और अपनी बाइक पुल के पास छोड़कर सिंध नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली
पुलिस काल डिटेल के आधार पहुंची मृतका के स्वजन तक
अमोला थाना प्रभारी अंशुल गुप्ता के अनुसार जब स्वाती की स्पष्ट पहचान नहीं हो सकी तो, उन्होंने अमन की सीडीआर निकलवाई। सीडीआर के फोन नंबरों के आधार पर पुलिस ने स्वाति का नंबर डिटेक्ट किया और उसी आधार पर वह मृतका के परिजनों तक पहुंची। अगर पुलिस ऐसा नहीं करती तो शायद स्वाती के स्वजन को यह पता ही नहीं लगता कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है।
पुलिस के अनुसार उन्हें इस बात की जानकारी तब लगी, जब पुलिस ने उन्हें इस संबंध में करीब 15 दिन बात बताया। वह तो ये मानकर चल रहे थे कि उनकी बेटी किसी के साथ भाग गई है और सकुशल है। आत्महत्या करने का कारण यह था कि अमन के परिजन ने उसके व स्वाती के प्रेम प्रसंग के चलते कुछ दिन पहले ही उसकी एग्रीमेंट मैरिज भोपाल की एक लड़की से करवा दी थी।
जैसा कि विदित है कि 22 अगस्त को अमोला पुल के नीचे सिंध नदी में एक युवक-युवती के शव पानी में मिले थे। दोनों के पैर आपस में दुपट्टे से बंधे हुए थे। युवक की पहचान अमन पुत्र नंदराम प्रजापति उम्र 18 साल निवासी झांसी के रूप में की गई। वहीं युवती की पहचान स्वाती उम्र 18 साल निवासी दिल्ली के रूप में की गई थी। दोनों युवक-युवती 20 अगस्त को झांसी से सुबह 5 बजे भागे थे।
अमोला पुल पर लावारिश बाइक खड़ी मिली थी
इसी क्रम में 20 अगस्त को ही पुलिस को अमोला पुल पर लावारिश बाइक खड़ी मिली थी। उक्त बाइक के बारे में पता कर पुलिस वाहन मालिक तक झांसी पहुंची तो पुलिस को जानकारी मिली कि उनका बेटा अमन घर से गायब है। अमन के स्वजन तो अमन के शव को अपने साथ उसी समय ले गए थे, परंतु स्वाती के परिजन के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में पुलिस ने मर्ग कायम करने के उपरांत स्वाती के मृतका स्वाती जाटव शव को दफना दिया।
एसआई का आनलाइन फार्म भरने के बहाने घर से निकली थी
4 सितम्बर को युवती की पहचान उसके कपड़ों, फोटो व अन्य सामान के आधार पर मृतका के ताऊ कैलाश जाटव, उप्र पुलिस में एएसआई के पद पर पदस्थ उसके मौसा चंद्रसेन और भाई ने की। मृतका स्वाती पुत्री चोखे लाल जाटव, दिल्ली की नहीं बल्कि उप्र के अमरोहा की रहने वाली थी। वह 18 अगस्त को एस आई का आनलाइन फार्म भरने के बहाने घर से निकली थी, लेकिन वापस घर नहीं पहुंची तो 19 अगस्त को स्वजन ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई। 20 अगस्त को अमन और स्वाती झांसी से भाग कर अमोला आए और अपनी बाइक पुल के पास छोड़कर सिंध नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली
पुलिस काल डिटेल के आधार पहुंची मृतका के स्वजन तक
अमोला थाना प्रभारी अंशुल गुप्ता के अनुसार जब स्वाती की स्पष्ट पहचान नहीं हो सकी तो, उन्होंने अमन की सीडीआर निकलवाई। सीडीआर के फोन नंबरों के आधार पर पुलिस ने स्वाति का नंबर डिटेक्ट किया और उसी आधार पर वह मृतका के परिजनों तक पहुंची। अगर पुलिस ऐसा नहीं करती तो शायद स्वाती के स्वजन को यह पता ही नहीं लगता कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है।
पुलिस के अनुसार उन्हें इस बात की जानकारी तब लगी, जब पुलिस ने उन्हें इस संबंध में करीब 15 दिन बात बताया। वह तो ये मानकर चल रहे थे कि उनकी बेटी किसी के साथ भाग गई है और सकुशल है। आत्महत्या करने का कारण यह था कि अमन के परिजन ने उसके व स्वाती के प्रेम प्रसंग के चलते कुछ दिन पहले ही उसकी एग्रीमेंट मैरिज भोपाल की एक लड़की से करवा दी थी।