शिवपुरी। शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना सीमा में आने वाले ग्राम पंचायत बारां के नयागांव में एक बीमारी से 45 साल के एक अधेड की मौत हो गई,इस बीमारी की मौत पर अंतिम संस्कार की तैयारियों को लेकर असामान्य घटना घटित हो गई,इस असामान्य घटना पर सतनवाड़ा के शिवपुरी समाचार के पत्रकार राजेंद्र बाथम को जाकर रिपोर्टिंग करनी पडी,रिर्पोटर ने वहां जाकर मामले का समझा और तत्काल मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता कर अंतिम संस्कार के क्रियाक्रर्म की रस्म को आगे बढवाया।
जानकारी के अनुसार सतनवाड़ा से मात्र 8 किलोमीटर दूर सुभाषपुरा थाना सीमा में आने वाली ग्राम पंचायत बारा के नयागांव में अपनी बेटी सिया आदिवासी के यहां रहने वाले राजकुमार आदिवासी की मौत आज सुबह 6 हो गई। नयागांव में आदिवासी समाज की संख्या अधिक है। इस मौत के बाद आदिवासी समाज में एक अंधविश्वास के कारण मृतक के अंतिम संस्कार में जाने को पडोसी तैयार नहीं हो रहे थे। कारण बताया जा रहा था कि नवदुर्गा के समय चल रहा है और व्रत चल रहे है इसलिए कोई अंतिम संस्कार के लिए नही जाऐगा। मृतक के परिवार में पुरुष के नाम पर केवल मृतक की बेटी सिया आदिवासी का मात्र 16 साल का लड़का था।
इस घटनाक्रम का जब सतनवाड़ा के रिर्पोटर राजेन्द्र बाथम को जानकारी मिली तो वहा अपनी बाइक से सीधे नयागांव जा पहुंचे,और मामले को समझा,राजेन्द्र ने बताया कि आदिवासी बस्ती में माता की पंडाल लगा हुआ था कि कई लोगों के व्रत चल रहे थे,किसी ने कहा दिया कि पूजा चल रही है ऐसे में शमशान मे नहीं जाया जाता है। सबसे पहले बारां ग्राम पंचायत के सरपंच को फोन किया गया,तो उसने कहा कि में इसमे क्या कर सकता हूं,वही ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी को अमित धाकड़ को फोन लगाया तो उसने कहा कि मै व्यवस्था करता हूं।
राजेन्द्र बाथम ने आदिवासी बस्ती में जाकर इस बात की जानकारी ली,और कहां कि व्यक्ति के अंतिम संस्कार मे जाना सबसे बड़ा पुण्य का काम होता है,इधर इस मामले की सूचना पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह तक भी पहुंच चुकी थी उन्होने भी इस मामले में तत्काल मदद का आश्वासन दिया। सेक्रेटरी अमित धाकड़ ने तत्काल गांव के कुछ लोगो को पहुंचाया और एक ट्रैक्टर में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी भी भरकर भेज दी गई। रिर्पोटर के समझाने के पर मृतक के घर के पड़ोसी भी अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गए। विधायक के फोन लगाने के बाद कुछ ग्रामीण भी मृतक के घर पहुंच गए थे।
जानकारी के अनुसार सतनवाड़ा से मात्र 8 किलोमीटर दूर सुभाषपुरा थाना सीमा में आने वाली ग्राम पंचायत बारा के नयागांव में अपनी बेटी सिया आदिवासी के यहां रहने वाले राजकुमार आदिवासी की मौत आज सुबह 6 हो गई। नयागांव में आदिवासी समाज की संख्या अधिक है। इस मौत के बाद आदिवासी समाज में एक अंधविश्वास के कारण मृतक के अंतिम संस्कार में जाने को पडोसी तैयार नहीं हो रहे थे। कारण बताया जा रहा था कि नवदुर्गा के समय चल रहा है और व्रत चल रहे है इसलिए कोई अंतिम संस्कार के लिए नही जाऐगा। मृतक के परिवार में पुरुष के नाम पर केवल मृतक की बेटी सिया आदिवासी का मात्र 16 साल का लड़का था।
इस घटनाक्रम का जब सतनवाड़ा के रिर्पोटर राजेन्द्र बाथम को जानकारी मिली तो वहा अपनी बाइक से सीधे नयागांव जा पहुंचे,और मामले को समझा,राजेन्द्र ने बताया कि आदिवासी बस्ती में माता की पंडाल लगा हुआ था कि कई लोगों के व्रत चल रहे थे,किसी ने कहा दिया कि पूजा चल रही है ऐसे में शमशान मे नहीं जाया जाता है। सबसे पहले बारां ग्राम पंचायत के सरपंच को फोन किया गया,तो उसने कहा कि में इसमे क्या कर सकता हूं,वही ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी को अमित धाकड़ को फोन लगाया तो उसने कहा कि मै व्यवस्था करता हूं।
राजेन्द्र बाथम ने आदिवासी बस्ती में जाकर इस बात की जानकारी ली,और कहां कि व्यक्ति के अंतिम संस्कार मे जाना सबसे बड़ा पुण्य का काम होता है,इधर इस मामले की सूचना पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह तक भी पहुंच चुकी थी उन्होने भी इस मामले में तत्काल मदद का आश्वासन दिया। सेक्रेटरी अमित धाकड़ ने तत्काल गांव के कुछ लोगो को पहुंचाया और एक ट्रैक्टर में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी भी भरकर भेज दी गई। रिर्पोटर के समझाने के पर मृतक के घर के पड़ोसी भी अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गए। विधायक के फोन लगाने के बाद कुछ ग्रामीण भी मृतक के घर पहुंच गए थे।