शिवपुरी। सांख्य सागर झील में पिछले कई सालों से जलकुंभी के अलावा कुछ नजर नहीं आता था। झील अपना वास्तविक स्वरूप खो चुकी थी। जलकुंभी के कारण यहां वर्षों से वोटिंग बंद पड़ी हुई है। पर्यटकों ने झील देखने के लिए आना ही छोड़ दिया, परंतु पिछले कुछ महीनों में क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा झील साफ करने के लिए दिलाई गईं दो महीनों से लगातार प्रयास के बाद झील ने अपना वास्तविक स्वरूप प्राप्त कर लिया है।
झील में सालों बाद अब दूर तक पानी नजर आ रहा है, लेकिन अभी भी करबला और उसके जाधव सागर से निकली नहर में सिर्फ जलकुंभी ही दिखाई देती हैं। आने वाले पखवाड़े भर में मानसून दस्तक दे देगा। ऐसे में नहर की जलकुंभी एक बार फिर झील में जाने की आशंका बनी हुई है।
हालांकि दिशा की बैठक में केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जाली लगाकर जलकुंभी को झील में जाने से रोका जाए, अब देखना होगा कि यह प्रयास कहां तक सफल होते हैं, क्योंकि अब तक करबला के पास जाली लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। ऐसे में करबला और उसके ऊपर की नहर की जलकुंभी को झील में जाने से कैसे रोका जाएगा यह एक बड़ा सवाल है,वही पिछले 2 वर्ष से सांख्य सागर झील में वोटिंग बंद थी,सैलानी मायूस होकर लौट रहे थे। अब सांख्य सागर झील से हरी चादर रूपी जलकुंभी हटने के कारण चारों और झील पानी के रूप में झील का सौंदर्य दिख रहा है। अब इस झील में राजकुमारी वोट को पुन:उतारा जाएगा,और पर्यटक पुन:इस झील में वोटिंग का आनंद ले सकेगें।