समय से पूर्व मानसून आने से बिगड़ सकते है हालात,प्रशासन सिर्फ बैठक कर रहा है

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शहर सहित अंचल भर में मानसून आने को है। इधर जिला प्रशासन से लेकर आपदा प्रबंधन की टीम ने अभी तक विपरीत परिस्थितियों के लिए कोई तैयारी नही की है। मानसून आने से पूर्व तैयारियों को लेकर जिला स्तर पर जो बैठक होती थी, वह बैठक तक अभी नहीं हुई है। ऐसे में शहर सहित अंचल में सिंध नदी किनारे जिन गांव में बाढ़ या जलभराव की स्थिति बनती है। उसके लिए कोई सावधानियां तय नहीं की गई है, जबकि पिछले साल से लेकर हर बार शहर में नालों किनारे कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बनती है।

इतना ही नही पिछले साल जहां पर बाढ़ या जलभराव की स्थिति निर्मित हुई थी, वहां पर भी प्रशासन ने ऐसे कोई इंतजाम नहीं किए जिससे इस बार लोगों को परेशानी न हो। न ही अभी तक आपदा प्रबंधन को लेकर कोई कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और न ही कोई राहत टीम बनाई गई है। जबकि १५ जून को शहर व जिले में तेज बारिश के आसार बने हुए है और अगर ऐसे में बारिश होती है तो लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी और कई जगह तो बाढ़ आने से हादसें तक हो जाते है।

दो माह से की जा रही है नालों की साफ-सफाई
नालों की सफाई का काम नगर पालिका ने एक अप्रैल से शुरू करवा दिया था, लेकिन अभी दो माह में ही यह काम पूरा नहीं हो पाया है अभी भी नालों में काफी कचरा है जो कि बारिश के समय मुसीबत बनेगा और नाले के किनारे पर बसे सभी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित होगी।

इन ग्रामों पर नहीं रहती कोई सुरक्षा
 कोलारस, रन्नौद, लुकवासा, बदरवास, नरवर से लेकर अन्य क्षेत्र जहां सिंध नदी में तेज बहाव आने के बाद ग्रामों में बाढ़ का पानी घुस आता है। वहां पर सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं होती है और हर साल ग्रामीणों के पानी में बहने के बाद मृत होने की खबरें आती है। पिछले साल भी छह लोग अलग-अलग घटनाओं में बह गए थे। यहां पर सुरक्षा को लेकर न तो पुलिस बल तैनात रहता है और न ही आपदा प्रबंधन की टीम।

शहर में इन स्थानों पर बनते है बाढ़ के हालात
तेज बारिश के मौसम में शहर के आदर्श कॉलोनी स्थित स्कूल व गली, मनियर, लाल माटी, संजय कॉलोनी स्थित धाउ गड्डा, वार्ड नंबर 28 पार्षद के घर के आगे, शंकर कॉलोनी, ठंडी सड़क के पास, तलैया मोहल्ला ईदगाह के सामने, मनियर तालाब के नीचे, महावीर नगर, राधारमण मंदिर के आगे पुरानी शिवपुरी सहित अंचल में रन्नौद, कोलारस, नरवर, करैरा से लेकर सिंध नदी किनारे बने सभी ग्रामों में बाढ़ के आसार बन जाते है। यहां पर हर साल जलभराव की स्थिति बनती है, इसके बाद भी प्रशासन यहां पर कोई ऐसी व्यवस्था नहीं कर पाया, जिससे हालात न बिगडे।