शिवपुरी। भोपला में बिना बीमा और एक्सपायर फिटनेस के दौड़ रही बस हादसे के बाद प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन सिंह यादव ने मप्र के सभी जिलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं इसी निर्देशों के क्रम में शिवपुरी में यातायात प्रभारी रणवीर सिंह यादव ने अपने अमले के साथ घोडा चौराहे पर मंगलवार को लगभग 40 बसों की चेकिंग की। इस चेकिंग में यह साफ नजर आया कि बसों से यात्रा करना कितना खतरनाक हो सकता है।
यातायात विभाग ने बसों की चेकिंग शुरू की, तो निजी बस संचालकों की लापरवाही सामने आ गई। जांच के दौरान कुछ बसें बिना परमिट शर्तों का पालन किए पाई गईं, तो कुछ पर नंबर प्लेट तक नहीं लगी थी। चेकिंग के दौरान कई खामियां भी सामने आईं-कहीं फर्स्ट एड बॉक्स नहीं था, तो किसी बस के दरवाजे को रस्सी (स्वाफी) से बांधा गया था। ऐस में जब बसों में बुनियादी सुरक्षा इंतजाम ही नहीं हैं, तो यात्रियों की जान की हिफाजत कैसे होगी,यह सबसे बड़ा सवाल था।
1. मां पीतांबरा ट्रैवल्स की बस
इस बस के चालक के पास कोई भी दस्तावेज नहीं मिला। उसने कहा कि कागजात ऑफिस में हैं। थोड़ी देर बाद जब मालिक तरुण खटीक मौके पर पहुंचे, तो पहले प्रभाव जमाने की कोशिश की, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उनकी बस का चालक वाहन को क्यों भगाकर ले गया, तो बोले, 'ले गया तो ले गया साहब, बस ग्वालियर बायपास पर खड़ी मिली। जांच में चालक बिना वर्दी के मिला, जिस पर चालान किया गया।
2. बैराड़ से शिवपुरी जा रही बस
इस बस में नंबर प्लेट नहीं लगी थी। चालक महेश ओझा के विरुद्ध चालानी कार्रवाई की गई।
3. बस क्रमांक MP 07 ZY 2711: इस बस के चालक माखन के वाहन पर भी नंबर प्लेट नहीं मिली, जिस पर कार्रवाई की गई।
4. बस क्रमांक MP 33 PG 0670:
इस बस में न तो फर्स्ट एड बॉक्स था, न ही कोई वैध दस्तावेज। चालक दस्तावेज दिखाने में असमर्थ रहा। चालान किया गया।
5. बस मालिकों की शिकायत
कुछ बस संचालक शिकायत करते नजर आए कि झांसी से शिवपुरी चलने वाली बसें एक बार का परमिट लेकर दिन में दो चक्कर लगाती हैं। ऐसे वाहनों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
6. बस क्रमांक MP 08 P 0495 :
चालक लल्ला की बस में ड्राइवर वाला गेट रस्सी (स्वाफी) से बांधा गया था और नंबर प्लेट भी सही नहीं थी। इस पर चालान किया गया।
7. बस क्रमांक MP 32 ZB 3149 (झांसी से शिवपुरी) :
चालक सागर यादव की बस में ओवरलोड सामान के कारण केबिन पर वजन अधिक था। आगे के डिपर भी हटे हुए थे। बस में अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड बॉक्स भी नहीं था। सभी खामियों के आधार पर चालानी कार्रवाई की गई।