शिवपुरी। जिले के खनियाधाना क्षेत्र का आज एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें जहां एक मां अपने सगे बेटे को ही घर के बाहर सुलाने के लिए मजबूर कर दिया। मां बीते 8 दिनों से घर पर ताला लगाकर अपनी बेटियों के पास ग्वालियर चली गई,और इधर बड़ा बेटा पिछले 8 दिनों से रोड पर रहने पर मजबूर हैं वहीं आपको बता दें कि युवक की एक 7 माह की बच्ची भी हैं वह भी ऐसी भरी गर्मी में बाहर रोड़ पर अपने माता-पिता के साथ सो रही है।
आखिर क्यों मजबूर हैं एक बेटा रोड़ पर सोने को
खनियाधाना थाना क्षेत्र के रहने वाले रविंद्र कोहली उम्र 35 साल ने बताया कि में शुरू से ही अपने घर पर नहीं रहता हूं,कभी में ग्वालियर तो कभी इंदौर,मुंबई जैसे शहरों में रहकर नौकरी करके अपना जीवन यापन करता आया हूं,लेकिन अभी कुछ समय पहले मेरी शादी हो गई,जिसके बाद मैं अपने घर खनियाधाना अपनी पत्नी और बच्ची के साथ रहने लगा,तो मेरी मां गोमती कोहली पत्नी स्व.भगवान दास कोहली को मेरा यहां घर पर रहना पसंद नहीं आया।
मां कहती हैं कि इस जमीन-जायदाद पर मेरा और मेरे छोटे बेटे रोहित का हक हैं
मां कहती है कि यहां तेरा कुछ नहीं हैं तूझे जहां रहना हैं वहां जा,यहां सिर्फ में और मेरा छोटा बेटा रोहित ही रहेगा,इस जमीन जायदाद पर केवल उसका ही अधिकार हैं,और किसी का नहीं। वहीं मेरा छोटा भाई भी मुझे परेशान करता हैं,उसपर खनियाधाना थाना में पहले से ही मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज हैं,फिर भी खनियाधाना में पदस्थ एक आरक्षक उसका बहुत खास हैं जो कि उसका पूरा सपोर्ट करता हैं यहां तक की मेरी थाने पर सुनवाई ना होने का कारण, केवल वह पुलिस वाला ही हैं वो मेरे भाई और मां को सपोर्ट कर रहा हैं।
10 सालों से में रहता था बाहरवहीं रविन्द्र कोहली ने बताया कि आज से 9 महीने पहले मेरे पिता भगवान दास कोहली की बीमारी की वजह से मौत हो गई मेरे पिता को पैरालिसिस था और वह 4 साल से बीमारी से जूझ रहे हैं, पिता की मौत के बाद से मेरे घरवाले मुझे और मेरी पत्नी को प्रताड़ित करने लगे,वह कहने लगे कि तुम लोग अब यहां से जाओ यहां तुम्हारा कुछ नहीं हैं,मुझसे मेरी मां गोमती कहती हैं कि तू पहले इंदौर,ग्वालियर,मुंबई रहता था तो अब यहां क्या कर रहा हैं।
यह जमीन हैं जिसमें मेरा भी हक हैं,लेकिन मेरी मां ने मुझे घर से निकाल दिया
जिसके बाद मैंने जमीन में से अपना हिस्सा मांगा तो मेरी मां ने खनियाधाना थाना में मेरी झूटी मारपीट कर दी। वहीं आपको बता दूं कि मेरे पिता के नाम काफी जमीन है 8850 वर्ग फीट का मकान सहित प्लॉट,मेन रोड पोटहाई पर 2 हजार स्कोरफिर जमीन हैं,वहीं मार्केट में भी मकान और दुकान बने हुए हैं। इसके साथ ही मेरे एक चाचा भी हैं तो मेरी दादी मां के नाम भी कुछ जमीन है उसमें भी मेरे पिता का हिस्सा हैं।
7 माह की छोटी बच्ची को हाथ मे लेकर 8 दिन से लगा रहा हूं थाने से चक्कर
लेकिन मेरी मां घर का ताला लगाकर हमें ऐसे भटकने के लिए यहां पर छोड़कर मेरी दोनों बहनों के पास ग्वालियर चली गई और हमें लगभग 8 दिन हो गई हैं ना ढंग से कुछ खाया हैं और ना ही कहीं रहने के लिए जगह हैं अभी मैं अपनी पत्नी और 7 माह की बच्ची को हाथ में लेकर रोड़ पर घूम रहा हूं ना कहीं सोने को जगह हैं और ना कहीं रहने को जगह हैं,अगर में घर का ताला भी तोड़ दूं तो मेरी मां पहले की तरह मुझ पर झूठा चोरी का इल्जाम लगाकर झूठी एफआईआर करवा दें इसी डर की वजह से में ताला नहीं तोड़ सकता।
आरक्षक थाने की गोपनीयता को कर रहा हैं उजागर
खनियाधाना थाने पर पिछले 8 दिनों से चक्कर लगा रहा हूं,लेकिन अभी तक मेरी वहां पर कोई सुनवाई नहीं की गई,क्योंकि पुलिस वाले मेरे छोटे भाई से स्वयं मिले हुए हैं। वहीं एक पुलिस वाला मेरी मां को थाने से खाना खिलाकर,उनको बस स्टैंड तक स्वयं छोड़कर आया,और वह पुलिस वाला थाने की गोपनीयता को भी पब्लिश कर रहा हैं,थाने पर में पहुंचता हूं तो वह भी वो मेरी मां और मेरे भाई को बता रहा हैं कि थाने में क्या चल रहा हैं, ऐसे पुलिस वाले पर कार्यवाही होनी भी अति आवश्यक हैं। ऐसे में बहुत परेशान हूं मेरी कोई सुनवाई नहीं की जा रही हैं।