काजल सिकरवार। शिवपुरी शहर के झींगुरा कॉलोनी में खंडेलवाल टेंट के पास एक पेड़ पर आज सुबह लोगों ने 4 घंटे तक एक पक्षी फंसा हुआ था। यह पक्षी 40 फुट की ऊंचाई पर उलझा हुआ था,पक्षी अपने स्तर पर निकलने का प्रयास कर रहा था लेकिन वह सफल नही हो सका,बताया जा रहा है कि उक्त पक्षी पतंग के मांझे में उलझा हुआ था। स्थानीय लोगों ने भी अपने स्तर से पक्षी को निकालने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो सका,अंत:जेसीआई के अध्यक्ष मोनिका तोमर ने नगर पालिका को फोन किया जब जाकर खंभे पर स्ट्रीट लाइट लगाने वाली क्रेन की सहायता से इस पक्षी का सफल रेस्क्यू किया। इस घटना में पक्षी का पैर मांझे से घायल हो गया। जब इस रेस्क्यू की वीडियो वायरल हुई तो कमेंट में इस पक्षी का नाम कैटल इग्रेट बताया जा रहा है। यह विदेशी मेहमान है और यह एशिया,अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में पाया जाता है।
आज शुक्रवार की सुबह 6 बजे आईपीएस स्कूल के पास निवास करने वाली जेसीआई की अध्यक्ष मोनिका तोमर ने अपने घर से इस पक्षी को देखा तो उन्होंने भी उसे निकालने का प्रयास किया,लेकिन वह उसे नहीं निकाल सकी,जिसके बाद उन्होंने नगरपालिका को सूचना दी फिर नगर पालिका ने तुरंत कार्यवाही करते हुए,उस फसे पक्षी की जान बचाते हुए उसका क्रेन की मदद से रेस्क्यू कर उसे वहां से निकालकर सुरक्षित छोड़ा,बताया जा रहा हैं कि पक्षी का पैर भी घायल हुआ हैं तथा उसका उपचार कर उसे पास में एक खेत के अंदर अन्य पक्षियों के साथ छोड़ दिया गया हैं,जब तक पक्षी ठीक नहीं हो जाता उसका वहीं रखा जायेगा।
जेसीआई की अध्यक्ष मोनिका तोमर ने खेत में छोड़ा पक्षी को
जेसीआई की अध्यक्ष मोनिका तोमर ने बताया कि में जब सुबह उठी तो मेरी नजर उस पक्षी पर पड़ी जो कि पेड़ पर पहले से उलझे पतंग के मांझे में फंसा हुआ था,उसे देख मैंने तत्काल नगरपालिका सूचित किया जिसके बाद वह तत्काल खंभों पर लाइट लगाने वाली क्रेन आई। क्रेन पर आए नगर पालिका के कर्मचारियों ने क्रेन की सहायता से इस पक्षी का सुरक्षित निकाला। हमने उस पक्षी को उपचार भी कराया और उसको पास में एक खेत पर छोड़ दिया हैं जहां वह अन्य पक्षियों से साथ कुछ समय रह सकें।
कैटल इग्रेट था यह पक्षी
सोशल पर वायरल हुई रेस्क्यू की वीडियो में कमेंट लिखे जा रहे है कि यह पक्षी कैटल इग्रेट है और यह शिवपुरी में विदेशी मेहमान है। माधव सागर लेक मे हर वर्ष कई विदेशी पक्षी आते है इसकी सागर इस क्षील का रामसागर साइट का दर्जा मिला है। यह पक्षी बहुत ऊंचाई पर उड़ता है। यह अपने झुंड के साथ उड़ रहा होगा और इस पेड़ पर बैठा होगा तो पेड़ पर पूर्व से उलझे धागे मे यह उलझ गया होगा।
कैटल इग्रेट मूल रूप से एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में पाया जाने वाला, यह अपने वितरण में तेजी से विस्तार कर चुका है और पिछली सदी में दुनिया के बाकी हिस्सों में सफलतापूर्वक बस गया है। यह पीले पंखों से सजे सफेद पक्षी हैं।