शिवपुरी। नगर परिषद नरवर जिला शिवपुरी में अपात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अवैधानिक तरीके से लाभ देने के सम्बन्ध में लोकायुक्त भोपाल में देवेंद्र चौरसिया निवासी सिद्धेश्वर कॉलोनी शिवपुरी द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस शिकायत पर जांच करते हुए लोकायुक्त ने तत्कालीन सीएमओ सहित चार अधिकारियों पर मामला दर्ज कर लिया है।
इसी प्रकरण में मामले में देवेंद्र चौरसिया ने सूचना के अधिकार के तहत कुछ दस्तावेजों की मांग की थी। नरवर नगर परिषद में जानकारी लेने गए आवेदक देवेंद्र चौरसिया और उनके भाई जीतेन्द्र चौरसिया को कार्यालय में बंधक बना धमकाने की कोशिश का मामला सामने आया है।
आवेदक देवेंद्र चौरसिया ने आरोप लगाया कि नगर परिषद नरवर में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए घोटाले को लेकर प्रकरण लोकायुक्त में प्रचलित है। मंगलवार को इसकी जानकारी लेने मैं अपने भाई के साथ गया था। जहां मुझे भाई सहित बंधक बना कर धमकाया गया। घटना के बाद आवेदक द्वारा आवेदन स्थानीय पुलिस थाने में दिया और घटना के वीडियो फुटेज भी दिए हैं।
यह की थी शिकायत लोकायुक्त में
वार्ड क्रमांक 06 में हितग्राही श्री हरिवल्लभ चौरसिया पुत्र श्री धन सुन्दर चौरसिया, हितग्राही श्री संतोष चौरसिया पुत्र श्री बृजमोहन चौरसिया तथा वार्ड क्रमांक 12 के हितग्राही श्री रामेश्वर पुत्र श्री जुगल किशोर चौरसिया, हितग्राही श्री मुकेश कुमार सक्सेना पुत्र श्री कृष्ण गोपाल सक्सैना - को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया गया जबकि उपरोक्त चारों हितग्राहियों पर स्वामित्व संबधी वैद्य दस्ताबेज नहीं थे। इस प्रकार उक्त अपात्र हितग्राहियों को कुल राशि 8.50 लाख रुपये निकाय की ओर से भुगतान की गई
इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर हुआ था मामला दर्ज
संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र.भोपाल द्वारा प्रकरण 03458/ई/21/21-22 विरुद्ध मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, नरवर जिला शिवपुरी - में दोषी पाये गये निकाय अधिकारी/कर्मचारी क्रमशः श्री द्वारिका प्रसाद शर्मा सी.एम.ओ(वर्तमान में सेवानिवृत्त), श्री अशोक कुमार यादव प्रभारी सी.एम.ओ(उपयंत्री वर्तमान पदस्थापना नगर पालिका परिषद डिंडोरी जिला डिंडोरी), श्री संतोष सोनी तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक(वर्तमान पदस्थापना राजस्व उपनिरीक्षक नगर परिषद खनियाधाना) एवं संविदा कर्मचारी श्री दीपक खटीक, श्री अरविंद शर्मा को अपात्र हितग्राहियों को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर चयनित करा कर निकाय को राशि 8.50 लाख रुपये की क्षति पहुचाने के लिए म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के अंतर्गत कदाचरण की श्रेणी में आरोपी बनाया गया है ।